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सुसि ग़ाफ़िल

आयशा पर लिखी है कुछ पंक्तियां जिसने अभी आत्महत्या की है साबरमती नदी में!

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मुस्कुराता दर्द और भोली सी लड़की , 
उफान खाती नदी की शांत धारा बन गई! 

वो आयशा अब हवा बन गई , 
जालिम जमाने की नजरें गवाह बन गई! 

दुआएं क्या कि उसने खुदा से, 
जन्म जन्म के लिए जुदा करदे इंसानों से ! 

मोहब्बत के उसूलों पर सवाल कर गई , 
इस जमाने के खेल की शिकायत खुदा से कर गई! 

सब कुछ तो अच्छा था यहां , 
एक तरफा मोहब्बत उसको घायल कर गई! 

आंसू की बहती धारा और मोन की चीखें, 
साबरमती मां के  आंचल  में  पवित्र हो गई!  आयशा पर लिखी है कुछ पंक्तियां 
जिसने अभी आत्महत्या की है 
साबरमती नदी में!

Mahima Jain

फिल्म :- आयशा गायक :- अमित त्रिवेदी, निखिल डी'सूज़ा, न्यूमैन पिंटो। OPEN FOR COLLAB✨ #ATmoonrandombg1 • A Challenge by Aesthetic Thoughts #yqbaba #yqdidi #midnightthoughts #YourQuoteAndMine #aestheticthoughts #yqaestheticthoughts

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शाम भी कोई, जैसे है नदी, लहर लहर जैसे बह रही है।
कोई अनकही, कोई अनसुनी, बात धीमे धीमे कह रही है।
कहीं ना कहीं जागी हुई है कोई आरज़ू।
कहीं ना कहीं खोये हुए से है मैं और तू।

है खामोश दोनों।
(के बूम बूम बूम पारा पारा)
है मदहोश दोनों।। फिल्म :- आयशा
गायक :- अमित त्रिवेदी, निखिल डी'सूज़ा, न्यूमैन पिंटो।


OPEN FOR COLLAB✨ #ATmoonrandombg1 
• A Challenge by Aesthetic Thoughts

यशवंत कुमार

A tribute to Aayesha. Picture has been taken from a viral video on facebook. ओ आयशा ! आख़िर क्यूँ मर गई तुम ? दहेज दानवों से इतना क्यूँ डर #Dowry #opression #savegirls #SaveGirlChild #honourkilling #DowrySystem #spredhumainity

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                   ओ आयशा ! आख़िर क्यूँ मर गई तुम ?
                   दहेज दानवों से इतना क्यूँ डर गई तुम ?
सुनता आया  हूँ-  तुम दुर्गा हो, काली हो.
जीवन को  तुम ही तो जन्म देने वाली हो.
फिर अपने ही जीवन से क्यूँ  हहर गई तुम ?
ओ आयशा !   आख़िर  क्यूँ  मर  गई तुम ??
                    तुम अबला नहीं हो, शक्ति का अवतार हो.
                    सदियों से बारम्बार, जग की तारणहार हो.
                    फिर किस भय से  इतना सिहर गई तुम??
                    ओ आयशा !  आख़िर क्यूँ मर गई तुम ??
जगत्‌जननी होकर भी तुमने ये कैसा संदेश दिया?
क्यूँ नहीं  विप्लव को  अपना  तांडव नृत्य किया?
क्यूँ नहीं कलेजे भेद दिए तुमने अपनी बरछी से?
क्यूँ नहीं धरा को राक्षसों के लहू से संतृप्त किया?
                    कब तक तेरी ममता   तेरा ही गला घोंटेगी?
                    कब तक तेरी संताने ही, तेरी बोटी नोंचेंगी?
                    कब तक बनी रहोगी, तुम आख़िर अबला?
                   आख़िर कब तू जागेगी,अपना हित सोचेगी?
कहानियों के चरित्र से  तुम स्वयं को मुक्त करो.
ममता का आवरण त्यज, चक्षु अपने क्रुद्ध करो.
लक्ष्मीबाई, सुभद्रा, इंदिरा;  सब तो  तुम ही हो!
डर कर मरो नहीं, अस्तित्व की ख़ातिर युद्ध करो!! A tribute to Aayesha.

Picture has been taken from a viral video on facebook.

