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Chirag Panchal
|| જય શ્રી રામ || तेरी हर चुनौतियों को खेलते कूदते पार करेंगे ए जिन्दगी,,, मुझे अलविदा बचपन ने किया हैं बचपने ने नहीं... - @Rusky_Rider तेरी हर चुनौतियों को खेलते कूदते पार करेंगे ए जिन्दगी,,, मुझे अलविदा बचपन ने किया हैं बचपने ने नहीं... #chikspncl.26
Chirag Panchal
|| જય શ્રી રામ || तेरी हर चुनौतियों को खेलते कूदते पार करेंगे ए जिन्दगी,,, मुझे अलविदा बचपन ने किया हैं बचपने ने नहीं... - @Risky_Rider तेरी हर चुनौतियों को खेलते कूदते पार करेंगे ए जिन्दगी,,, मुझे अलविदा बचपन ने किया हैं बचपने ने नहीं... #chikspncl.26 Follow more such stor
pooja mavker
सुनो ना हम वक़्त को पीछे ले जाकर रोक देते है.. फिर ना कोई बंदिशें होगी.. ना ही कोई रोक टोक समझदार बन कर कितनी मुश्किलें हैं देखा ना तुमने.. चलो ना हम अपनी ज़िन्दगी को बचपन कर लेते है.. खेलते -कूदते रहेंगे साथ बिना किसी रुकावट के फिर.. चलो ना उस रंगबिरंगी दुनिया में फिर से लौट लेते है... मैं पूरी दुनिया संभाल लुंगी, तुम सिर्फ़ मुझे संभालना चलो ना अपनी सपनों वाली दुनिया में रुख लेते है.. कितने पंगे है यार इस बड़ी-सी दुनिया में बड़े होना.. चलो ना, छोड़ों भी, खुद को फिर से बच्चा कर लेते है... ना हो, और ना रखी जाए कोई उम्र की सीमाए कभी .... चलो ना, इस छोटे किस्से को अब कहानी कर देते है सुनो ना, हम वक़्त को पीछे ले जाकर रोक देते है... चलो भी, देर ना करो, खुल के बेफ़िक्र जिंदगी जी लेते है.. Mpoojawrites✍️ सुनो ना हम वक़्त को पीछे ले जाकर रोक देते है.. फिर ना कोई बंदिशें होगी.. ना ही कोई रोक टोक समझदार बन कर कितनी मुश्किलें हैं देखा ना तुमने..
Poetry with Avdhesh Kanojia
मेरा प्यारा घर जिस जगह पर इंसान, रहता है उम्र भर। अहसास जहाँ हो स्वर्ग का, कहलाता है घर।। माता पिता हैं ईश्वर, निर्माता उस घर के। मेनहत करके दी हैं ,खुशियाँ हमे भर भर के।। पत्नी है भाग्य उस घर का, है अन्नपूर्णा महान। जिसके बिन घर रहता सूना, है अपूर्ण इंसान।। हर इक कोना फुलवारी है, बच्चे चहकते पंछी। खेलते कूदते हर कोने में, बातें करते अच्छी।। घह आते मेहमान हैं जैसे, मंद हवा की बहार। संग हैं अपने लाया करते, प्रेम से भरी फुहार।। घर है तो त्योहार हैं सारे, घर के लिए सब काम। घर है तो ही सफल है जीवन, घर है तो आराम।। घर से ही पहचान है होती, घर वैभव सार। घर है अपनी एक सम्पदा, घर अपना संसार।। घर की भी अपनी महिमा है, कोई घर नहि आम है। चौदह वर्ष के बाद में घर ही, लौटे प्रभू श्रीराम हैं।। घर के विषय में नही है कोई, केवल इक परिभाषा। घर की कामना हर इक को है, इसकी हर इक को आशा।। ✍अवधेश कनौजिया घर जिस जगह पर इंसान, रहता है उम्र भर। अहसास जहाँ हो स्वर्ग का, कहलाता है घर।। माता पिता हैं ईश्वर, निर्माता उस घर के।
Suditi Jha
मां की ममता ♥️ Read Caption 👇👇👇👇 मां♥️ चलो शुरू करते है मां को जानना.. सर्वप्रथम शुरू सफर होता मां को पहचानना.. उसके स्पर्श से ही उसका प्यार समझ आता था जब भूख लगती तब उनका
Kumar.vikash18
एक किसान जिस तरह खेत बनाता है , फिर उसमें अच्छे बीज बोता है , पानी देता है , कीड़े न लगें दवाओं का छिड़काव करता है , आस पास उग रहे खरपतवार से फसल को बचाने के लिये उन्हे उखाड़ फेंकता है । अधिक वर्षा और सूखे से बचाव के लिये अपने कर्तव्य के साथ साथ ही ईश्वर से दिन रात प्रार्थना करता है । और लहलहाती फसल को बढ़ते देख खुश होता है , फसल के पकने के इन्तजार में दिन रात खेत की तकवारी करता है , क्यों कि उस फसल से उसका आगे का भविष्य जुड़ा होता है । खुशहाली जुड़ी होती है , तभी वह उस फसल के लिये इतना संवेदनशील रहता है , एक किसान औलाद की तरह ही अपनी फसल की देखभाल में लगा रहता है , और अंत में इस लहलहाती पकी फसल का सुख उठाता है । बिलकुल इसी एक किसान की तरह ही अगर सभी माता पिता और परिवार , अपने पुत्र पुत्रियों को बचपन से ही उनके पूर्ण मानसिक रूप से विकसित और परिपक्व होने तक , उनकी छोटी छोटी बातों और व्यवहार को नजरअंदाज न करें , उन्हे अच्छे व्यवहार और संस्कार दें , तो माँ बाप को अपना बुढापा कभी भी वृद्धाश्रम में नहीं गुजरना पड़ेगा । उनकी वृद्धावस्था नाती पोतों के साथ खेलते कूदते बीतेगी । और न ही जीवन में कभी अपने बच्चों के कारण नीचा देखना पड़ेगा ।।इति शुभ ।। ©Kumar.vikash18 एक किसान जिस तरह खेत बनाता है , फिर उसमें अच्छे बीज बोता है , पानी देता है , कीड़े न लगें दवाओं का छिड़काव करता है , आस पास उग रहे खरपतवार स
इकराश़
लाडो, बाल दिवस मुबारक हो। ख़ास "बाल दिवस मुबारक हो" उस बच्ची को, जो बचपन में ही बड़ी हो गयी थी। जिसने कभी बचपन देखा ही नहीं, न बचपन जिया, न महसूस किया। जब बच्चे खेलते क
Madhu Daga
Mayank Aggarwal
पढ़ा लिखा निकम्मा भाग-1 मैं अपने बचपन के दोस्त से मिलने उसके घर के लिए निकला ही था कि नुक्कड़ पर चचा ने पीछे से टोक दिया, "शहर में सब कैसा चल रिया है"...पुरे गाँव मे
#Pk_writes ✍
शीर्षक-: एक सेना के आदमी के बारे में कहानी जो एक देश के आत्म प्रेम के लिए अपने शानदार प्यार को बलिदान करता है। #Pk_writes ✍ @dilkibaate4 Read in caption ये कहानी है दो दोस्तो की , जिनका नाम है राज और ज़िया । ये दोनो एक साथ ही पले-बड़े है। दोनो की फमैली दोस्त है बहुत अच्छी। बचपन से थे दोनो साथ म