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Arora PR
White कविता है जीवन या यों कहे जीवन ही कविता है .... क्योंकि कविता जन्म लेती है दुख सुख में ख़ुशी गम के सानिध्य मेंअथवा पुष्ट होती है हंसी रुदन के गर्भ में ये तो ठीक वैसे ही है जैसे एक फुल खिला. मधुबन में और वही खिला है शूल भी उसके सानिध्य में जो करदेता है दो जिंदगीयों क़ो जर्ज़र भी कोमल भी ©Arora PR जीवन है कविता
PURAN SINGH CHILWAL
Deepa Didi Prajapati
White भीड़ भरे कोलाहल से, भाग जाने का मन करता है। रातों के सन्नाटें में, खो जाने का मन करता है। जान चुकी आपाधापी, मिथ्या है सब संसार की। ममतामई मां के आंचल में, सो जाने का मन करता है। ©Deepa Didi Prajapati # मन _करता_ है
ANIL KUMAR
White कसम से बहुत मन करता है कि तुझसे बात करूँ लेकिन किस हक़ से करूँ अब अपना नहीं रहा न तू ©ANIL KUMAR मन करता है
HARSH369
मन कि व्यथा मन ही जाने, ना तुम जान सको न मैं जानू क्या मन करवाये क्यू करवाये ये मन ना तुम जान सको ना हि मैं जानू.. बेधड़क बोलता हूं,बेखौफ बोलता हूं रिस्तो के बन्धन को कान्टों पर तोलता हूं जिसके पास जितना पैसा, उसी कि सरकार है बाकि बेकारो के लिये बेकार परिवार है,..! बाकि ये सब क्यूं बनाया भगवान ने ना तुम जान सके ना हि मैं जानू..! मन की व्यथा..मन हि जाने..!! ©SHI.V.A 369 #मन की व्यथा..!! #कविता मन की
Mansha Sharma
🍁मन के भाव 🍁 तन्हाई दिख रहा है घुप अंधेरा क्या करे इन उजालो का हम जब साथी तु नही है मेरा हमे घेरे रहता है तेरी यादो का घेरा ना जाने कब होगा जीवन मे सवेरा यह तन्हाई हमे लगी डराने क्या करे तेरी याद जो लगी सताने तुम ना आने के ढूंढने लगे बहाने तुम्हे याद करते करते गला रुंध गया अश्क लगे बहने अब क्या कहे हमे तुमसे कुछ लफ्ज़ नही कहने मनशा है लौट आओ अब तुम्हारे बिना हमे तन्हाई के दर्द नही है सहने अगर तुम्हे कुछ लिखना चाहूं लिख ना पाऊं जज्बात कोरे कागज़ पर छलक ही जाती अंसुवन की धार क्यों छोड़ दिया मुझे इस तन्हाई की दुनिया मे बीच मझधार हम तो थे जन्म जन्म के साथी मनशा फिर क्यों बुझ गयी इस दिल की बाती टूट गये सांसो के तार टूट गये सांसो के तार स्वरचित _सुरमन_✍️ 12/8/22 ©Mansha Sharma #मन के भाव #तनहाई #कविता #nojato
Mansha Sharma
🍁मन के भाव 🍁 No_3317 रात रात एक उदास कविता है एकांत रात मे ही मन के भाव की बहती सरिता है अधूरा चांद जब बादलो से अठखेलियां करता है तब मेरा मन कुछ लिखने को मचला करता है उदास रात का चांद कुछ ठहराव कराता है बिती बातो के किस्से याद कराता है मनशा तो कोई नही किसी से बस अश्क आंखों से बादल की तरह बरस जाता है रात का चांद उदास कविता बन जाता है बिखरी जिंदगी का एक हिस्सा बन जाता है स्वरचित_सुरमन_✍️ 29/11/2023 ©Mansha Sharma #मन के भाव #रात #कविता #chaand #nojato
Arora PR
वो चिड़िया फुदकती है चहक़ती है सभी वृक्षॉ पर वो वृक्ष नींम का है या देवदार का फर्क नहीं करती है ये फूल अपनी खुशबू क़ो स्वच्छदता से लुटाता है क्षेत्र कोलाहल का है या वो इलाका सन्नाटो का.... खुशबू सबको लुटाता है कभी फर्क नहीं करता है ©Arora PR फर्क नहीं करता है