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Shaarang Deepak
Bhupendra Rawat
मशहूर कर देता हूँ, आज तुझे, तेरे शब्द उपहार देकर कर दिया, दिल मे आघात तूने मुझे यूँ आवाज़ देकर खुशफहमी में था, मैं यूँ ही लेकिन कर दिये हालात नासाज़ झूठे ख्वाब देकर नाशिनास था फिर भी एक नामा लिख डाला चल दिये ज़नाब आब-ए-तल्ख़ उधार देकर एहतियात बरतना यां उस्तादों से ज़नाब नदीम ने खंज़र छुपाए रखे है,मीठे ख्वाब देकर आयन्दा मत देना आवाज़ इन कूचो में "भूपेंद्र" गम़्माज़ छुपे बैठे है, यां नक़ाब लेकर नाशिनास(अज्ञानी) नामा(पुस्तक) गम़्माज़ (भेदिया) आब-ए-तल्ख़ (आँसू) ©Bhupendra Rawat #sadak मशहूर कर देता हूँ, आज तुझे, तेरे शब्द उपहार देकर कर दिया, दिल मे आघात तूने मुझे यूँ आवाज़ देकर खुशफहमी में था, मैं यू
Ashutosh Mishra
मोहब्बत नाम है जिसका,वो अहसास हो तुम। जीना सिखाया जिंदगी को,वो मददगार हो तुम। मेरा पहला तो नहीं,, पर आखरी प्यार हो तुम। अल्फ़ाज़ मेरे ✍️🙏🙏 ©Ashutosh Mishra #mohabbat मोहब्बत नामा है जिसका, वो अहसास हो तुम। जीना सिखाया जिंदगी को,वो मददगार हो तुम। पहला तो नहीं,,, पर आखरी प्यार हो तुम। #NojotoTren
Vipul Agrawal Bijnor
आदि देव शिव देव के,प्रचंड रूप सब भए। तीनों लोक सब देव भी,मस्तक चरणों में धरे। विशाल भुजा गंगा जटाये, माथे तेरे चंदा सुहाय। नंदी बैल तेरी सवारी,भूत पिशाच संग तेरी यारी। महाकाल आदि सब नामा, तीनों लोक करते गुंडगाना। ब्रह्मा विष्णु भी शीश झुकाए,आदि अनंत तुम देव कहाये। श्मशान घाट कैलाश निवासा, पूरी करते सबकी आशा। अनंत रूप साँपों के स्वामी,जो भी इच्छा सब हैं जानी। 🙏🙏🙏🙏🙏 ©Vipul Agrawal Bijnor #yogaday #shivji आदि देव शिव देव के,प्रचंड रूप सब भए। तीनों लोक सब देव भी,मस्तक चरणों में धरे। विशाल भुजा गंगा जटाये, माथे तेरे चंदा सुहाय।
Vedantika
गुहर-ए-मोहब्बत नहीं होता सहल सभी को यहाँ जिन्हें मिलता आसानी से वे ठुकरा देते है अक्सर ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ आज का शब्द है "गुहर" "guhar" जिसका हिन्दी में अर्थ होता है मोती एवं अंग्रेजी में अर्थ होता है pe
CM Chaitanyaa
" श्री चैतन्य महाप्रभु " श्री कृष्ण चैतन्य महाप्रभु का प्राकट्य सन् 1486 में फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा को पश्चिम बंगाल के नवद्वीप (नादिया) नामक गाँव में हुआ। यह स्वयं श
Sircastic Saurabh
मुबहम से हो चुके है सारे नज़ारे, कोहसार,आबशार,शादाब सा कुछ नजर नहीं आता, ये क्या कर दिया मेरी कुशिन्द - ए - आलम तूने, अहबाबों को भी नहीं रहने दिया करीब मेरे, और अब नामा-बर भी मेरे घर नहीं आता!! ©Sircastic Saurabh #मुबहम - धुंधला, कोहसार - पहाड़, #आबशार - झरना, शादाब - हरा भरा, # कुशिन्द -ए -आलम - दुनिया के कातिल, # नामा- बर - डाकिया #किसी और को अप
Abid
उसकी खुशियों मे हमारी दस्तख़त शामिल रही मैंने जब सारी विरासत उसके मुह पे मार दी Urdu_Word_Collab_Challenge_ Collab करें मेरे साथ 👉 Urdu_Hindi Poetry आज का लफ्ज़ है "दस्तख़त" अब पहले की तरह एक विजेता नहीं बल्कि 3 विजेता