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Parasram Arora
आज यदि न् हो मेरे पास पहचान पत्र आज यदि न हो मेरे पास आधारकार्ड तो क्या मेरा होना.-होगा मेरा नही होना? यधपि मेरा होना इतना महत्वपूर्ण नही है जितना महत्वपूर्ण है मेरे जीवित होने का प्रमाणिकरंण . आज मेरा आईडी.. मेरा आधारकार्ड ही है मेरे ज़िंदा होने का प्रमाणिक प्रम्माणपत्र अब मैं साँसे ले रहा हूं.. ह्रदय क़ो धड़का रहा हूं और मैं जीवित दिख रहा हूं तो ये सब मेरे. होने के लिये या मेरे जीवंत अस्तित्व के लिये कोई. विधायक तर्क नही है ©Parasram Arora प्रमाणिकता.......
Dinesh Sharma Dinesh
वंदे मातरम् जन गण मन धर्मद्रोह कहलाता हो रामनाम जयघोष से कोई हो आहत चिल्लाता है न बचे आबरू गंगा की तैयारी कर बैठे हैं पत्थर बम तलवार ईंट छत पर सब मिल जाता हो जब आंखें खूनी हो जाए बात तूफानी लगती है तब प्रमाणों की प्रमाणिकता मुझे बेमानी लगती है ©Dinesh Sharma Dinesh जब आंखें खूनी हो जाए बात तूफानी लगती है तब प्रमाणों की प्रमाणिकता मुझे बेमानी लगती है .... #Poetry #poem #Hindi
Parasram Arora
असल मे मरघट और महल का फासला उनके लीए ही है जिनके मन मे महल की आकांशा है मरघट और महल मे कोई फासला नही है फासला हमारी आकांक्षाओं मे है हम महल चाहते हैँ... मरघट हम नही चाहते इसीलिए फासला है. जहा महल खड़े हैँ वहा मरघट बहुत बार बन चुके जहाँ.मरघट बने हैँ वहा बहुतपहले महल बन कर गिर चुके हैँ और सब महल अंततः मरघट बन जाते है और सब मरघटोपर महल खडे हौ जाते हैँ फर्क क्या है? फासला क्या है? ©Parasram Arora फर्क क्या है? फासला क्या है?
Deepak Namdev
बस देखते जाओ..... क्या - क्या होता है | #gif क्या क्या होता है
Mr.Duke
गुलाब, ख़्वाब, दवा, जहर,जाम,क्या~क्या है। मैं आ गया हूं महफ़िल में,बस बता ©Mr.Duck~AK Shayar क्या क्या है????? #ShahRukhKhan
Deepak Pandit
मंजिलें क्या है, रास्ता क्या है? हौसला हो तो फासला क्या है ©Deepak Pandit मंजिलें क्या है, रास्ता क्या है? हौसला हो तो फासला क्या है
Vickram
काफी लम्बे अरसे से खुद को समझाते आया हुं मैं । कल जो समझ जाता था आज वो मानता ही नहीं । कौन सा राज है जो मुझे मे ही समझ नहीं आ सका । लगता है कि मैं खुद को कभी समझ पाया ही नहीं । ©Vickram बात क्या है,,, और दुनिया क्या है,,,
Sen Sahab Manish ji
वैसे तो रोज होती है नई सुबह उसमे नया क्या... वहीं रंगत है वहीं संगत है...... उसमें नया क्या है... गोधूलि भी वहीं है और सवेरा भी वहीं उसमे नया क्या है... पर....😏 रोज जिंदगी जीते आंसुओ को भी पीते है हटकर और उठकर जो जिया है एक एक पल वही तो असली जीवन है और जीवन का उद्घार करो फिर भी कुछ अच्छा न हो तो... उसमे नया क्या है... नया क्या है.. शुरुआत है भी नया क्या है...