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Parasram Arora
White इस जटिल जग मे जीना इतना आसान नहीं और मरना भी कितना मुश्किल है जीने मरने की इस प्रतिसोर्धा के झूले मे झूलती रही हैँ जिंदगी ता उम्र ©Parasram Arora जीना मरना
जीना मरना
read moreNaimuddin
Red sands and spectacular sandstone rock formations मैं तो खा मा खा में बदमान हो गया । इश्क़ उन्होंने किया मुझसे, और मेरा नाम हो गया ।। और अब वो छोड़ कर गए है इस तरह तन्हा मुझे, मेरा जीना और मरना हराम हो गया।। ©Naimuddin मैं तो खा मा खा में बदमान हो गया । इश्क़ उन्होंने किया मुझसे, और मेरा नाम हो गया ।। और अब वो छोड़ कर गए है इस तरह तन्हा मुझे, मेरा जीना और मरन
मैं तो खा मा खा में बदमान हो गया । इश्क़ उन्होंने किया मुझसे, और मेरा नाम हो गया ।। और अब वो छोड़ कर गए है इस तरह तन्हा मुझे, मेरा जीना और मरन
read moreनवीन बहुगुणा(शून्य)
तेरे गुमसुम होने की वजह हूं क्या तेरे उदास चेहरे की सजा हूं क्या #emotional_sad_shayari love
read moreneelu
White ऐसा ना हो आप जागे और सवेरा हो जाए ©neelu #love_shayari #ऐसा ना हो #आप जागे और #सवेरा हो #जाए
#love_shayari #ऐसा ना हो #आप जागे और #सवेरा हो #जाए
read moreKamal bhansali
White शीर्षक : ऐसे ही अब जीना है.... खुशहाल रहे जीवन, ये अहसास हर कोई करता प्रश्न गहन, फुर्सत में कौन जिंदगी से ये बात करता ! दौड़ रही राहें, पांवों का रुकना अब मुश्किल लगता अगर भूल से गिर गये तो आजकल कौन किसे उठाता ! हसरतों भरे आशियाने सज कर भी वीराने से लगते दुनियादारी निभाने कभी मुस्कुराते चेहरे संग दिख जाते रिश्तों के संसार में मजबूरी की आह रोज सुनाई देती राजनीति की बीमारी जग बंधनों में भी अब नजर आती उम्र की कोई कद्र न हो तो रिश्तों में मिठास नहीं रहती किसे समझाएं ! टूटे सूखे पत्तों से महक कम ही आती फलसफा जीने का, आज में ही अब सब कुछ पाना है धोखा दे रही सांसे, उन पर भी अब विश्वास का रोना है "कमल", सुख अब संसार का सुंदर टूटा सा खिलौना है कल्पना में ही सब कुछ पाना, ऐसा ही अब ये जमाना है ✍️ कमल भंसाली ©Kamal bhansali # ऐसे ही अब जीना है#कमल भंसाली
# ऐसे ही अब जीना हैकमल भंसाली
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी मुँह चिढ़ाती योजनाएं नीतियां कब्र खोद रही मुद्रा का स्तर डांवाडोल हो गया मंहगाई का दम रुपया अब चौरासी में एक डॉलर को चुनता है सरकारे चुनने का परिणाम जनता को हर दम भुगतना पड़ता है समस्याओं का कारण, सियासतें है जो विभाजन कौमो और धर्मो में करती है निर्भरता जनता की,सरकारों पर बढ़ा दी भर भर कर लूटा जाता है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #GoodMorning मुद्रा का स्तर डावाडोल हो गया
#GoodMorning मुद्रा का स्तर डावाडोल हो गया
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