Nojoto: Largest Storytelling Platform

New कभी मुझसे जुदा ना होना Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about कभी मुझसे जुदा ना होना from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, कभी मुझसे जुदा ना होना.

Rameshkumar Mehra Mehra

# कभी-कभी दिल चाहता है कि,तुम कोई सवाल ना पूछो,ना बजह पूछो,ना तसल्ली दो,ना ही कोई नसीहत,बस गले लगा लो,और खामोशी से कहो,मैं हूं ना तेरे लिए ह

read more

dilkibaatwithamit

मुझे याद है कभी एक थे, मग़र आज हम हैं जुदा जुदा वो जुदा हुए तो सँवर गए, हम जुदा हुए तो बिखर गए कभी रुक गए कभी चल दिए, कभी चलते चलते भटक ग

read more
White मुझे याद है कभी एक थे, मग़र आज हम हैं जुदा जुदा 
वो जुदा हुए तो सँवर गए, हम जुदा हुए तो बिखर गए 

कभी रुक गए कभी चल दिए, कभी चलते चलते भटक गए 
यूँ ही उम्र सारी गुज़ार दी, यूँ ही ज़िंदगी के सितम सहे 

कभी नींद में कभी होश में, तू जहाँ मिला तुझे देख कर 
ना नज़र मिली ना ज़ुबाँ हिली, यूँ ही सर झुका कर गुज़र गए 

कभी ज़ुल्फ़ पर कभी चश्म पर, कभी तेरे हसीन वुजूद पर 
जो पसन्द थे मेरी किताब में, वो शेर सारे बिखर गए 

कभी अर्श पर कभी फ़र्श पर, कभी उन के दर कभी दर बदर 
ग़म ए आशिक़ी तेरा शुक्रिया, हम कहाँ कहाँ से गुज़र गए..!!

©dilkibaatwithamit मुझे याद है कभी एक थे, मग़र आज हम हैं जुदा जुदा 
वो जुदा हुए तो सँवर गए, हम जुदा हुए तो बिखर गए 

कभी रुक गए कभी चल दिए, कभी चलते चलते भटक ग

Gaurav pawar

#Sad_Status रास्ते कभी खत्म नहीं होते, बस चलने का हौसला होना चाहिए। motivational quotes in hindi

read more
White रास्ते कभी खत्म नहीं होते, बस चलने का हौसला होना चाहिए।

©Gaurav pawar #Sad_Status रास्ते कभी खत्म नहीं होते, बस चलने का हौसला होना चाहिए। motivational quotes in hindi

विजय कुमार सुतेड़ी

अभय होना

read more
White द्वंद लिए सौ मन मंदिर में
मुग्ध हंसी भावों को लेकर
जो चलते निष्काम जगत में
चैतन्य खोज ही लाते हैं।
मिथ्या और कल्पित इस जग में 
वो ही अभय कहलाते  हैं।

संशय  और बंधन से उठकर
काम, लोभ और मोह कुचलकर
कलि के क्लिष्ट कालचक्र में भी
जो धरम ध्वजा लहराते हैं।
मिथ्या और कल्पित इस जग में 
वो ही अभय कहलाते हैं।

घोर दंश और प्रतिकारों में
जो  वैरागी बने सहज मन
इंद्रजीत सी आभा लेकर
चिरंजीव बन जाते है।
मिथ्या और कल्पित इस जग में
वो ही अभय कहलाते हैं।

लौकिक आडम्बर की जड़ता
भाव शून्य में अर्पण करते
जो श्लाघा की क्षुधा भुलाकर 
परहित मंगल  गाते है।
मिथ्या और कल्पित इस जग में
वो ही अभय कहलाते हैं।

जीव तत्व का दर्शन शिव में
जिन्हें मिला है अंतर्मन में
जगत बोध  और अनुभव पाकर
जो तारतम्य तर जाते है।
मिथ्या और कल्पित इस जग में 
वो ही अभय कहलाते हैं।।

©विजय कुमार सुतेड़ी अभय होना

लेखक 01Chauhan1

कभी कभी

read more
कभी-कभी आंखों से आसूं आ जाता है 
जिसे भुलाना चाहा वो याद आ जाता है 
दिल से उसे भुला चुके ख्याल उस का जाता है 
दिमाग कहता उसे याद करले दिल का क्या जाता है

