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Aslam Khaan
यह मुड़ा हुआ कागज नहीं है,धोखा है यह एक कर्म है, भले ही आप इसे नहीं पढ़ते हैं, मुझे लिखने की लत है ©Aslam Khaan यह मुड़ा हुआ
यह मुड़ा हुआ #शायरी
read moreVikash Kumar
मुझे पहाड़ों पे चढ़ते कोई दिखा था तुम सब कुछ कर जाओगे ऐसा उसने कहीं पढ़ा लिखा था ©Vikash Kumar पहाड़ों पे
पहाड़ों पे #प्रेरक
read moreShakuntala Sharma
बहुत दिनों से उसका दीदार नही किया मैंने । अब तो दिल की तसल्ली ने भी मुझे जवाब दे दिया था । मेरे दिल का चैन भी मेरी बैचैनी को बढ़ाये जा रहा है । काश एक बार उससे मुलाखात हो जाती तो जीने की तमन्ना फिर से जाग जाती । मुझे याद है। जब वह आखिर बार मुझसे मिलने आई तो उसे स्पर्श कर ने को मन कर रहा था । यह मेरी गुस्ताकी थी। कि कभी कह ही नही पाई कि हम उसे बहुत ज्यादा प्यार करते है। उसका और मेरा साथ यही तक था । यह सोच कर अपने कमरे में चली गई।सुबह की ट्रेन से वह वापस लौट जायेगी ' । पर जब तक है। में उसे जी भर देख लू ' सारी रात आखों में नींद नही थी । उसका उदास चेहरा मुझ से देखा नही जा रहा था। सब कुछ एक ही पल में समेट कर जा रही थी वह ' । हम कैसे जीयेगे और कैसे रुक पायेगे । मुंह से शब्द भी नही निकल पा रहे थी। बहुत गिड़गिड़ाई और बहुत रोई तड़पी दिल से एक आवाज आ रही थी । मत जाओं . रुक जाओं . पर वह और में दोनो ही मजबूर थे। सोचा था कि एक साथ रह कर एक दूसरे का सहारा बन जायेगा। और हमारी जिन्दगी कट जायेगी । सब कुछ बेकार था ' शायद वक्त की मार ने एक ऐसा डंडा मारा कि एक साथ सभी घायल हो चुके थे। सुबह पाँच बजे वाली ट्रेन हमारे रास्ते अलग कर देगी । अचानक उसके कदमों की आहट सुनते ही मैंने पीछे मुड़कर देखा तो वह मेरे सामने खड़ी थी । मुझे खुद पर विश्वार - नही था। इसी लिये मैंने उससे पूछा क्या में आप को छु सकती हु आखिर बार । उसने कहां हां . शायद मेरा मन रखने को कह दिया था । मैने अपना हाथ उसके गाल पर रखा . और कहां जा रहे हो । अपना ख्याल रखना । वह चुपचाप से कार में बैठी और कार वहाँ से रवाना हो गई। कार के जाने की आवाज से में बाहर आई ' पर वह जा चुकी थी। धीरे धीरे वापस में अपने घर की तरफ चलने लगी। कुछ दुर जाने के बाद .. मेरे कानों में उसके कदमों की आवाज आई । कदमों की आहट सुनते ही में पीछे मुड़ी तो देखा कि वह मेरे सामने खड़ी है। और उसे देखते ही मेरी आखों से अश्कों की धारा बहने लगी । मुझे अनचाही मुराद मिल गई । । ©Shakuntala Sharma # कदमों की आहट सुनते ही पीछे मुड़ा
# कदमों की आहट सुनते ही पीछे मुड़ा #विचार
read more@RKSanjeevSuman
पहाड़ों के बीच एक अलग सा अहसास है, खुद को खोकर जीवन के , सच्चे अर्थ को पाते हैं..! ©Sanjeev Suman #mountainsnearme #पहाड़ों के बीच
#mountainsnearme #पहाड़ों के बीच #ज़िन्दगी
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