ओ आयशा ! आख़िर क्यूँ मर गई तुम ?
दहेज दानवों से इतना क्यूँ डर

मुरली कुमार

कब तक शर्मशार करोगे मर्द जात को, कब तक अपनी घिनौनी हरकतों से बाज आओगे। जब कूबत नहीं है पालने की किसी को तो घर लाते हो क्यों हो, और अगर हवस ह #Quote #Woman #Stop #RESPECT #yqbaba #Dowry #yqdidi #आयशा

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बड़े मर्द हैं भय्या हम, कहते फिरें जमाने से,
मर्दांगी हमारी निखर जाएगी नई औरतों को आजमाने से।।

किसी से इश्क नहीं करते हैं कोई मर्द कभी ,
महबूबा थोड़ी बनती है औरत एक रात बिताने से।।

वो तो जवानी ठंडी करनी थी तो ब्याह कर लिया,
अब बीवी थोड़ी बन जाएगी  सिंदूर का टीका लगाने से।।

औऱ हाँ बाप ने उसके दहेज़ कम दिया,
मुझे  फ़र्क़ नहीं पड़ता उसके जीने से मर जाने से।।

एक नहीं दो नहीं जितनी चाहे लाएंगे,
औरत तो बस पुतला है मिल जाती है भाव लगाने से।। कब तक शर्मशार करोगे मर्द जात को, कब तक अपनी घिनौनी हरकतों से बाज आओगे।
जब कूबत नहीं है पालने की किसी को तो घर लाते हो क्यों हो, और अगर हवस ह

Murli Bhagat

कब तक शर्मशार करोगे मर्द जात को, कब तक अपनी घिनौनी हरकतों से बाज आओगे। जब कूबत नहीं है पालने की किसी को तो घर लाते हो क्यों हो, और अगर हवस ह #Quote #Woman #Stop #RESPECT #yqbaba #Dowry #yqdidi #आयशा

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बड़े मर्द हैं भय्या हम, कहते फिरें जमाने से,
मर्दांगी हमारी निखर जाएगी नई औरतों को आजमाने से।।

किसी से इश्क नहीं करते हैं कोई मर्द कभी ,
महबूबा थोड़ी बनती है औरत एक रात बिताने से।।

वो तो जवानी ठंडी करनी थी तो ब्याह कर लिया,
अब बीवी थोड़ी बन जाएगी  सिंदूर का टीका लगाने से।।

औऱ हाँ बाप ने उसके दहेज़ कम दिया,
मुझे  फ़र्क़ नहीं पड़ता उसके जीने से मर जाने से।।

एक नहीं दो नहीं जितनी चाहे लाएंगे,
औरत तो बस पुतला है मिल जाती है भाव लगाने से।। कब तक शर्मशार करोगे मर्द जात को, कब तक अपनी घिनौनी हरकतों से बाज आओगे।
जब कूबत नहीं है पालने की किसी को तो घर लाते हो क्यों हो, और अगर हवस ह

Sunil itawadiya

लक्ष्मीबाई जैसा साहस इसमें मीराबाई जैसा प्रेम है पद्मावती जैसा जौहर इसमें दुर्गावती जैसा पराक्रम है नारी शक्ति.................. कदम से कदम

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मेरी yourquot बहनों के सम्मान में कुछ लाइन लक्ष्मीबाई जैसा साहस इसमें
मीराबाई जैसा प्रेम है
पद्मावती जैसा जौहर इसमें
दुर्गावती जैसा पराक्रम है
नारी शक्ति..................

कदम से कदम

Sunil itawadiya

नारी गौरव है, अभिमान है नारी ने ही ये रचा विधान है हमारा नतमस्तक इसको प्रणाम है नारी शक्ति.................. ये लक्ष्मी ,ये सरस्वती यही दुर्

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महिलाओं के सम्मान में

स्त्री तेरी कहानी
      👇 नारी गौरव है, अभिमान है
नारी ने ही ये रचा विधान है
हमारा नतमस्तक इसको प्रणाम है
नारी शक्ति..................
ये लक्ष्मी ,ये सरस्वती
यही दुर्

अज्ञात

#रत्नाकर कालोनी पेज-87 उन्होंने भी अपने चरण थाल में रखे, राकेश ने उनके भी चरण पखारे और उनके सामने उनके जूते रख दिये... अगले क्रम में विशाल #प्रेरक

