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VIMALESH YADAV
White टाइम्स ऑफ इंडिया की शुरुआत व्यापारी समुदाय के लिए 3 नवंबर 1838 को मुंबई से ब्रिटिश राज के दौरान हुई। शुरुआत में इसे बम्बई टाइम्स और जर्नल ऑफ़ कामर्स के नाम से जाना जाता था। हर शनिवार और बुधवार को प्रकाशित होने वाला यह द्वि-साप्ताहिक संस्करण यूरोप, अमेरिका और उप महाद्वीपों के समाचारों से भरपूर होता था। 1850 में इसका दैनिक संस्करण शुरू हुआ और 1861 में इसका नाम "टाइम्स ऑफ इंडिया" पड़ा। 19वीं सदी में टाइम्स ऑफ इंडिया ने 800 से अधिक लोगों को रोजगार दिया और भारत व यूरोप में इसका प्रसार बढ़ता गया। मूलतः यह अखबार ब्रिटिश लोगों के नियंत्रण में था। इसके अंतिम ब्रिटिश संपादक आइवर एस जेहू थे। भारत की स्वतंत्रता के बाद, इस समाचार पत्र का स्वामित्व डालमिया के प्रसिद्ध औद्योगिक परिवार को सौंपा गया। बाद में, उत्तर प्रदेश के बिजनौर के साहू जैन समूह के साहू शांति प्रसाद जैन ने इसे अपने नियंत्रण में ले लिया। संपादकीय पक्ष को कमजोर करके, इसने अपने बिजनेस, प्रसार, और तकनीक को अधिक मजबूत बनाया, जिससे यह देश में सबसे अधिक लाभ कमाने वाला अखबार बन गया। ©VIMALESH YADAV times of India #sad_quotes #vimaleshyadav
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read moreSrinivas
In the joy of Christmas, find the strength of unity and the beauty of diversity, much like the vibrant tapestry of India. ©Srinivas In the joy of Christmas, find the strength of unity and the beauty of diversity, much like the vibrant tapestry of India. #christmas
In the joy of Christmas, find the strength of unity and the beauty of diversity, much like the vibrant tapestry of India. #christmas
read moreBalwant Mehta
डगमगाया हूं पर हारा नहीं, सियासत का खेल है, सारा यही। जीत कर भी मुकाम जो पाया नहीं, एक कदम पीछे, पर दिल घबराया नहीं। कुर्सी की जंग में चली चाल नई, सत्ता के संग दोस्ती भी बेमायनी। नेता जी ने झुककर दिखा दी मिसाल, जनता की खातिर किया हर सवाल। राजनीति में ऊंच-नीच का है खेल, कभी जीत का ताज, कभी हार का मेल। पद पीछे सही, मगर हौसला वही, नेता जी का जज्बा, मिसाल बनी। ©Balwant Mehta #maharashtra #Politics
Ashok Mangal
मारकड़वाड़ी में सत्यशोध मतदान रोक हेतु तैनात किये 1200 सशस्त्र पुलिस ! महज 2800 मतदाताओं के क्षेत्र में कभी न दिखी इतनी पुलिस !! मणिपुर में बंदोबस्त गर इस मुस्तैदी से किया जाता ! निर्वस्त्र नारी परेड से झुके देश का सर आंख मिलाने लायक रहता !! सरकार तानाशाही की सभी हदें कर चुकी है पार ! तनिक भी न बचे लोकतांत्रिक संस्कार !! युवाओं होश में आओ, नीलाम होते भविष्य पर लगाम लगाओ ! जुए के विज्ञापनों व नशे के बढ़ते प्रचलन के विरोध में एकजुट हो जाओ !! मतदान बैलेट से ही कराओ, ईवीएम के संशय को जड़ मूल से मिटाओ ! विपक्षियों की समझ सत्ता समक्ष बहुत ही कम है, तुम समझदार विपक्ष की भूमिका में आ जाओ !! आवेश हिंदुस्तानी 6.12.2024. ©Ashok Mangal #RepublicDay #AaveshVaani #JanMannKiBaat #Politics #India #india🇮🇳
