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Ashutosh Choudhary
जय शिवशंकर मेरा भोला है भंडारी करे नन्दी की सवारी भोलेनाथ रे हो शम्भूनाथ रे #HansrajRaghuvanshi ji
Yudi Shah
सदियो से बोलाया तुझे पर अब जाके तु दिखा रे मै तेरा नन्दी, तु मेरा काशी पर अब जाके, तु इन्साफ किया रे... ©Yudi Shah सदियो से बोलाया तुझे पर अब जाके तु दिखा रे मै तेरा नन्दी, तु मेरा काशी अब जाके, तु इन्साफ किया रे By Yudi Shah poetry
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मन्दाकिनी सलिलचन्दन चर्चिताय नन्दीश्वर प्रमथनाथ महेश्वराय । मन्दारपुष्प बहुपुष्प सुपूजिताय तस्मै म काराय नमः शिवाय ॥ 🌸💕 ॐ नमः शिवाय 💕❤️ _________________________________________________ अनुवाद :- गङ्गाजल और चन्दन से जिनकी अर्चना
Ruchi Baria
आदित्य सोम वरुणानिलसेविताय यज्ञाग्निहोत्रवरधूमनिकेतनाय । ऋक्सामवेदमुनिभि: स्तुतिसंयुताय गोपाय गोपनमिताय नम: शिवाय ॥ ©Ruchi Baria आदित्य सोम वरुणानिलसेविताय यज्ञाग्निहोत्रवरधूमनिकेतनाय । ऋक्सामवेदमुनिभि: स्तुतिसंयुताय गोपाय गोपनमिताय नम: शिवाय ॥ "जो सूर्य, चन्द्र, वरू
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MAHENDRA SINGH PRAKHAR
मनहरण घनाक्षरी उन्हें त्रिपुरारी कहो , उन्हें जटा धारी कहो , दुष्टो का जगत से वो , करते संहार हैं । वही अर्धनारीश्वर , वही महेश्वर यहाँ , वही नन्दी पर सदा , रहते सवार हैं । वह सती का अस्तित्व , वह शक्ति का स्वारूप , दुष्टों पर वह नित , करते प्रहार हैं । शशिशेखर है वह , गंगाधर भी है वह , भक्तों का अपने वह , करते उद्धार हैं ।। १७/०२/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR मनहरण घनाक्षरी उन्हें त्रिपुरारी कहो , उन्हें जटा धारी कहो , दुष्टो का जगत से वो , करते संहार हैं । वही अर्धनारीश्वर , वही महेश्वर यहाँ
Poetry with Avdhesh Kanojia
शिव वन्दन ------------ कराल व्यालमाल युक्त चंद्रशेखर प्रभो। प्रचण्ड तेजवंत भक्तवत्सल परम् प्रभो।। काशीनाथ विश्वनाथ जगन्नाथ जगत्पते। नन्दीनाथ ब्रम्हनाद गणाधिनाथ उमपते।। जय महादेव देवाधिदेव देवदेव शंकर। जय सर्वदेवमय प्रभो जयति प्रलयंकर।। सर्वपूज्य सर्ववन्द्य सर्वप्रजा पालक। सर्वलोकपति प्रभो समयचक्र चालक।। बाघम्बरी दिगम्बर नाग सर्प धारक। वरदायक उद्धारक जय पाप संहारक।। जटामुकुट सुशोभित पिनाकहस्त अघोर। परम् भावविभोर श्रीराम मुख चकोर।। सोमनाथ वैद्यनाथ कैलाशनाथ विश्वनाथ। गौरीनाथ भवानीनाथ सर्वनाथ त्रिलोकीनाथ।। कालकूट भक्षक जय सन्तजन रक्षक। सर्वनाग सेवित वासुकी शेष तक्षक।। शरणागत वत्सल सदैव नाशकम् तम। भोलेनाथ शंकर त्वममेव शरणम् मम।। #shiva #shivratri #god #mahadev #love #poetry कराल व्यालमाल युक्त चंद्रशेखर प्रभो। प्रचण्ड तेजवंत भक्तवत्सल परम् प्रभो।। काशीनाथ विश्वनाथ
MAHENDRA SINGH PRAKHAR
गीत :- त्रिशूलधारी त्रिकालधारी , तुम्हें पूजती दुनिया सारी । तुमसे हार-जीत का नाता , कैसै हो संभव त्रिपुरारी ।। त्रिशूलधारी त्रिकालधारी .... तुम अजर अमर हो सन्यासी , तुम ही वह पर्वत कैलाशी । दुनिया तुमको यह जान रही ,तुम ही बसते हो नित काशी ।। पर भूल गया यह मानव है, तुमसा न यहाँ है उपकारी । त्रिशूलधारी त्रिकालधारी ... मैं निर्गुण एक उपासक हूँ , क्या जानू विधि पूजन का मैं । बस नाम तुम्हारा जिव्हा पर , इतना ही अब आराधक मैं ।। अब शरण लगा लो हे स्वामी,जब तुम ही हो कण-कण धारी । त्रिशूलधारी त्रिकालधारी ..... नैन बिछाये व्याकुल बैठा , आओ संग आज महतारी । दो हाथ हमारे खाली है , सेवा में तेरे भण्डारी ।। अब देर नही तुम नाथ करो , नन्दी की अब करो सवारी । त्रिशूलधारी त्रिकालधारी..... त्रिशूलधारी त्रिकालधारी , तुम्हें पूजती दुनिया सारी । तुमसे हार-जीत का नाता , कैसे हो संभव त्रिपुरारी ।। १५/०७/२०२३ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR गीत :- त्रिशूलधारी त्रिकालधारी , तुम्हें पूजती दुनिया सारी । तुमसे हार-जीत का नाता , कैसै हो संभव त्रिपुरारी ।। त्रिशूलधारी त्रिकालधारी ..
Bramhan Ashish Upadhyay
हे आदि अनादि अखण्ड अनन्ता । तोहे पुकारन लगे हैं नर नारी अरु सब संता।१। कौन सो पाप कियो है प्रभू जी। जो इतना दुख सब पाय रहे हैं।२। दीनन की आय सहाय करो भगवन । कभो इत, कभो उत धाय रहे हैं।३। हे शंकर भोले नाथ सुनो। अधीर होत जाय रहे हैं।४। देर बहुत हुई जाय रही है । मोसो न रूठो तुम भगवंता।५। हे आदि अनादि अखण्ड अनन्ता। विद्रोही आन पड़ा है चरण तिहारो । चलो तुम मोरे साथ तुरंता ।६। मेरे सर पर अपने हाथ धरो । नन्दीगण को ले साथ बढ़ो ।७ हे कैलाशी सुनो तोहरे बिन। सबको घेरे जाय व्याकुलता ।8। देवन के तुम देव महाप्रभु । काम लोभ मोह अरु विकार के हंता।९। दुष्ट संघारण को शोक निवारण को । चाहे बनो वीरभद्र तुम चाहे बनो तुम हनुमन्ता।१०। हे आदि अनादि अखण्ड अनन्ता । #NojotoQuote हे आदि अनादि अखण्ड अनन्ता । तोहे पुकारन लगे हैं नर नारी अरु सब संता।१। कौन सो पाप कियो है प्रभू जी। जो इतना दुख सब पाय रहे हैं।२। दीनन की आय
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KP EDUCATION HD कंवरपाल प्रजापति समाज ओबीसी for ©KP EDUCATION HD बुध प्रदोष व्रत की पूजा शाम के समय प्रदोष काल में की जाती है. प्रदोष व्रत में शिव पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 06 बजकर 12 मिनट से रात 08 बजकर 36