©लेखक       01Chauhan1 कभी कभी

Bhupendra Rawat

#lovelife तुझे मेरी खामोशी का अंदाज़ा नहीं है अब तेरा, संग रहने का कोई इरादा नहीं है तुझे रास आया है मुझसे जुदा होना मेरा जख्म भी,अब तेरे म

read more
Unsplash तुझे मेरी खामोशी का अंदाज़ा नहीं है
अब तेरा, संग रहने का कोई इरादा नहीं है 
तुझे रास आया है मुझसे जुदा होना
मेरा जख्म भी,अब तेरे मरहम का प्यासा नहीं है

©Bhupendra Rawat #lovelife तुझे मेरी खामोशी का अंदाज़ा नहीं है
अब तेरा, संग रहने का कोई इरादा नहीं है 
तुझे रास आया है मुझसे जुदा होना
मेरा जख्म भी,अब तेरे म

हिमांशु Kulshreshtha

सोचता हूँ कभी कभी....

read more
White सोचता हूँ कभी कभी
क्या तुम मेरा इश्क़ थीं
या, यूँ ही बस एक इंसानी फ़ितरत
पसन्द करना किसी को
मोहब्बत के ख्याली पुलाव पकाना
ग़र ये, महज़ एक आकर्षण था
तेरे मुँह मोड़ने पर भी बाकी क्यूँ है
तो क्या है जो अब भी बाकी है मुझ में
एक शोर सा, मेरी सांसों की डोर सा
क्यों होता है ऐसा…
हर बार बेवफ़ा समझ कर
सोचता हूँ तुम से दूर जाने को
तेरा अक्स मेरी आँखों में उतर आता है
मुस्कुरा कर जैसे पूछ रहा हो
कैसे हो तुम, जो कहा करते थे
आख़िरी साँस तक चाहोगे मुझे
तब शर्त कहाँ थी उतना ही चाहोगी तुम
मुस्कुराहट तुम्हारी शोर बन कर
गूंजने लगती है मेरे भीतर
धड़कनें इस क़दर बढ़ जाती है
मानो दिल फटने को हो
हँसी में घुले सवाल गूंजने लगते हैं मेरे कानों में
एक शोर, जो डराने लगता है मुझे
हर बार, हर रात मुझे
जाग जाता हूँ मैं, भूल कर सारे शिकवे
एक और सुबह होती है मुझे याद दिलाने को
इश्क़ है मुझे तुम से, रहेगा भी आख़िरी साँस तक
इस जन्म, उस जन्म, हर जन्म

©हिमांशु Kulshreshtha सोचता हूँ कभी कभी....

Mahesh Patel

सहेली... कभी-कभी..लाला..

read more
Unsplash सहेली ....
कभी-कभी हम यूं ही मुस्कुराया करते...
कभी-कभी तुम्हारी बातों को यूं ही सुन लिया करते हैं..
कभी-कभी समझ में भी नहीं आता कि हम तुमसे यूं ही मिला करते हैं..
लाला...

©Mahesh Patel सहेली... कभी-कभी..लाला..

हिमांशु Kulshreshtha

कभी कभी...

read more
White कभी कभी 

तलब में इज़ाफ़ा भी 

कर देती हैं महरूमियाँ 

एहसास प्यास का 

बढ़ जाता है सहरा देख कर

©हिमांशु Kulshreshtha कभी कभी...

आधुनिक कवयित्री

जुदा.......

read more
जुदा हुए इस कदर,
दुबारा नजरे न मिला सके।
अजनबी है अवारा शहर में,
पहचान अपनी न छुपा सके।
आंसू पोंछते रहे अकेले,
किसी को दिखा न सके।
पूछा सबने उदास चेहरा देखकर,
हम कारण उदासी का बता न सके।
कहानी बहुत छोटी सी थी हमारी,
फिर भी किसे सुना न सके।
दुनियां ने बहुत कुछ सीखा दिया,
हम खुद को समझा न सके।
साथ चाहा हर किसी ने हमारा,
पर हम किसी ओर को अपना न सके।
समझ लिया सबने अपने अपने नज़रिए से ,
हम झूठ पर भी ऊंगली उठा न सके।
स्तब्ध होकर भूल गए दुनियां को,
पर उन यादों को न भूला सके।
जुदा हुए इस कदर,
दुबारा नजरे न मिला सके।

©आधुनिक कवयित्री जुदा.......
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile