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Mahesh Patel
White सहेली...... आंखें उसकी सजल है.. बातें उनकी सरल है.. घूंघट में मिला हुआ चेहरा कमल है.. कैसे कहूं यारों.. वह गीत है वह मित भी है.. यह दर्द में डूबी हुई.. फिर कोई हमारी गजल है.. लाला..….. ©Mahesh Patel सहेली... गजल... लाला....
सहेली... गजल... लाला....
read moreMohan Sardarshahari
Unsplash दोस्तों से मुश्किल है हकीकत छुपाना जैसे हवा से अलग रवानी को रखना। जिंदगी के अनुभव बेशक अलग-अलग होंगे मुश्किल नहीं मगर एक दूजे की कहानी समझना। इशारों में समझाना बहुत कर लिया चलो दोस्तों से करते हैं वही व्यवहार बचकाना। यदि कभी कुछ सुनाना पड़े दोस्तों को बस याद उनकी एक-एक शैतानी दिलाना। मिलकर यदि किसी दोस्त से छलक जाए आंसू शाम को उड़ा देना उनको तेरे नाम के पैमाना। देखी होंगी दशकों में कई नायाब इमारतें तूने होना हो रूबरू जवानी से, बार-२ तेरे कॉलेज जरूर जाना।। ©Mohan Sardarshahari # गजल
# गजल
read moreDrjagriti
तुमको तो हर हक दिया था मैंने तुम क्या गए, हम दोनों को तन्हा कर गए ©Drjagriti #तन्हाई
Avinash Jha
White तन्हाई के साये गहरे होते हैं, खुद से मुलाकात के पहरे होते हैं। चुपचाप कह जाती है ये दास्तां, जो लफ्ज़ों में कभी ना कहे होते हैं। ©Avinash Jha #तन्हाई
Anuj Ray
White तन्हाई" बर्बाद आरज़ू में तेरी ज़िन्दगी मेरी, तुम्हें पता नहीं है कब से तन्हाइयों में जी रहे हैं। तेरी तस्वीर लगाकर अपने सीने से, ख्यालों में रात दिन, तेरे लबों से जाम पी रहे हैं। ©Anuj Ray # तन्हाई"
# तन्हाई"
read moreआगाज़
White *तन्हाई का सफ़र* चुप है रात, सन्नाटा गहरा, दिल की गली में है एक पहरा। चाँद भी थका-थका सा दिखता, तन्हाई का मौसम बस यही कहता। खुद से बातें, खुद से शिकवे, खुद ही अपने दिल के करीब। हर सांस जैसे कोई कहानी, पर सुनने वाला नहीं कोई सजीव। रंग थे कभी, अब सब फीके, खुशियों के दिन हुए पुरानी किताब के। पर यह तन्हाई भी सिखाती है, दिल की आवाज़ सुनने की राह दिखाती है। चल अकेला, संग तेरे है साया, तू ही है अपना, और तू ही पराया। ये खामोशी भी इक गीत है, हर दर्द के पीछे नई प्रीत है। तोड़ तन्हाई की दीवारें, खोल खिड़की नए उजालों की। हर अंधेरा कभी रौशन होगा, बस उम्मीद रख, इस जालों की। ✍️ ©आगाज़ #तन्हाई
Ashok Verma "Hamdard"
White गजल सहर के आँचल में चाँद सोया, फिज़ा में नर्मी नई नई है, घरों में जलती हैं आरतियाँ, दुआ में गर्मी नई नई है। सफर में साथी बने हैं तारे, ख़ुशी के क़िस्से कहें न थमते, जो चाँदनी है ये चुपके चुपके, अभी वो राहत नई नई है। लगे हैं बगिया में फूल महके, सुना है जुगनू मिले उजाले, जो रुत है बदली हवाओं से, अभी तो रंगत नई नई है। नज़र से छलका जो इश्क़ गहरा, वो बात लफ़्ज़ों से फिर न निकली, जो हाल दिल का बयाँ हुआ है, अभी तो हालत नई नई है। हुनर को पहचाना दुनिया ने, जमीं पे क़दमों का जादू छाया, अभी जो रुतबा मिला है तुमको, ये सारी शोहरत नई नई है। जहाँ में उठती हैं आज आँधियाँ, जलें हैं दीपक बने सहारे, अभी जो सूरज चमक रहा है, उसकी ये हिम्मत नई नई है। ©Ashok Verma "Hamdard" गजल
गजल
read moreMansha Sharma
White 🍁मन के भाव 🍁 No_3422 तन्हाई तन्हाई से हाथ मिला लो चुपचाप अपने ह्रदय के ज़ख्मो को छुपा लो जिसने ज़ख्म दिये उसे ही भूला लो तन्हाई मे सबसे छुपा कर अपने ही आसूं पी लो मन की मनशा को मार तन्हाई मे जी भर कर रो लो # स्वरचित_सुरमन_✍️ 19/10/24 ©Mansha Sharma #सांवरे की मनशा #मन के भाव #सुरमन_✍️ #तन्हाई #Sad_Status #nojohindi
#सांवरे की मनशा #मन के भाव सुरमन_✍️ #तन्हाई #Sad_Status #nojohindi
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