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Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय"
पंकजनामा °•°•°•°•°•° नाम तो वैसे आपका कमल है, पर स्वभाव से ज़्यादा कोमल नहीं। जितना भी जाना है आपको पढ़ लीजिए, बहन हूँ आपकी अधिक बड़ाई करूँ संभव नहीं। ☆☆☆ ख़री बातों के बादशाह, नोजोटो की शान दोस्तों की जान हैं। हाज़िर-जवाबी के सरताज, आप अक़बर से भी ज़्यादा महान हैं। सच लिखते हैं तो क्या कहना, ज्वलंत शब्द प्रहार प्रभाव है। यूँ दो-टुक अक़्सर बोल देना, पंकू भाई जी का स्वभाव है। हमारी यही दुआएं हैं "हृदय" आप सफ़ल हो हर एक मक़सद में। "पंकज" नाम का ओज फ़ैले हर ओर, कोई बराबरी का न हो क़ामयाबी के क़द में। ☆☆☆ -रेखा "मंजुलाहृदय" जन्मोत्सव की अनंत शुभकामनाएं पंकू भईया! 🍫🍰🎂🥂 ©Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय" #पंकजनामा पश्येम शरदः शतम् ।।१।। जीवेम शरदः शतम् ।।२।। बुध्येम शरदः शतम् ।।३।।
Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय"
दर्शननामा *°*~°~°~°~*°* बहारों नें फ़िजाओं से सदाओं का पैगाम भेजा है, चिरागों नें उजालों से सर-ए-बज़्म में सुनहरी शाम भेजा है..!! भेजा होगा सबने एक से बढ़ के एक नायाब तोहफ़ा, पर आपकी बहन ने ये मामूली शब्दाहार आपके नाम भेजा है..!! क़लम के आप तो जादूगर सबसे अलग आपकी पहचान है, यहाँ ऐसा एक भी शख़्स नहीं, जो आपके लेखन से अंजान है..!! आप तो हैं ही सदा ओजस्वी एवं अनेकों गुणों के खान हैं, क्या कहना आपका आप प्रतिभाशाली व्यक्तित्व के धनवान हैं..!! आप ठहरे अध्ययन प्रेमी उर्दू में विशेष रुचि रखते हैं, अपने इसी साधारण अन्दाज़ से सबको प्रभावित करते हैं। निज स्वप्नों के प्रति श्रद्धा एवं अटूट विश्वास रखते हैं, अपने ध्येय को मन में रखकर सर्वदा अटल परिश्रम करते हैं। "हृदय" तमन्ना है कि सदा आपकी ज़िंदगी गुलों-सी गुलज़ार हो, आपके हौसलों-फ़ैसलों पर माता-पिता कुटुंब को नाज़ हज़ार हो। सदा रहें प्रगतिशील सफलताओं के गगन को स्पर्श करते रहें, नाम तो है आपका "दर्शन" यूँ ही आप क़ामयाबी के दर्शन करते रहें। -रेखा "मंजुलाहृदय" जन्मोत्सव की अनंत शुभकामनाएं भईया! 🎂🍰🥂🎉 ©Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय" #दर्शननामा पश्येम शरदः शतम् ।।१।। जीवेम शरदः शतम् ।।२।। बुध्येम शरदः शतम् ।।३।।
Mithun kumar
हे जग जननी!माता भवानी, हृदय में प्रेम की जोत जगा दे, करुणा करो हे ज्ञान की देवी! हम मूढ़,सद्बुद्धि बोध करा दे¡ शब्द की भाव से, हूँ अभाव निरंतर, किस विधि करूं मैं माँ तेरी चिंतन, धरा नूतन स्वर,राग हे रागिनी! नवल धवल शब्द योग सिखा दे¡¡ पग कमल धर धरि हंस आसन, माँ तेरी कर से है जग ज्ञान शासन, बहे काव्य सरिता चरणन माता, एक बार दास को गोता लगा दे¡¡ जग झूठी कृति,फंसा माया की रीति, मिथुन करे सदा,माँ चरण प्रीति, फंसे नैया बीच मझधार हे ज्ञानी! खेवैया भव पार नैया लगा दे¡¡ ✍️---मिथुन --- ©Mithun kumar जय माँ शारदा
कवि होरी लाल "विनीता"
सब भक्तों को वाणी देकर हर भक्त का मां उद्धार करो दीन दुखी सब आए मां द्वारे सबका मां कल्याण करो।। जो जिस विधि पूजे माता वहीं विधि मां स्वीकार करो श्रद्धा का फूल चढ़ाएं मां कोई शब्दों से अरदास करे सबका मां कल्याण करो।। जो कुछ मांगे भक्त तुम्हारे उसको कभी न निराश करो पुत्र रतन मां देती हंसकर दौलत से मां भंडार भरे सबका मां कल्याण करो । मेरी मां की मां पीड़ा हर लो पिता को स्वर्ग में स्थान मिले पुत्र हमारा मां ज्ञानवान हो पुत्री के मां कदम रूके ना पत्नी मेरी स्वस्थ रहें मां सबका मां कल्याण करो।। मुझको मां तुम गीत बताना भूले को मां राह दिखाना जो मुझसे रूठे गए हैं माता मां उनको मेरा हाल बताना पूरा भारत खुशहाल रहे मां विश्व का कल्याण करो मां।। ©Hori lal Vinita जय मां शारदा।।