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F M POETRY
Unsplash अब उदास फिरते हो सर्दियों क़ी शामों में.. इस तरह तो होता है इस तरह के कामों में.. ©F M POETRY #अब उदास फिरते हो....
#अब उदास फिरते हो....
read moreनवनीत ठाकुर
दोस्ती गर की तो साथ छोड़ा नहीं कभी, हम वो परिंदे हैं जो उजड़ी हुई शाखों पर घरौंदे बनाते फिरते हैं। हाथ जो पकड़ ले, तो फिर उसे छोड़ते नहीं। दूरी बेशक हो, साथ का एहसास, कम कभी होने देते नहीं।" ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर दोस्ती गर की तो साथ छोड़ा नहीं कभी, हम वो परिंदे हैं जो उजड़ी हुई शाखों पर घरौंदे बनाते फिरते हैं। हाथ जो पकड़ ले, तो फिर उसे छो
#नवनीतठाकुर दोस्ती गर की तो साथ छोड़ा नहीं कभी, हम वो परिंदे हैं जो उजड़ी हुई शाखों पर घरौंदे बनाते फिरते हैं। हाथ जो पकड़ ले, तो फिर उसे छो
read moreArjun Singh Rathoud #Gwalior City
शाम की छोटी कविताएँ यहाँ कुछ छोटी-छोटी कविताएँ हैं जो शाम के माहौल को बयां करती हैं: * शाम का नजारा: धूप छिपी, छाया फैली, चिड़ियों की चहचहाट थमी। आकाश रंग बदलता, शाम आई, मन को भाती। * संध्या का समय: आज का दिन हुआ समाप्त, तारे निकले, चाँद आया। हवा चलती, शीतल लगती, मन शांत, आनंद भरा। * शाम की यादें: बचपन की शामें याद आतीं, दोस्तों संग खेलते थे। खेतों में दौड़ते फिरते, खुशी से मन भर जाता।✍️✍️🙏💯😍 ©Arjun Singh Rathoud #Gwalior City शाम की छोटी कविताएँ यहाँ कुछ छोटी-छोटी कविताएँ हैं जो शाम के माहौल को बयां करती हैं: * शाम का नजारा: धूप छिपी, छाया फैली, चिड़ियों की
शाम की छोटी कविताएँ यहाँ कुछ छोटी-छोटी कविताएँ हैं जो शाम के माहौल को बयां करती हैं: * शाम का नजारा: धूप छिपी, छाया फैली, चिड़ियों की
read moreIG @kavi_neetesh
White शरद पूर्णिमा उत्सव हमको, केवल यही बताता है। किरणपुंज इस भू पर आकर, अमृतमय हो जाता है।। सबसे निकट चंद्रमा होता, आज रात इस पृथ्वी पर। सोलह सभी कलायें खिलतीं , इंद्रधनुष सी धरती पर।। लक्ष्मी श्री का शुभ आराधन, सबको सुखद बनाता है।। किरणपुंज इस भू पर आकर.......... रात सुई में धागा डालो, नेत्र ज्योति बढ़ जायेगी। खीर खिलाओ खुद भी खाओ, उम्र बहुत बढ़ जायेगी।। जो कोजागर होकर रहता, वो ही प्रभु को पाता है।। किरणपुंज इस भू पर आकर............ कृष्ण मनाते महारास हैं, शिव गोपेश्वर हो जाते। महारास की इस लीला में, मन वृंदावन हो जाते।। अंतर्मन आनंदित होता, उत्सव मुदित मनाता है।। जो कोजागर होकर रहता.......... ©IG @kavi_neetesh पवित्र शरद पूर्णिमा के अवसर पर :::::::::::::::::::: जो कोजागर होकर रहता ;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;
पवित्र शरद पूर्णिमा के अवसर पर :::::::::::::::::::: जो कोजागर होकर रहता ;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;;
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