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Parasram Arora
White मैंने आकतक कभी हिसाब नही ऱखा कि. जिंदगी मे मैंने कितना पाया कितना गवाया है क्योंकि मै जानता हूँ मरतें वक़्त कोई भी चीज़ मेरे साथ आने वाली नही है ©Parasram Arora क्या पायाक्या गवाया
क्या पायाक्या गवाया
read moreKuldeep KumarAUE
Unsplash अपवाहो के पीछे लोग ना जाने क्या-क्या बातें कर लेते हैं अपने दोस्त को भी दुश्मन समझ लेते हैं ©Kuldeep KumarAUE #library अपवाहो के पीछे लोग ना जाने क्या-क्या बातें कर लेते हैं अपने दोस्त को भी दुश्मन समझ लेते हैं #kuldeepkumaraue #Family
#library अपवाहो के पीछे लोग ना जाने क्या-क्या बातें कर लेते हैं अपने दोस्त को भी दुश्मन समझ लेते हैं #kuldeepkumaraue #Family
read moreअनिल कसेर "उजाला"
White झूठों के शहर में वचन का क्या करेंगे, भूख से जो मरे वो धन का क्या करेंगे। बेसरम पौधों के जैसे उग आते कहीं भी, ऐसे बे-इमानों के जीवन का क्या करेंगे। ©अनिल कसेर "उजाला" क्या करेंगे
क्या करेंगे
read moreRameshkumar Mehra Mehra
Unsplash पता नही लोग मोहब्बत को कया नाम देते है.....! हम तो तेरे नाम को ही मोहब्बत कहते है....💞 ©Rameshkumar Mehra Mehra # पता नही लोग मोहब्बत को क्या नाम देते है,हम तो तेरे नाम को ही मोहब्बत कहते है....💞
# पता नही लोग मोहब्बत को क्या नाम देते है,हम तो तेरे नाम को ही मोहब्बत कहते है....💞
read moreF M POETRY
New Year 2024-25 अच्छा होगा भी या बुरा होगा. कौन जाने क़ी आगे क्या होगा. कितने दुख दर्द उस सफर गुज़रे. इस सफर जाने क्या से क्या होगा. यूसुफ़ आर खान.. ©F M POETRY #NewYear2024-25 कौन जाने क़ी क्या से क्या होगा..
#Newyear2024-25 कौन जाने क़ी क्या से क्या होगा..
read moreF M POETRY
White न दिन गुज़ारे गुज़रता न रात काटे कटे.. करें भी क्या क़ी ये दुनियाँ अज़ाब लगती है.. यूसुफ़ आर खान.. ©F M POETRY #करें भी क्या...
#करें भी क्या...
read moreनवनीत ठाकुर
White जो छू न सका हवा को, कोई क़ामिल ख्वाब, वो दिल की वीरानियों में रौनक़ क्या देगा? जो दर्द में डूबा न हो कभी गहरे, वो मेरी हसरतों को राहत क्या देगा? जो खुद को न पा सका कभी सच्चाई से, वो किसी और की तलाश को प्यास क्या देगा? जो रातों को जागकर कभी सच्चाई से नहीं हुआ रूबरू, वो उजालों में ख्वाब को रोशनी क्या देगा? जो खुद में रुकावट नहीं मिटा सका, कभी, वो किसी और की मंज़िलों में दरवाज़ा क्या देगा? जो खुद को समझ नहीं सका, कभी खुल कर, वो औरों को ख्वाब क्या देगा? ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर जो छू न सका हवा को, कोई क़ामिल ख्वाब, वो दिल की वीरानियों में रौनक़ क्या देगा? जो दर्द में डूबा न हो कभी गहरे, वो मेरी हसरतों
#नवनीतठाकुर जो छू न सका हवा को, कोई क़ामिल ख्वाब, वो दिल की वीरानियों में रौनक़ क्या देगा? जो दर्द में डूबा न हो कभी गहरे, वो मेरी हसरतों
read moreनवनीत ठाकुर
Unsplash तू बारिशों में भी नहीं रुक सका कभी, क्या ख़ामोशी को आवाज़ देगा। तू देख न पाया किसी के आँसुओं को कभी, क्या किसी मुस्कान को सुकून देगा। कितनी दफ़ा टूट कर बिखरे हैं अरमान, ख़ुद तो संभल न सका, तू किसे क्या देगा। तू साया भी तो न बन सका किसी का ' नवनीत ', क्या और दिल को आराम देगा। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर तू बारिशों में भी नहीं रुक सका कभी, क्या ख़ामोशी को आवाज़ देगा। तू देख न पाया किसी के आँसुओं को कभी, क्या किसी मुस्कान को सुक
#नवनीतठाकुर तू बारिशों में भी नहीं रुक सका कभी, क्या ख़ामोशी को आवाज़ देगा। तू देख न पाया किसी के आँसुओं को कभी, क्या किसी मुस्कान को सुक
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