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Südhäñshü K. Ťïwärï
AB
Things Goes Odd.... When You Leave Efforts And Believing On God..... !! Om Nmh Shiway.. Good Morning... Have a Great Day...... !! Om Nmh Shiway_____🍁🍁 God's love it's so wonderdul God's love it's so wonderful O wonderful lord ______ अदृश्य शक्ति जिसने सृष्टि का निर्म
तुषार"आदित्य"
आज हिन्दू नववर्ष का प्रथम दिन है।पुराणों के अनुसार आज ही जगतपिता ब्रह्मा ने सृष्टि का निर्माण किया था,अर्थात प्रारम्भ हुआ था नवजीवन का, नई ऊर्जा का,नए आयामो का और नई यात्रा का। आज आरम्भ का दिन है,आशा है आपके जीवन मे भी आज से आरम्भ हो नए प्रकाश का जो आपके जीवन को प्रगति के पथ पर लेकर जाए बीते दिनों में की हुए गलतियों का अनुभव आपके जीवन को और बेहतर बनाता जाए,इस बार आपकी सभी गलतियां भी नई हो जो आपको नए अनुभव सिखाये। जीवन में कुछ नए दुख भी आएँगे,उनसे निकलने,सीखने और उन्हें सुधारने की क्षमता भी ईश्वर आपको प्रदान करें। आप सभी को नए वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं। आपका आज हिन्दू नववर्ष का प्रथम दिन है।पुराणों के अनुसार आज ही जगतपिता ब्रह्मा ने सृष्टि का निर्माण किया था,अर्थात प्रारम्भ हुआ था नवजीवन का, नई ऊ
Shipra Pandey ''Jagriti'
गुरु का मतलब.. गु... गहन अंधकार रु.. प्रकाश की ओर ले जाए जो हमें गहन अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाए..! ©Aishani गुरू वो है जो.. अज्ञानता के गहन अंधकार से ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाता है, समस्त अहंकारों का समूल नाश कर सरलता एवं स्वाभिमान का पाठ पढ़ात
Atul Sharma
*सुविचार* *Date-18/5/19* *Day-Saturday* "मैं" एक ऐसा "शब्द" जिसके कई सारे अर्थ है... वास्तविक "अर्थ" है "अहम" यदि आप बात करोगे... "सृष्टि" के निर्माण की... तो यह "मैं" "ब्रह्मदेव" बनकर "सृष्टि" का "निर्माण" करेगा.. यदि आप बात करोगे "प्रलय"🌋🔥की... तो यह "मैं" "महादेव" बनकर "विनाश" करेगा.. यह मैं"सद्भाव"... किंतु केवल तब तक.. जब तक आप इसे सब के साथ" बांटो" ... किंतु हम "मनुष्य" कई बार इसका" अर्थ" समझ नहीं पाते... इस"मैं" को" सीमित" कर देते हैं केवल" एक व्यक्ति तक" ... केवल स्वयं तक" और तब जागता है...."अहंकार".. इसमें केवल आकार होता है मैं" का.. "हम" का नहीं.. और "अकेले व्यक्ति" ना ही "उत्पत्ति" कर सकता है.. ना कर सकता है" सृजन" अब देखिए ना.." वर्षा" 🌧की एक "बूंद"💧 उसका भी" अस्तित्व" होता है किंतु वह" धरा" पर गिरते ही समाप्त हो जाती है... जब" बूंदे"💦 मिलकर गिरती है तब होती है" वर्षा" और तब बनती है "धारा" 🌊समझे आप.... तो इस "मैं" को "हम" में बदल दीजिए... "अहंकार" को त्याग दीजिए...... Bý-Åťüľ Şhãřmå 🖊️🖋️✨✨🙏🏻👍🏻 *सुविचार* *Date-18/5/19* *Day-Saturday* "मैं" एक ऐसा "शब्द" जिसके कई सारे अर्थ है... वास्तविक "अर्थ" है "अहम" यदि आप बात करोगे... "सृष्टि
Divyanshu Pathak
