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Rohit Tale Patil
जिस दिन वो हमे नजर आते है , हमे हमारा बिता हूआ कल याद आता है । बस उन्ही के खयालो में डूब कर , पूरी रात रोते हैं। मेरे खयालोकि मलिक
Mohd Shuaib Malik~सनम
तुम्हें जो यह दिल तोड़ने का शौक है| इसमें तुम्हारी परवरिश का दोष है| मैं इंतकाम नहीं ले रहा, क्योंकि मुझे खुदा का खौफ है| 🖋 Mohd Shuaib Malik19 मेरे एहसास #मलिक #शायर_मलिक_19
Manju Sharma 'kanti'
मेरे अरमानों का आसमान आंसमा जितना बड़ा था पर उसने मुझसे मेरे अरमान पूरे करने की आजादी छीन ली जब भी अरमान पूरे करना चाहा किसी ने रीति-रिवाज के नाम समझाया तो किसी ने मर्यादा के नाम पर तो किसी ने इज्जत के नाम पर पर मेरे अरमान कहां रुकने वाले थे अरमानों का आसमा बड़ा होता ही रहा पैर बढ़ाया तो किसी ने पैर खींचा हाथ बढ़ाया तो किसी ने हाथ खींचा वो अपनी मर्जी का चोला मुझ पर चढ़ाता गया मुझे पसंद नहीं तेरा वह करना मुझे पसंद नहीं तेरा यह करना मर्यादा का नाम देकर मर्यादा के लिए इज्जत का ताज पहनाया मुझको मैंने अपने अरमानों का दहन किया मैंने फिर भी मैं तत्पर थी मैं आतुर थी अपने अरमानों से मिलने को जिंदा थे वह किसी मन के कोने में ह्दय की किसी गहराई मे आज फिर तैयार कर रही हूं या यह कह दूं 'मैं तैयार हूं ' अरमानों से मिलने को अरमानों से मिलने को मेरे अरमानों का आसमान आंसमा जितना बड़ा था और यह बढ़ता रहेगा........ ©Manju Sharma 'kanti' मेरे अरमान
Indrapal Singh Thakur
Kas ke bo din fir aa jaye Bo tere ankho me ankhe dalna Bo tere labo ko chumna Bo tere sath galiyo me ghumna Kas bo din fir aa jaye मेरे अरमान
dr.rohit sarswati
बाजार मे भीड़ बहुत लगी थी जिस्म बैचेने वालो कि उस भीड़ मे अपने अरमान बैचेने वाली मे अकेली थी । ©rohit sarswati # मेरे अरमान # #allalone
Dr Om Saa
मेरी ख्वाहिश हैं कि मैं इतना अच्छा हो जाऊं..., पापा को मुझ पे गर्व हो, मैं उनसे गले लिपटूं और बच्चा हो जाऊं!! मेरे अरमान☺️
Dr ABHIMANYU PARASHAR
शीर्षक:-- मेरे अरमान:मेरे पिता -------------------------- मेरे सपने मेरी जान है पिता, मेरे अरमान है मेरे पिता, मेरी सांसे, मेरी धड़कन, मेरी आवाज है मेरे पिता, मैं उनका प्रतिरूप प्यारा हूं वो जग में लाए मुझको, मैं वो उजियारा हूं, मैं उनका प्रतिरूप पयारा हूं, निज साँसे पूरी कर, निज जीवन तो पशु भी जीया करते हैं, पर नचिकेता वही जो पिता के दुख पीया करते हैं, सुत पिता को पियारे, और सम्माने भरपूर , यही जीवन की सार्थकता और मानव का नूर। अभिमन्यू पाराशर साहित्यकार टी.सी.प्रकाश स्मृति भवन(गाँव--शिमला, जिला--झुंझुनू (राजस्थान ©Dr ABHIMANYU PARASHAR मेरे सपने मेरे अरमान मेरे पिता #colours