#RepublicDay #AaveshVaani #JanMannKiBaat #Politics #India #India🇮🇳
read moreAshok Mangal
सरकार गठन में हो रही अप्रत्याशित देर ! जनहित के निर्णय हो ही जायेंगे देर सबेर !! ईवीएम से अगले चुनाव न ही लड़ें विपक्ष ! जो हो गया उसका रोना बंद हो अविलंब !! सर्वोच्च तक भी संशय घेरे में समय न गंवाये व्यर्थ ! जन जन के मुद्दों के लिये सत्ता से लड़ जाय विपक्ष !! जनान्दोलन जो भी उनमें ईवीएम का मुद्दा भी हो ! सिर्फ़ और सिर्फ़ ईवीएम के लिये जनान्दोलन ना हो !! जनता के साथ खड़ा है विपक्ष ये साफ़ संदेश जाय ! जन हकों की बहाली से जनता के मन में बस जाय !! 'इंडिया' के सारे पक्ष मिलकर एक ही पक्ष बनायें ! जहां जिसका जितना समर्थन उसे उतने हक दिये जायें !! एक नाम एक चुनाव चिन्ह, इंडिया मविअ जैसे संभ्रम मिटायें ! सीट बंटवारे के नियम बना सीट बंटवारा कर लिया जाय !! उम्मीदवारों का चयन भी चुनाव घोषणा से बहुत पहले हो ! ताकि उम्मीदवारों का क्षेत्र में कार्य समय से बहुत पहले हो !! मनी मीडिया मैनेज मेंट में सत्ता का कोई सानी नहीं ! विपक्षियों को दिलोंजां एकता बिना जीत हाथ आनी नहीं !! अपनी अपनी मूंछों पे ताव देने का समय नहीं है ये ! मूंछों को कटने से बचाने की कोशिशें करने का समय है ये !! - आवेश हिंदुस्तानी 1.12.2024 ©Ashok Mangal #Sukha #JanhitKiRamayan #JanMannKiBaat #AaveshVaani #India #india🇮🇳 #india❤ #Politics
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read moreI.K.Sridhar
White இப்போதெல்லாம் நிறைய தனியார் நிறுவனங்களில் எங்காவது பார்க்கப்போவதை நம்மிடம் இங்கேயே பார்க்கட்டும் என உறவினர்களை பணிக்கு அமர்த்துகிறார்கள். எல்லோரையும் போல அவர்களும் சக பணியாளர்களே...! ஆனால்.. எரிச்சல் அடைய வைக்கிறது.. பணி சார்ந்த நம் சந்தேகங்களுக்கு "சித்தப்பா சொன்னார்.. தம்பியிடம் பேசிக்கொள்கிறேன். அக்காவிடம் கேட்டிருக்கிறேன்... மேலும் மாமா, மாப்பிள்ளை " போன்ற சம்பாஷனைகள். அலுவல் சார்ந்த விஷயங்களில் உறவு முறைகளை உட் கொணர்தல் நாகரீகமான செயல்களன்று. இது எப்போது புரியப்போகிறது இவர்களுக்கு? -ஸ்ரீதர்.ஐ.கே. ©I.K.Sridhar office politics
office politics
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#girls in India face a lot of gender discrimination Gender discrimination is rampant in India 🇮🇳
read moreAvinash Jha
राजनीति की रोटी, घी से तले, हर नेता कहे, "हम देश संभाले!" वादे हज़ारों, सचाई है खोई, वोटों की खातिर, हर चाल चली जाए। मध्यम वर्ग का सपना अधूरा, कभी EMI, कभी बिजली का फंदा। बजट में जीता, महंगाई से हारा, छोटी-सी खुशी भी बन जाए प्यारा। हर चुनाव में फिर से नया सपना दिखाते, नेता जी आते, बस वादे थमाते। मध्यम वर्ग सोचता, "कब तक ये धोखा?" पर चलती है ज़िंदगी, इसी आशा में खोखा। नेता के बेटे विदेश में पढ़े, मध्यम वर्ग का बच्चा कर्ज में पड़े। घर के सपने, रोज़मर्रा में बिखरे, पर ज़िंदा रहे, उम्मीदें समेटे। देश बदलने का नारा है प्यारा, पर मध्यम वर्ग का संघर्ष है सारा। राजनीति की बिसात पर मोहरे हैं हम, चुपचाप सहें सब, फिर भी न बोलें हम। ©Avinash Jha #protest #Politics