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Priyanka pilibanga
तेज केशरी पत्रिका मे प्रकाशित रचना 😊😊 https://nojoto.page.link/q5tV4❤️ ©Priyanka pilibanga प्रकाशित रचना 🤗❤️
प्रकाशित रचना 🤗❤️
read moreroyal_shetkari
Unsplash बाप माझा शेतकरी जगाचा कैवारी ढग येई वारा येई 🌱 काय करील तो बिचारी सांगा तुम्ही कसा आहे दिनदूबळा शेतकरी 🌽 ©royal_shetkari #leafbook बाप माझा शेतकरी जगाचा कैवारी ढग येई वारा येई 🌱 काय करील तो बिचारी सांगा तुम्ही कसा आहे दिनदूबळा शेतकरी 🌽
#leafbook बाप माझा शेतकरी जगाचा कैवारी ढग येई वारा येई 🌱 काय करील तो बिचारी सांगा तुम्ही कसा आहे दिनदूबळा शेतकरी 🌽
read moreEshwari
अतीव सज्जनपणाची भीती वाटते. अतीव गोड बोलणारे फसवे निघू शकतात... रबडीमध्ये गुलाबजाम टाकून खाणाऱ्यापासून सावध असायला हवं.... ईश्वरी ©Eshwari # अतिरेक म्हणजे विष
# अतिरेक म्हणजे विष
read moreShiv Narayan Saxena
White ताटंक छंद नाम जपे से जन्मों के अघ, कटें कृपा तब पाता है। प्रभु ऐसे भक्तों से मिलने, खुद चलकर के आता है।। भाव भक्ति में जब आता है, इष्ट सखा बन जाता है। किसी और पर भक्त नहीं बस, प्रभु आश्रित हो जाता है।। 'शौक' अनोखा खेल अनोखा, प्रभु से अपना नाता है। यही मान जो जिये जगत में, प्रभु का प्रिय हो जाता है।। ©Shiv Narayan Saxena #rajdhani_night छंद रचना poetry in hindi
#rajdhani_night छंद रचना poetry in hindi
read moreShiv Narayan Saxena
White ताटंक छंद राजनीति में जनता कपिला, कैसा खेल निराला है। कभी न लात उठाती कपिला, नेता भरता हाला है।। अपनी इस चालाकी पर वह, मन ही मन इठलाता है। पकड़े जाने के डर से वह, खाता और खिलाता है।। नेता अफसर में बस केवल, इतना सा ही नाता है। खुद खाओ और हमें खिलाओ, भारत भाग्य विधाता है।। ©Shiv Narayan Saxena #sad_quotes छंद रचना poetry in hindi
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read moreAdv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)
उत्कृष्ट हो कालजयी प्रमाण बनना होगा ए मेरी रचनाओं तुम्हें..! कलम की प्रतिष्ठा व सम्मान बनना होगा ए मेरी संवेदनाओं तुम्हें..! मेरे अंतर्मन का सर्व श्रृंगार हो तुम दीपक में ज्योति सा आधार हो तुम जीवनदर्शन का उपमान बनना होगा ए मेरी सामर्थ्यताओं ओं तुम्हें..! बड़ी सिद्द्त से गढ़ा है हर्फ़ हर्फ़ तराश कर कैसे जी पाउँगा तुमसे ही हारकर निराभिमान स्वाभिमान बनना होगा ए मेरी कल्पनाओं तुम्हें..! तुम्हारा अस्तित्व यूँ निरर्थक न हो पाये हमारा अथक परिश्रम ही व्यर्थ न जाये सत्यं शिवम सुंदरम की पहचान बनना होगा ए मेरी प्रेरणाओं तुम्हें..! प्रेम से पल्ल्वित हो पवित्रता का परिचय बनो तुम अमिट हो अजेय हो तो अक्षय बनो काव्य धरोहर में मनोरम स्थान बनना होगा ए मेरी भावनाओं तुम्हें..! ©अज्ञात #रचना
Prakash Vidyarthi
White :"भारत की नदियां": आओ बच्चों रचना में पहचान करते हैं। सीखने सिखाने का नया काम करते हैं।। भारत के कुछ पावन नदियों को याद । कविता के माध्यम से अब नाम करते हैं।। चमोली उतराखंड से गंगोत्री निकली आगे बढ़ बन चली भागीरथी नद आनंदा। मानसरोवर झील से ब्रह्मपुत्र निकसै उत्तराखंड अलकापुरी से नदी अलकनंदा।। गोमुख गंगोत्री गलेशियर से उदित भागीरथी किरात नदी के नाम से भीं ये जानी जाती। गढ़वाल क्षेत्र जल धारा में कोलाहल के कारण ये निर्झरणी भागीरथी सास भीं कभी कहीं जाती ।। सतोपंथ भागीरथ हिमनद से उत्पन अलकनंदा लगभग 195 km बहकर आगे बढ़ती जाती । सरस्वती धौलीगंगा नंदकिनि पिंडर सहायिका पहाड़ों कंदराओं को तोड़ती बहू बन इठलाती।। विष्णुप्रयाग धौलीगंगा से मिलती हैं मना गांव सरस्वती से । क्रनप्रयाग पिंडर सहायिका से रुद्रप्रयाग मंदाकिनी नदी से ।। देवप्रयाग उत्तरकाशी में आकर ये सरिताये भागीरथी और अलकनंदा बड़ी मन भाए। मिलकर दोनो की कल कल पानी संगम पर मां पावन पवित्र गंगा नदी कहलाए।। उत्तर प्रदेश बिहार से गुजरती बहती गंगा पश्चिम बंगाल में हुगली तटीनी बन इतराए। पबनद्वीप बांग्लादेश में ब्रह्मपुत्र से मिलंनकर ये मईया गंगा पदमा नाम से जाना जाए।। हिमालय पहाड़ी से कंदरा जंगल में होकर मैदानी इलाकों को तारती कभी बाढ़ भीं लेआती। मेघना नाम से गंगा ब्रह्मपुत्र के संयुक्त नीरधारा बंगाल की खाड़ी में हौले हौले अब गिरती जाती।। स्वरचित:- प्रकाश विद्यार्थी ©Prakash Vidyarthi #sad_quotes #रचना #कविताएं