Find the Latest Status about दीवानों की हस्ती कविता का अर्थ from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, दीवानों की हस्ती कविता का अर्थ.
HARSH369
मन कि व्यथा मन ही जाने, ना तुम जान सको न मैं जानू क्या मन करवाये क्यू करवाये ये मन ना तुम जान सको ना हि मैं जानू.. बेधड़क बोलता हूं,बेखौफ बोलता हूं रिस्तो के बन्धन को कान्टों पर तोलता हूं जिसके पास जितना पैसा, उसी कि सरकार है बाकि बेकारो के लिये बेकार परिवार है,..! बाकि ये सब क्यूं बनाया भगवान ने ना तुम जान सके ना हि मैं जानू..! मन की व्यथा..मन हि जाने..!! ©SHI.V.A 369 #मन की व्यथा..!! #कविता मन की
विपिन सिंह फौजी
" मुझे किसी महिला के द्वारा की गई प्रशंसा का एक शब्द किसी पुरुष की पूरी कविता से अधिक प्रिय है। ©विपिन सिंह फौजी #Tulips " मुझे किसी महिला के द्वारा की गई प्रशंसा का एक शब्द किसी पुरुष की पूरी कविता से अधिक प्रिय है।
HintsOfHeart.
"गाँठ अगर लग जाए तो फिर रिश्ते हों या डोरी, लाख करें कोशिश खुलने में वक़्त तो लगता है"¹ ©HintsOfHeart. #हस्तीमल 'हस्ती' #जन्म_जयंती 1.हस्तीमल 'हस्ती' - हिन्दी ग़ज़ल में एक जाना पहचाना नाम।
HintsOfHeart.
"सपने की एक किरण मुझको दो ना, है मेरा इष्ट तुम्हारे उस सपने का कण होना। और सब समय पराया है, बस उतना ही क्षण अपना। तुम्हारी पलकों का कँपना, तनिक-सा चमक खुलना, फिर झँपना।"¹ ©HintsOfHeart. #Good_Night 💖 1.अज्ञेय की कविता #पलकों_का_कँपना का अंश।
HintsOfHeart.
"यदि स्वर्ग कहीं है पृथ्वी पर, तो वह नारी उर के भीतर, दल पर दल खोल हृदय के अस्तर जब बिठलाती प्रसन्न होकर वह अमर प्रणय के शतदल पर! मादकता जग में कहीं अगर, वह नारी अधरों में सुखकर, क्षण में प्राणों की पीड़ा हर, नव जीवन का दे सकती वर वह अधरों पर धर मदिराधर।"¹ ©HintsOfHeart. #सुमित्रानंदन_पंत #Good_Night 💖 1. सुमित्रानंदन पंत की कविता 'स्त्री' का अंश।
r̴i̴t̴i̴k̴a̴ shukla
घर से दूर घर की याद बहुत आती है। सुबह तो भाग दौड़ मे निकल जाती, शाम संग यादों का कारवां लाती है, घर से दूर घर की याद बहुत आती है। सब कुछ है इस शहर मे, बस अपनापन नही, कोई अपना नही करवटें बदलती रातों मे माँ की आँचल..। जरा सा तबियत बिगड़ जाने पे, पापा का वो हलचल... गाँव का वो डॉक्टर... जब खाना पकाते वक्त कभी अचानक से जब अंगुली जल जाती है, खाना बन गया है आके खालो ये आवाज कान से होकर आँखों तक आ जाती है... बस मे धक्के खाते वक्त पापा का बाईक से स्कूल छोड़नी याद आती है। बड़े हो जाने पर बचपन की याद सताती है। घर से दूर घर की याद बहुत आती है।। ©r̴i̴t̴i̴k̴a̴ shukla #LongRoad कविता # घर की याद...