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INDIA CORE NEWS
Ashutosh Mishra
White मतदान,,,,,,,मत+दान जैसा कि हम सभी जानते है मतदान प्रजातंत्र का अभिन्न अंग है,मतदान सदैव किसी धर्म जाति लिंग या व्यक्ती विशेष या निज स्वार्थ को ध्यान में रखकर नहीं करना चाहिए,अपितु देशहित को ध्यान में रखकर ही मतदान करना चाहिए करना चाहिये। आपने मत का दान बहुत सोच समझ के करें और किसी के बहकावे या धमकाने में ना आएं ये आप का पूर्ण अधिकार है। अल्फ़ाज मेरे✍️🙏🙏 ©Ashutosh Mishra #VoteForIndia आप सभी अपने मत का दान बहुत सोच समझकर बिना किसी दबाव के करें ये आपका अधिकार है। #मतदान #मतदाता #मतदान_अवश्य_करें #मतदान_सही
Real Foundation Guru
White #National Voter's Days ⁉️ National Voters' Day is celebrated annually in India on 25 January to mark the foundation day of Election Commission of India. #राष्ट्रीय मतदाता दिवस ⁉️ भारत में राष्ट्रीय मतदाता दिवस हर साल 25 जनवरी को भारत के चुनाव आयोग के स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है। ©Real Foundation Guru #VoteForIndia #National Voter's Days ⁉️ National Voters' Day is celebrated annually in India on 25 January to mark the foundation day of El
Amit Seth
संगीत कुमार
Meri Mati Mera Desh 26. (भारतीय रेल) भारतीय रेल तुझे जन्मदिन की शुभकामना। भारत की धरती पर दिन 16 अप्रैल 1853 से चलना शुरू हुआ।। एशिया मे तू दुसरा सबसे बड़ा रेल - जाल बना। सरकारी अधिकृत वाला जग का तू चतुर्थ रेल-क्रांति बना।। भारतीय रेल तुझे जन्मदिन की शुभकामना। भारत के परिवहन का अभिन्न श्रोत बना। तेरह लाख से अधिक कर्मचारियों तु परिवार बना।। सबके जीवनरूपी आनंद को एक सूत्र मे बांँधे रहा। उत्तर-दक्षिण, पूर्व -पश्चिम हर कोने सबको पहुँचाता रहा।। भारतीय रेल तुझे जन्मदिन की शुभकामना। भारतीय रेल टूटे दिलों को जोड़ता रहा। आपदा में हर क्षेत्र को सामग्री पहुँचाता रहा ।। कर्मचारी , सजग होकर अपने पथ पर चलता रहा। हर प्रलय को झेलता रहा, सब की सेवा करता रहा।। भारतीय रेल तुझे जन्मदिन की शुभकामना। भारतीय रेल सत्रह क्षेत्र में विभक्त है। अनेक उपक्रम इसके अधीन कार्यरत है।। कार्य करने को सब तत्पर है। उन्नति की ओर अग्रसर है।। भारतीय रेल तुझे जन्मदिन की शुभकामना। भारतीय रेल कामयाबी अपने नाम किया। विश्व धरोहर सूची मे नाम दर्ज हुआ।। अनेक गाड़ीयाँ अपने नाम किया। अपने-अपने क्षेत्र में पहचान हुआ।। भारतीय रेल तुझे जन्मदिन की शुभकामना। ©संगीत कुमार #26. (भारतीय रेल) भारतीय रेल तुझे जन्मदिन की शुभकामना। भारत की धरती पर दिन 16 अप्रैल 1853 से चलना शुरू हुआ।। एशिया मे तू दुसरा सबसे बड़ा
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
Black बहुत सुकून में हूं जबसे मुनाफिको का साथ छोड़ दिया सो मैंने झूठों की *शिरकतों का साथ छोड़ दिया//१ उम्मीद थी के वो मुझसे बुगज़ ना रखेंगे,सो मैंने देखी ये अदा तो उनकी फितरतों का साथ छोड़ दिया//२ जो दिलशिकन दिल का कत्ल करे,वो कातिल ही है,सो मैने ऐसो की*अजीयतो का साथ छोड़ दिया//३ तकलीफ जिनसे बरसों बरस के पूर मलाली याराने थे, सो मैंने अब ऐसे अदू की*फहरिस्तो का साथ छोड़ दिया//४ जो थे अपने मुनाफिकत में शुमार,सो "शमा"ने सुकू ए एवज ऐसी *वाहियातो का साथ छोड़ दिया//५ #shamawritesBebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #Thinking #Nojoto बहुत सुकून में हूं जबसे*मुनाफिको का साथ छोड़ दिया,सो मैंने झूठों की *शिरकतों का साथ छोड़ दिया//१ *धोखेबाज*साझेदारी उम्मीद
Shailendra Anand
