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~anshul
E C G में हृदय की धड़कन बताता है ये किसके लिए धड़कता है अगर ये बताने लगे तो कईयों के हाथ पांव टूट जाते😃 @perceptions anshul #lovegif E C G में हृदय की धड़कन बताता है ये किसके लिए धड़कता है अगर ये बताने लगे तो कईयों के हाथ पांव टूट जाते Deeksha verma Shipra V
Kulbhushan Arora
प्रभात का स्वागत प्रभात का स्वागत 🙏😍😍🙏 आओ मिल प्रभाती गाएं, खुशी के फूलों की लड़ी बनाएं, प्रभात के माथे पर मिल कर हम, आस की मिठास का तिलक लगाएं, सूर्य की क
Karunesh Verma
हे प्रेयसी! वह मधुर मिलन की बेला ऐसी होगी, जब लाल सुर्ख परिधान में सजकर, तुम बाट पिया की जोह रही होगी, कुछ घबराहट तुम्हारे अन्दर होगी, कुछ घड़ियां गिन गिन काट रही होगी, नैन किबाड़ पर टिका कर जब गुमसुम सी बैठी होगी, वह मधुर मिलन की बेला ऐसी होगी... सुन पिया की आहट धड़कन बढ़ सी जाएगी, सांसों कि गति धीमी से उच्च वेग हो जाएगी, अपने प्रियतम को जब मेंहदी लगे हाथों से ग्लास दूध का बढ़ा रही होगी, पाकर अनुपम भेंट पिया से मन में बहुत ही हर्षित होंगी, वह मधुर मिलन की बेला ऐसी होगी... आ बैठे जब नजदीक पिया फिर शर्म से पानी पानी होगी, जब हटेगा घूंघट मुखड़े से, उस सौन्दर्य समक्ष चन्द्र चाँदनी भी फीकी होगी, कजरारे कोंपल वाले नैन जब ऐसे खुलेंगे, मानों जैसे कोई गहरी झील रही होगी, वह मधुर मिलन की बेला ऐसी होगी... हाथों में हाथ पिया का होगा, और हृदय में हलचल होगी, काले मेघों जैसे केश खुलेंगे, कर्ण पल्लव चुम्बन से देह में जैसे सिहरन होगी, मधु भरे अधरों का मिलन अधरों से होगा, वह प्रेम भरा आलिंगन होगा, हृदय की धड़कन बढ़ती जाएगी, सांसों में गर्मी होगी, वह मिलन की बेला ऐसी होगी....!!! हे प्रेयसी! वह मधुर मिलन की बेला ऐसी होगी, जब लाल सुर्ख परिधान में सजकर, तुम बाट पिया की जोह रही होगी, कुछ घबराहट तुम्हारे अन्दर होगी, कुछ घ
Vandana
मैं तुम्हें अपने इस प्रेम में क्या दे सकूंगी बस तुम्हारे सारे गम ले लूं कुछ पल का सुकू दे दूं तेरी राहों के कांटे चुन लूं उन्हें फूलों से भर दूं तेरी दुख तकलीफों में कुछ पल का सहारा बन जाऊं एक प्रेमिका की रहती हमेशा चहा यही दुनिया की
Prashant Badal
"मेरी जिंदगी है वो" जिंदगी में आई वो मेरे जैसे हौले हौले चलती हवा हो वो भोर हुआ जीवन में मेरे जैसे सूरज की पहली किरण हो वो स्वर उसके इतने मधुर जैसे कोयल करती कुहू कुहू चमक चेहरे की उसके ,जैसे पूनम का चांद हो वो वो जिंदगी में आई मेरे जैसे हौले हौले चलती हवा हो वो मेरे जीवन के मझधार में , बनके जैसे आया चप्पू हो वो सर्दी की रातों में मेरी,जैसे कड़क चाय हो वो नींदों के ख्वाबों में वो ,जैसे प्यारा सा एहसास है वो बनी हृदय की धड़कन मेरी ,जैसे जिस्म के नसो में रक्त संचार है वो अंधेरे में भी हर वक्त है पाया,जैसे मेरी ही परछाई है वो गुस्से में वो इतनी गर्म, जैसे सर्दियों में जलती हुई आग हो वो प्यार में वो इतनी नर्म ,जैसे तानसेन का राग हो वो गर्मियों की धूप में छाव सी वो,जैसे कोई राह किनारे पेड़ हो वो स्वभाव बिल्कुल भोला सा ,जैसे सावन के झूले हो मुस्कराए तो जन्नत सी लगे,जैसे कश्मीर की बर्फ हो वो जिद उसकी इतनी प्यारी, जैसे कोई मासूम सा बच्ची हो वो जिंदगी में आई वो मेरे जैसे हौले हौले चलती हवा हो वो भोर हुआ जीवन में मेरे जैसे सूरज की पहली किरण हो वो स्वर उसके इतने मधुर जैसे कोयल करती क
