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Babli BhatiBaisla
यूं तो होते-होते सभी यहां एक दिन हो जाते हैं खर्च जिक्र बाद में भी होता रहे जिम्मेदारी लगाती है शर्त सामने तो दोस्त तारीफ दुश्मन की भी करते हैं लोग पीठ पीछे जिक्र खामियों संग खूबियों का भी करें लोग केवल ऐसी चर्चा की चाहत में बन कर घनचक्कर कागज़ की किश्ती में बेखौफ भंवर में जाते हैं उतर बबली भाटी बैसला ©Babli BhatiBaisla जिम्मेदारी लगाती है शर्त
Shubham_sonatiya😚
अधूरा प्रेम उसका प्यार भी क्या कमाल का था, धोखा भी खुद देती है और इलज़ाम भी खुद ही लगाती है !! उसका प्यार भी क्या कमाल का था, धोखा भी खुद देती है और इलज़ाम भी खुद ही लगाती है !!
Mahesh Yogi
मुझसे उसकी हर एक गलती माफ़ होजाती है, जब वो मुस्कुरा कर गले लगाती है, और कहती है नाराज़ हो क्या...!! ©Mahesh Yogi मुझसे उसकी हर एक गलती माफ़ होजाती है, जब वो मुस्कुरा कर गले लगाती है, और कहती है नाराज़ हो क्या...!!
Rameshkumar Mehra Mehra
लगाती गले से, मुझे अपना कहकर तो कया बात होती...............! देख के मेरी आंखो, मे तुम प्यार जताती तो कया बात होती.........!! थाम के हाथ मेरा,उम्र भर के लिए....!!! तुम मेरा घर सबारते तो कया बात होती....!!!! खूबसूरत ख्याल है मेरा...!!!! तुम इसे हकीकत बनाती तो कया बात होती......... ©Rameshkumar Mehra Mehra # लगाती गले से मुझे अपना कह कर तो क्या बात होती.....💖
Sangeeta Patidar
कहाँ-कहाँ से ढूँढ के वो अल्फाज़ ले आती है, अनकही बातों का फिर वो बाज़ार लगाती है। जाने कितने दर्द सम्भाल वो साथ ले आती है, बेहिसाब ज़ख़्मों का फिर वो अंबार लगाती है। थोड़ी-थोड़ी करके वो उम्मीद बहुत ले आती है, उन नउम्मीदियों का फिर वो भरमार लगाती है। नेकी कर के भी झूठी रुसवाईयाँ वो ले आती है, झूठी अफ़वाहों का फिर वो समाचार लगाती है। वो बाज़ार लगाती है... #yqbaba #yqdidi #hindipoetry #love #feelings #poetry
Praveen Jain "पल्लव"
पल्लव की डायरी सर्द हवाये नस नस में समायी जाती है सारे शरीर को जकड़े जाती है खुले है आसमान बूंदा वादी से सताती है हाय ये मौसम की मार कपकपी से हाल बुरा कराती है अलाव जलाकर बैठा रहूँ तब गर्माहट से साँसे चैन पाती है मौसमो की मार झेलते झेलते साल दर साल उम्र सर्दी गर्मी वरसात में बीती जाती है कभी कुदरत की मार,कभी सरकारों की मार छटपटाती जिंदगी दुश्वार होयी जाती है अधमरी जिंदगी मौत को रोज गले लगाती है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Winter अधमरी जिंदगी मौत को रोज गले लगाती है #Winter