यह मुस्कान किसी चेहरे पर आसानी से नहीं आ सकती। इसके लिए मन बहुत पवित्र चाहिए। अहंकार मुक्त होना चाहिए। मन में कुछ दूसरों के लिए करने का भाव होना चाहिए। वापिस कुछ मांगे बिना, बिना अपेक्षा भाव के। आज इस मुस्कान का स्थान गंभीरता ने, अहंकार ने, अकेलेपन या व्यष्टि भाव ने ले लिया है। हर कोई गंभीर चिन्तक नजर आना चाहता है। हंसना-गाना तो बच्चों से भी छीना जा रहा है। मां-बाप स्वयं साक्षी बनते हैं। 😊💕#सुप्रभातम💕😊🌷 आप सभी को मकरसंक्रांति एवं लोहणी पर्व की शुभकामनाएं ईश्वर आपको मंगलकारी वातारण दे । आप उम्र भर हँसते रहें । कृष्ण की तरह ---
AB
©alps सुनो ना,. क्या तुम्हें पता है दुनिया में सबसे अधिक सुखद क्या होता होगा...? किसी अजन्मे
Divyanshu Pathak
मंदिर 02 प्रेम पथ के यात्री को क्रोध विक्षिप्त कर डालता है। क्योंकि प्रेम अहंकार शून्य स्थिति में संभव है। क्रोध अहंकार का पर्याय है। प्रेम ह्वदय मे रहता है,अहंकार बुद्धि में। स्वभाव से दोनों ही विरोधाभासी हैं। प्रेम में व्यक्ति स्वयं को कभी नहीं देखता। प्रेमी के आगे स्वयं लीन हो जाता है। जैसे मन्दिर में ईश्वर के आगे समर्पित होकर चित्त में उसको स्थिर कर लेता है। यही तो प्रेम की परिभाषा है। वहां कभी दो नहीं रहते। सही अर्थो में तो कर्म का कर्ता भी व्यक्ति नहीं होता। जब कामना तथा कामना पूर्ति का निर्णय दोनों ही व्यक्ति के हाथ में नहीं हैं,तब उसका कर्ता
Divyanshu Pathak
7. देवी कालरात्रि और संख्या - 3 पर मेरा मत ----- नवदुर्गाओं के 9 रूपों में से 6 रूपों को क्रमशः 9- अंक से लेकर 4 अंकों तक जीवन, पोषण, संसार के कौतूहल, ब्रह्माण्ड की रचना, प्रकृति की माँ और प्रेम के साकार स्वरूप कात्यायनी के बारे में बात की। आज 7 वां दिन माँ कालरात्रि का है। मेरा अपना मनना है कि उनके नाम से ही मालूम होता है कि वे समय की रचना से पूर्व की दुनिया हैं।हम उसे प्रलय काल भी कह सकते हैं। ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति से पूर्व सम्पूर्ण सृष्टि अंधकार मय ही तो होती है। उसी अंधकार का नाम कालरात्रि है। वे 3 आँखों वाली देवी हैं।ये 3 आँखें संसार के तीन गुण हैं। सतोगुण, रजोगुण और तमोगुण। इन तीन गुणों से ही त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु और महेश हैं। वैदिककाल के ऋषियों ने त्रैतवाद से संसार की व्याख्या की। त्रैतवाद के अनुसार दुनिया 3 के योग से बनी। वे परमात्मा, प्रकृति और जीवात्मा के रूप में दुनिया का अस्तित्व मानते हैं। समय के भी 3 भाग (भूतकाल, वर्तमानकाल और भविष्यकाल) हैं। आओ देवी कालरात्रि के दर्शन करने के लिए कैप्शन पढ़ें--- 7. देवी कालरात्रि और संख्या - 3 पर मेरा मत ----- नवदुर्गाओं के 9 रूपों में से 6 रूपों को क्रमशः 9- अंक से लेकर 4 अंकों तक जीवन, पोषण, संसार
विष्णुप्रिया
गृहस्थ और वैराग्य के मध्य उलझे कुछ विचार, कुछ भाव, कुछ मान्यताएं, और, उनका उत्तर खोजती मैं... इसी उधेड़बुन में यह कहनी रच गई... ' हिमाद्रि ' कैप्शन में पढ़े... हिमालय....यह....नाम सुनते ही तीव्र अद्यात्मिक ऊर्जा का संचार सा होने लगता है मेरे भीतर । फिर भी आज तक हिमालय दर्शन का सौभाग्य, प्राप्त ना हो