Karunesh Verma
हे प्रेयसी! वह मधुर मिलन की बेला ऐसी होगी, जब लाल सुर्ख परिधान में सजकर, तुम बाट पिया की जोह रही होगी, कुछ घबराहट तुम्हारे अन्दर होगी, कुछ घड़ियां गिन गिन काट रही होगी, नैन किबाड़ पर टिका कर जब गुमसुम सी बैठी होगी, वह मधुर मिलन की बेला ऐसी होगी... सुन पिया की आहट धड़कन बढ़ सी जाएगी, सांसों कि गति धीमी से उच्च वेग हो जाएगी, अपने प्रियतम को जब मेंहदी लगे हाथों से ग्लास दूध का बढ़ा रही होगी, पाकर अनुपम भेंट पिया से मन में बहुत ही हर्षित होंगी, वह मधुर मिलन की बेला ऐसी होगी... आ बैठे जब नजदीक पिया फिर शर्म से पानी पानी होगी, जब हटेगा घूंघट मुखड़े से, उस सौन्दर्य समक्ष चन्द्र चाँदनी भी फीकी होगी, कजरारे कोंपल वाले नैन जब ऐसे खुलेंगे, मानों जैसे कोई गहरी झील रही होगी, वह मधुर मिलन की बेला ऐसी होगी... हाथों में हाथ पिया का होगा, और हृदय में हलचल होगी, काले मेघों जैसे केश खुलेंगे, कर्ण पल्लव चुम्बन से देह में जैसे सिहरन होगी, मधु भरे अधरों का मिलन अधरों से होगा, वह प्रेम भरा आलिंगन होगा, हृदय की धड़कन बढ़ती जाएगी, सांसों में गर्मी होगी, वह मिलन की बेला ऐसी होगी....!!! हे प्रेयसी! वह मधुर मिलन की बेला ऐसी होगी, जब लाल सुर्ख परिधान में सजकर, तुम बाट पिया की जोह रही होगी, कुछ घबराहट तुम्हारे अन्दर होगी, कुछ घ
JALAJ KUMAR RATHOUR
यार कॉमरेड, आज गणतंत्र दिवस है।अगर मौजूदा हालात में देखें तो कल राजपथ पर सेना के शौर्य की परेड और दिल्ली में किसानों के धैर्य की परेड होगी।मुझे पता है कि जवान और किसान इस भारत की नब्ज हैं और जिस दिन ये थम हुई तो सब खत्म हो जाएगा।ऐसे ही तुम मेरे हृदय की धड़कन हो।२६ जनवरी को जब पहली बार तुम्हे कॉलेज के लोन में देखा था तो हृदय से एक ही आवाज़ आती थीं काश!तुम मेरी हमसफ़र हो जाओ। तुम्हारा नाम पता और विषय जानने के लिए गए मेरे प्रयत्न ,मां सीता की खोज में निकले प्रभु राम के संघर्षों से थे। मैं जो तुम्हें देखने के लिए सुबह उठने लगा। तुम्हें जानते जानते मैं खुद को भूलने लगा था।यूनिनॉर के इंटरनेट के जमाने में फेकबुक पर तुम्हारा मेसेज आज भी मेरे जीवन के सबसे खूबसूरत दिनों में से एक है।उस दिन मैं ,राधा के मिलने पर भगवान कृष्ण के समान खुश था।कुछ पल जीवन में होते हैं।जिनमें खुशी या गम सिर्फ हमें चुननी होती है।तुमसे हज़ारों बाते करने के बाद भी कभी जी भर मुलाकात न हुईं। आज भी तुम्हारी यादों के तंत्र में उलझा में चाहता हूं इससे आजादी,....#जलज कुमार ©JALAJ KUMAR RATHOUR यार कॉमरेड, आज गणतंत्र दिवस है।अगर मौजूदा हालात में देखें तो कल राजपथ पर सेना के शौर्य की परेड और दिल्ली में किसानों के धैर्य की परेड होगी।म
Vandana
सर्द मौसम की ठिठुरन भरी बरसात घर से निकल गई महबूब से करने मुलाकात सर्द मौसम की ठिठुरन भरी बरसात घर से निकल गई महबूब से करने मुलाकात,,, सिफोन कि सारी के लिबास में ढकी वो राजकुमारी,,, इश्क की तिशनगी ऐसी लाग
Vandana
,,,,, क्या मांगा है और मांग भी क्या सकते हैं किसी से और कोई दे भी क्या सकता है देने वाला लेने वाला मिलाने वाला बिछड़वाने वाला वह परवरदिगार है जब