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- Arun Aarya
मेरे आँखों की रौशनी , मेरी चमक , मेरे उजाले ले गये ! मेरी गाँव की मोहब्बत को आकर ,, शहर वाले ले गये..!! - अरुन आर्या ©- Arun Aarya #HeartBreak #ले गये
#HeartBreak #ले गये
read moreSarfraj Alam Shayri
White गरीबी से मर गए गरीब, और अखबार में खबर छपी है .. गरीबी कम हुई.! ©Sarfraj Alam Shayri #Sad_Status गरीबी से मर गए गरीब, और अखबार में खबर छपी है .. गरीबी कम हुई.!
#Sad_Status गरीबी से मर गए गरीब, और अखबार में खबर छपी है .. गरीबी कम हुई.!
read morePraveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी सुबह शाम रहती थी मेरे नाम अरमान सब के मुझसे जुड़े थे फिक्र सबकी मेरे हिस्से में थी जोड़े रहते सबको एक सूत्र में बस परिवारों की मुस्कराहट पर हम फिदा रहते थे व्यस्त हो गये सब अपने मे अब हम तन्हा अकेले इस पड़ाव पर रह गये प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #tanha हम तन्हा अकेले इस पड़ाव में रह गये
#tanha हम तन्हा अकेले इस पड़ाव में रह गये
read moreAjay Tanwar Mehrana
मानने और जानने में फरक होता है , अंधविश्वास भी एक नरक होता है ! हमारे बीच बस अंतर है इतना कि - आप हमें मानते हैं हम तुम्हे जानते है ! पहचानने और चाहने में फरक होता है एक तरफा प्यार भी नरक होता है , हमारी चाहत में बस अंतर है इतना कि हम तुम्हें चाहते बस आप पहचानते हैं ! . ©Ajay Tanwar Mehrana अंतर बीच हमारे poetry on love
अंतर बीच हमारे poetry on love
read moreShiv Narayan Saxena
White अंतर का गृह-युद्ध हमेशा मन से ही तो होता है। मन के ऐसे हालातों का मन खुद आप विजेता है।। मन में ठान लिया सरिता को सागर से मिलवाता है। निरुद्देश्य नालों में बहता जल बस सड़ता जाता है।। ©Shiv Narayan Saxena #GoodMorning अंतर का गृह-युद्ध..... poetry in hindi
#GoodMorning अंतर का गृह-युद्ध..... poetry in hindi
read moreShiv Narayan Saxena
White सबसे बड़ी विडंबना , अंतर का गृह-युद्ध। मुश्किल खुद को जीतना, जीते सोई बुद्ध।। अंतर का गृह-युद्ध यह, किया करे संकेत। खुद को जीते चेत वह, बाकी सभी अचेत।। अंतर के गृह - युद्ध से, बल-मद टूटा जाय। हरि ने करुण पुकार पे, गज को लिया बचाय।। ©Shiv Narayan Saxena #sad_qoute अंतर मन का युद्ध hindi poetry
#sad_qoute अंतर मन का युद्ध hindi poetry
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी जुड़ती नही कड़िया सफलता की जैसे हाथ बाँध दिये हो कोरी दुहाई देते मेहनतों की प्रतियोगिता के रजेल्ट जैसे पहले ही छाप लिए हो झूठे और ठग छागये सियासतों में दुख दर्द जनता का बाटते ही नही भविष्य देश का युवा ही लिखेगे उनके जोश को कब तक कमतर आकोगे ये कारगुजारियों काली घटाओ जैसी है तुम्हारी जब छटेगा अंधेरा तब कसूरवार सब तुझे आंकेगे प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #good_night झूठे और ठग छा गये सियासतों में
#good_night झूठे और ठग छा गये सियासतों में
read moreMatangi Upadhyay( चिंका )
वो पुरुष कभी प्रेम की पवित्रता को समझ नहीं सकते जो स्त्रियों को भोग की वस्तु समझते है जो दैहिक इच्छाओं की पूर्ति के लिए प्रेम करने का नाटक करते है वो ताउम्र बस देह तक रह जाते है कभी स्त्रियों के अंतर्मन तक पहुँच पाना संभव ही नहीं उनसे.. ©Matangi Upadhyay( चिंका ) एक स्त्री का अंतर मन 🤔 #matangiupadhyay #Nojoto #Hindi
एक स्त्री का अंतर मन 🤔 #matangiupadhyay #Hindi
read moreUrmeela Raikwar (parihar)
White जब से तुम और मैं हम बन गये, बाकी सब बैंगाने बन गये , wrote by Urmee ki Dairy ©Urmeela Raikwar (parihar) #love_shayari हम बन गये
#love_shayari हम बन गये
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