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Manish Yadav
ज़िन्दगी का सफर गुलाबों के घर कांटो का पलना आम है, लिहाजों का सर शर्म से झुकना आम है। कठिन है निभाना जीवन का सार यहाँ, कटी पतंगों का तो बहकना आम है। #NojotoQuote गुलाबों के घर कांटो का पलना आम है, लिहाज का सर शर्म से झुकना आम है। कठिन है निभाना जीवन का सार यहाँ, कटी पतंगों का तो बहकना आम है। @मनीष
गुलाबों के घर कांटो का पलना आम है, लिहाज का सर शर्म से झुकना आम है। कठिन है निभाना जीवन का सार यहाँ, कटी पतंगों का तो बहकना आम है। @मनीष
read moreMayur Dayama
तेरे नाम का गुलाल हवा में उड़ा राहा हु दूर से ही सही होली तो मना रहा हु फीकी सी तेरी चुनर फीका है चेहरे का रंग क्यू है तु इतनी बेरंग ज़रा आ तो सही संग खेले ये रंग...। ये होली का त्योहार है... पतंगों का नहीं जो की दूर से देख अपने अरमान पुरे करलोगी...😏 Do Comment ❤️ तुम्हारे बिन हर रंग फीका है। #तुमआओतो #col
ये होली का त्योहार है... पतंगों का नहीं जो की दूर से देख अपने अरमान पुरे करलोगी...😏 Do Comment ❤️ तुम्हारे बिन हर रंग फीका है। #तुमआओतो col #Holi #yourquote #yqbaba #Collab #yqdidi #YourQuoteAndMine #yqpoetry
read more{¶पारसमणी¶}
मैं जो ये शायरी करता हूँ,ये दिल के दबंगों का काम है! हाँ ये अलग बात है,तुम्हें लगता है लफंगों का काम है,! हम परिंदों की ज़ात हैं,अपनी मर्जी से उड़ा करते हैं! डोर अपनी किसी को थमा के उड़ना पतंगों का काम है! ™¶§šB¶शु§भ¶ मैं जो ये शायरी करता हूँ,ये दिल के दबंगों का काम है! हाँ ये अलग बात है,तुम्हें लगता है लफंगों का काम है,! हम परिंदों की ज़ात हैं,अपनी मर्
मैं जो ये शायरी करता हूँ,ये दिल के दबंगों का काम है! हाँ ये अलग बात है,तुम्हें लगता है लफंगों का काम है,! हम परिंदों की ज़ात हैं,अपनी मर्
read moreAbhijeet Yadav
शहर का ये आखिरी कोना, स्याह रात में चन्द जुगुनुओं का टिमटिमाना, भीगी अधजली चैले से धुंए का उठना, मसान में अनगिनत लाशों का जलना, चन्द सांसों को जन्मे इन कीट पतंगों का अफसाना, राख़ हो चुकी देहों की अजीब सी गंध अपने वजूद को ढूंढता ठूंठा पेड़, सभी तो अंत की ओर अग्रसर है, तो बताओ भला...... क्या मौत को भी मौत से डर लगता होगा? #gif क्या मौत को भी मौत से डर लगता होगा? शहर का ये आखिरी कोना, स्याह रात में चन्द जुगुनुओं का टिमटिमाना, भीगी अधजली चैले से धुंए का उठना, मसान
राज सिद्धि
थोड़ा हिसाब लगा लेना, बाग से चुराये आमों का , माली से खाये डंडों का, रास्ते में लुटे पतंगों का, पुराने खेलों में साथ बिताए घंटों का।। जानते हो प्रकृति ने सब दिया है तुम्हें, साथ ही इसे महसूस और जानने की शक्ति भी।। देखो अगर सिर्फ बारिश होती तो क्या होता, सिर्फ गर्मी होती या फिर सर्दियों का ही मौसम होता तो क्या होता ।। बदलना प्रकृति सिखाती है और देती है खुद को समय के अनुसार डलने का संदेश भी ठीक ऐसे ही तुम भी बदलना सीखो, आज बसंत सा हो जाओ ,कल छाँव की तलाश जारी रखनी ही होगी फिर बारिश भी आएगी और एक दिन धूप का भी अपना मजा होगा चलो आज कहीं निकल पढ़ो जहां की धूप से तुम्हारे मन को छांव मिले तुम्हारा बचपन मिले, हमारा बचपन मिले ✍️राजसिद्धि थोड़ा हिसाब लगा लेना, बाग से चुराये आमों का , माली से खाये डंडों का, रास्ते में लुटे पतंगों का, पुराने खेलों में साथ बिताए घंटों का।। जानते
थोड़ा हिसाब लगा लेना, बाग से चुराये आमों का , माली से खाये डंडों का, रास्ते में लुटे पतंगों का, पुराने खेलों में साथ बिताए घंटों का।। जानते
read moreRam Soni
किसी की दुआ का असर तो होगा कि जश्न से पहले यूं सन्नाटे का असर है रहमतों को बाकी रखना तुम लगता है कब्र तक जाने में थोड़ा वक्त है ताज सारे जमीन पे गिर पड़े अल्लाह ईश्वर का भरोसा तरबतर है सियासी खेल कौन खेलता होगा पर ना उम्मीद को ना उम्मीदी की खबर है तूफान जो आए हैं चले जाएंगे किस्मत का गलीचा अपना यहां सदर है तबीयत पूछते रहो सबकी खुदा भी देखता होगा अभी कौन किधर है मैंने देखा आसमान नीला नीला लगता है यहां पतंगों का अभी सफर है पेड़ पर चढ़कर खाती डालें बकरियों को जैसे अब उन्माद पसंद है ना दोष दे किसी को चिंगारी करो दबी जुबान में सारा छुपा हुआ मंजर है कत्ल की तारीख तय नहीं हुई बाहर ना फिरो डॉक्टर को सब खबर है ना टोपी वाले को ना घंटी को मिला भरोसा रखते चलो यही मिला संबल है मौलवी पंडित दोनों पाखंडी निकले जब मचा कोरोना सा कहर जमजम है क्यों काटते हो बकरे दोनों घर हत्या का यह सेहरा तो बंधा बराबर है डालके आंखों में आंखें देखो कभी उन आंखों का फरिश्ता दोनों के अंदर है रो के तो मैं तमाशा नहीं करता अंदर जो है मेरे वही असली तड़प है रामपाल रखा चाहने वालों ने नाम में मेरे उसी पुरुषोत्तम का दर्द है - 'रामपाल' सोनी उदयपुर #Light किसी की दुआ का असर तो होगा कि जश्न से पहले यूं सन्नाटे का असर है रहमतों को बाकी रखना तुम लगता है कब्र तक जाने में थोड़ा वक्त है
Ayush kumar gautam
आसमां में पतंगों जमीं पर तेरी नजाकत का भला क्या मुकाबला मोहिनी मूरत कोमलांगी क्या खूब गजब ढाता है तेरा रंग सांवला पतंगों पर बच्चों का और जवानों का मन तुझ पर हुआ बावला कोमलांगी-सुंदरी आयुष कुमार गौतम आसमां में पतंगों............
आसमां में पतंगों............
read moreRudresh Bechain
पतंगे सोंचती हैं उन्हें मिलवाया जा रहा है, पतंगों को क्या पता कि उन्हें लड़वाया जा रहा है।। # रूद्रेश बेचैन #InspireThroughWriting पतंगों की सोंच
#InspireThroughWriting पतंगों की सोंच #बात
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