White रचना दिनांक 7,,,,,4,,,,2024 वार,,, रविवार समयकाल,,,सुबह पांच बजे ््््छाया चित्र में भावचित्र खिंचती हुई घटनाओं से अवगत नवयुगल दम्पत्ति आकृति चिन्हित दिलों में जगह दिल और दिमाग और देश प्रेम है््््् ्््देश दिल दिमाग दिवाना जूनून जोश और उत्साह में आकर सब कुछ है,, है वो वन्दना है या इतिहास में देखने वाले आत्ममंथन करना ही जिंदगी है्््् ््््जो मैं जिंदगी का आयना नजरिया बदल रहे परिवेश परिवर्तन अपने आप में एक क़ान्तिकारी कदम साबित हो रहे है ्् जो विनाश काले विपरीत बुद्धि साबित हो सकते है ,, क्योंकि मन में भय खौफ दहशत का बोलबाला है,,।। चाहे जो भी हो सकता है,, लेकिन तंत्र लोकतंत्र की रक्षा में नींव की तरह संघर्ष जरुरी है,।। आज चेहरे पर और नीतियों पर सवाल कटाक्ष कथन सच्चाई से असल मुद्दे से कोसों दूर भागते नजर आ रहे है,, आज कितने ही मतदाता जागरूकता अभियान संवाद से और हकीकत से दिग्भ्रमित है ,, र और आधारहीन जनसंवाद तर्कसंगत अभिव्यक्ति अनुवाद अन्तर्मन केपरिद़ष्य से दूर है।। आज जनचेतना अभियान में भारतीय नागरिक वोट मुल्याकन में आगे बढ़ो बुद्धिजीवियों में मानवता और इंसानियत और भारत प्रजातांत्रिक व्यवस्था और संविधान की रक्षा संस्कृति को सुरक्षा प्रदान करना ही आज की स्वतंत्रता की दुसरी लड़ाई का शंखनाद हो चुका है।। यही आम नागरिक की आजादी का एक स्वतंत्रता संग़ाम का रणभूमि आजादी है अभिमत की रक्षा करना ही जिंदगी है।। ््््््् ्््््कवि शैलेंद्र आनंद ्््् 7,,,,,, अप्रैल,,,,2024,,,,,, अब जागो भारत जागो भारतियों जागो देश को आगे बढ़ाया जाना ही असली आज़ादी है।। ©Shailendra Anand #Couple देश और समाज दिल की आवाज सुनकर देश में अवाम में खुशहाली लाना ही असली आज़ादी है ्््निजधिचार मतदाता जागरूकता अभियान कवि शैलेंद्र आनंद ्
Ravendra
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
voters day quotes in hindi विषय :- लोकतंत्र का उत्सव ,(मतदान) भूल नहीं माँ बहनो जाओ , करने को मतदान । एक-एक मत से है मिलता , तुमको नेक प्रधान ।।भूल-नहीं... देखो लालच में मत पड़ना , सभी लगाये घात । बिजली पानी सड़क खडंजा , लाये हैं सौगात ।। इनमें उलझ-उलझ कर देखो , खोना मत ईमान ।भूल नहीं ... बनके राजा जब बैठेंगे , देंगे पग-पग शूल । मगर नहीं दे सकते तुमको, वे बच्चों का स्कूल ।। अब खोल-खोल स्कूल जगत में, बनते सब धनवान ।भूल नहीं .. अपना मत अपनी इच्छा से , देने का अधिकार । बनो सजग मतदाता जग के , यह जग है परिवार ।। आसमान जब छुए तिरंगा , बढ़े देश का शान ।भूल नहीं... विरला ही भोता है जग में , नेता एक महान । चोर लुटेरे देख आज लो , करते धन को दान ।। इसी लोभ में फँसता देखो , भोला हर इंसान ।भूल नहीं... भूल नहीं माँ बहनो जाओ , करने को मतदान । एक-एक मत से है मिलता , तुमको नेक प्रधान ।। २८/०३/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR विषय :- लोकतंत्र का उत्सव ,(मतदान) भूल नहीं माँ बहनो जाओ , करने को मतदान । एक-एक मत से है मिलता , तुमको नेक प्रधान ।।भूल-नहीं... देखो लालच
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
मनहरण घनाक्षरी :- लोभ मोह माया छोडो , आपस में नाता जोड़ो । त्यागो अभी हृदय से , दुष्ट अभिमान को । नही अब सिर फोड़ो ,बैरी ये दीवार तोड़ो , चलो सब मिलकर, करो मतदान को । ये तो सब लुटेरे हैं , करते हेरे-फेरे हैं पहचानते है हम , छुपे शैतान को । मतदान कर रहे , क्या बुराई कर रहे, रेंगता है मतदाता , देख के विधान को ।।१ वो भी तो है मतदाता, क्यों दे जान अन्नदाता , पूछने मैं आज आयी , सुनों सरकार से । मीठी-मीठी बात करे , दिल से लगाव करे, आते हाथ सत्ता यह , दिखता लाचार से । घर गली शौचालय, खोता गया विद्यालय, देखे जो हैं अस्पताल , लगते बीमार से। घर-घर रोग छाया , मिट रही यह काया , पूछने जो आज बैठा , कहतें व्यापार से ।।२ टीप-टिप वर्षा होती , छत से गिरते मोती , रात भर मियां बीवी , भरते बखार थे । नई-नई शादी हुई , घर में दाखिल हुई , पूछने वो लगी फिर , औ कितने यार थे । मैने कहा भाग्यवान , मत कर परेशान , कल भी तो तुमसे ही , करते दुलार थे । और नही पास कोई , तुम बिन आँख रोई, जब तेरी याद आई , सुन लो बीमार थे ।।३ २८/०३/२०२४ महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मनहरण घनाक्षरी :- लोभ मोह माया छोडो , आपस में नाता जोड़ो । त्यागो अभी हृदय से , दुष्ट अभिमान को । नही अब सिर फोड़ो ,बैरी ये दीवार तोड़ो , चलो