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Diya
🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰🥰 ©Diya #मासूम #नजर #बचपन#बचपन #diyakikalamse
#मासूम #नजर #बचपन#बचपन #Diyakikalamse
read moreHimanshu Prajapati
खो गया हूं खुद की दुनिया में, अब किसी और की दुनिया कि जरूरत नहीं..! ©Himanshu Prajapati #alonesoul खो गया हूं खुद की दुनिया में, अब किसी और की दुनिया कि जरूरत नहीं..! #36gyan #hpstrange
#alonesoul खो गया हूं खुद की दुनिया में, अब किसी और की दुनिया कि जरूरत नहीं..! #36gyan #hpstrange
read morekasishraj
मौसम का कोई रूप नहीं फिर भी बहुत सुंदर लगता हैं धूप में कोई आग नहीं फिर भी ओ तेज लगता हैं Anjaliraj ©kasishraj #मासूम खूबसूरत दो लाइन शायरी
#मासूम खूबसूरत दो लाइन शायरी
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी छाँव की पर्दादारी गयी रिश्ते सब टूट गये खिल ना सके इन पतझरो के बाद कैद कही हवा पानी हो गये ठूठ से हम बंजर खड़े है खाद्यपानी नेता चर गये अग्नि परीक्षा देते देते हम ओवरेज की उम्र में चले गये खता जो मैने समझी अब तक साजिशों से ठगे गये है बूँद तक की प्यास के लिये कितने पहरे ईजाद किये गये है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #GoodMorning कितने पहरे ईजाद किये गये है
#GoodMorning कितने पहरे ईजाद किये गये है
read moreSanjeev0834
कभी सोचता हूँ के मुज्य सोचती होगी वो फिर सोचता हूँ ये किया सोचता हूँ में Sometimes I think that she must be thinking about me Then I think what am I thinking ©Sanjeev0834 कभी #सोचता हूँ के #मुज्य सोचती होगी वो #फिर सोचता हूँ ये किया सोचता हूँ में #beingsanjeev0834🦅 #nawab_saab💗🤞 #2linespoetry #2lineshayari #
कभी #सोचता हूँ के #मुज्य सोचती होगी वो #फिर सोचता हूँ ये किया सोचता हूँ में beingsanjeev0834🦅 nawab_saab💗🤞 #2linespoetry #2lineshayari #
read moreF M POETRY
green-leaves कितने आराम से बैठे हो मेरा दिल लेकर.. मुझको हैरत है क़ी खामोश है दिल भी तुम भी.. यूसुफ़ आर खान.... ©F M POETRY #GreenLeaves कितने आराम से बैठे हो...
#GreenLeaves कितने आराम से बैठे हो...
read mores गोल्डी
कभी सोचता हूं कैसे नजरे मिला पाऊंगा अपने दोस्तों से.. जिनको मैं सीना ठोकर कहता था कि मेरी वाली सबसे अलग है...! 💔😥 ©s गोल्डी कभी सोचता हूं कैसे नजरे मिला पाऊंगा अपने दोस्तों से.. जिनको मैं सीना ठोकर कहता था कि मेरी वली मुझे से ही शादी करेंगी...!💔😥
कभी सोचता हूं कैसे नजरे मिला पाऊंगा अपने दोस्तों से.. जिनको मैं सीना ठोकर कहता था कि मेरी वली मुझे से ही शादी करेंगी...!💔😥
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White सोचता हूँ कभी कभी क्या तुम मेरा इश्क़ थीं या, यूँ ही बस एक इंसानी फ़ितरत पसन्द करना किसी को मोहब्बत के ख्याली पुलाव पकाना ग़र ये, महज़ एक आकर्षण था तेरे मुँह मोड़ने पर भी बाकी क्यूँ है तो क्या है जो अब भी बाकी है मुझ में एक शोर सा, मेरी सांसों की डोर सा क्यों होता है ऐसा… हर बार बेवफ़ा समझ कर सोचता हूँ तुम से दूर जाने को तेरा अक्स मेरी आँखों में उतर आता है मुस्कुरा कर जैसे पूछ रहा हो कैसे हो तुम, जो कहा करते थे आख़िरी साँस तक चाहोगे मुझे तब शर्त कहाँ थी उतना ही चाहोगी तुम मुस्कुराहट तुम्हारी शोर बन कर गूंजने लगती है मेरे भीतर धड़कनें इस क़दर बढ़ जाती है मानो दिल फटने को हो हँसी में घुले सवाल गूंजने लगते हैं मेरे कानों में एक शोर, जो डराने लगता है मुझे हर बार, हर रात मुझे जाग जाता हूँ मैं, भूल कर सारे शिकवे एक और सुबह होती है मुझे याद दिलाने को इश्क़ है मुझे तुम से, रहेगा भी आख़िरी साँस तक इस जन्म, उस जन्म, हर जन्म ©हिमांशु Kulshreshtha सोचता हूँ कभी कभी....
सोचता हूँ कभी कभी....
read moreडॉ.अजय कुमार मिश्र
White बहुत लोग हैं मेरे साथ, फिर भी आज मैं तन्हा हूं, जाने क्यों खुली आसमां से ,व्यथा आज कहता हूं। हमें आदत थी हमेशा आग और बर्फ पर चलने की, आज सर्द हवाओं के सर्दी से भी जाने क्यों बचता हूं। धधकती आग तो दूर, आज आग के धुएं से भी डरता हूं।। कोई चोटिल न हो जाए मेरे खट्टे मीठे शब्दों से , आज जुबान से निकलने वाली हर शब्द से डरता हूं। कौन सक्स कब हमें कह दे गुनहगार। आज हर सक्स के नजरों से डरता हूं। ©डॉ.अजय कुमार मिश्र डरता हूं
डरता हूं
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