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कृपया  पेज-87 कैप्शन में पढ़ें 🙏

©R. K. Soni #रत्नाकर कालोनी 
पेज-87
उन्होंने भी अपने चरण थाल में रखे, राकेश ने उनके भी चरण पखारे और उनके सामने उनके जूते रख दिये... अगले क्रम में विशाल

अज्ञात

#रत्नाकर कालोनी पेज-82 आगे आज मेरे यार की शादी है... आज मेरे यार की शादी.. लगता है जैसे सारे संसार की शादी है.... तो वहाँ धूम मची त्यों ह #प्रेरक

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पेज-82
यहाँ महिलामंडल नृत्य की महिमा कैसे कही जाए... 
कोई कत्थक में महारथ लिये कोई गरबा एक्सपर्ट, कोई कथक, भरतनाट्यम,ओडिसी,कुचीपुड़ी कथकली मोहिनीअट्टम, भांगड़ा आदि में रचा बसा दिख रहा कहीं फ़िल्मी गीतों पर मुक्तनृत्य किया जा रहा है..! एक ओर डी जे कमाल दिखा रहा है, दूसरी ओर बैंड धमाल मचा रहे हैं..जरा नये जरा में पुराने गीतों से माहौल ऐसा निर्मित हो रहा है मानो दो सितारों का जमीं पर है मिलन आज की रात..आज की रात.. मानो दो सदियाँ (1900-2022 )मिल रहीं हो..सबकी अपनी अपनी पसंद गीतों की झड़ी पर झड़ी लग रही है.. डी जे ने ज्यों ही बोला-
आगे कैप्शन में.. 🙏

©R. K. Soni #रत्नाकर कालोनी 
पेज-82
आगे 
आज मेरे यार की शादी है... आज मेरे यार की शादी.. लगता है जैसे सारे संसार की शादी है.... तो वहाँ धूम मची 
त्यों ह

अज्ञात

#रत्नाकर कालोनी पेज-77 कथाकार ने देखा.. यहाँ मंडप पर आज फिर दूल्हे को हल्दी लगेगी.. फिर चीकट और कन्हर की रस्में निभाई जानी हैं... चीकट..! ज #प्रेरक

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पेज-77.
आज की सुबह.. और रत्नाकर कालोनी... पंछियों के कलरव के साथ ही आयशा की मधुर बासुंरी का रियाज.. 
और साथ में बारात की जोरदार तैयारियां... यहाँ परसों की तरह आज सुबह फिर से चलितवाहन सुबह सुबह घरों घर दस्तक दे रहा है... वही चाय नाश्ते का निमंत्रण.. ! लगता है आज हलवाई लौट आया. सुबह से विशाल जी जॉगिंग को निकले हैं नौसाद साहब को साथ लिये मगर एक ओर वाहन से चाय नाश्ते की सूचना वहीं दूसरी ओर विशाल जी का घर घर जाकर बताना कि चाय नाश्ता तैयार हो चुका है आप सभी वहीं चाय नाश्ता करेंगे.... टाइम की पाबंद रत्नाकर कालोनीवासियों ने समय पर पहुंचकर नाश्ते का मुआयना किया.. आज नाश्ते में अनगिनत वैरायटी देखने को मिल रही हैं मानो कल की पूरी कसर विशाल साहब ने आज ही हलवाई से निकलवा ली हो...नाश्ते के डोंगो में इडली साम्भर, डोसा, पावभाजी, कटलेट, ब्रेडपकोडे, पोहा, साथ में दही खटाई, इमली खटाई, जलेबी, और रसो गुल्ला..
मनपसंद नाश्ता देखकर सबको मज़ा आ रहा है.. विशाल जी सबको नाश्ता करते देख नौसाद साहब से कह रहे हैं... जॉनी तुम्हारी मेहनत रंग लाई मेरे दोस्त...!
आगे कैप्शन में.. 🙏

©R. K. Soni #रत्नाकर कालोनी 
पेज-77
कथाकार ने देखा.. यहाँ मंडप पर आज फिर दूल्हे को हल्दी लगेगी.. फिर चीकट और कन्हर की रस्में निभाई जानी हैं... चीकट..! ज
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