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Arora PR
मैंने देखे है जीवन में. ऐसे भी लोग जो दुसरो के सुखो में तो शामिल होते है... लेकिन दुखो में साथ नहीं देते ऐसे लोगो की अच्छाई सनदिग्ध मानी जा सकती है. ऐसा आदमी स्वर्ग के द्वार तक़ तो पहुंच ने में सफल हो जाता है पर स्वर्ग के दरवाज़े ताले की चाबी से वंचित रह जाता है ©Arora PR संदिग्ध
संदिग्ध #कविता
read moreArora PR
White एक व्यक्ति दहाड़े मार कर रों रहा है. और एक दूसरा आदमी गला फाड़ कर. कोई पुराना गीत गा रहा है अब ये पता लगाना सन्धिग्ध है. कि इन दोनों मे कौन खुश है और कौन गमगीन है ©Arora PR संदिग्ध
संदिग्ध #कविता
read moreAniket Sen
भूत पैरों को जकड़ा हुआ है, भविष्य दिमाग को पकड़ा हुआ है, और बेचारा यह दिल, वर्तमान की आँच में सिकुड़ा हुआ है। कुछ इस तरह से घिरे हैं हम काल के घेरे में, आज़ाद रह कर भी घुटते हैं हम पहरे में। रातें काली, सपनें भी काले, झूठ यह सफ़ेद है, बड़ी सी दुनियाँ में, हम उलझनों के पिंजरे में कैद हैं। हर पहर जानें क्यों, एक फ़िक्र सी सताती है, इतनी सी फ़िक्र में, मेरी आधी जान चली जाती है। दूसरों से पूछो तो बहुत से जवाब पाता हुँ, खुद से जानना चाहुँ, तो खुद ही में उलझ जाता हुँ। #भूत #वर्तमान #भविष्य #काल #फिक्र #yqdidi #bestyqhindiquotes #ifyoulikeitthenletmeknow
Parasram Arora
न मालूम कितने पथरो के सामने सर झुके....... और न जाने कितने शब्दों मे उसकी प्रार्थना रची गईं .... और न जाने कितने शास्त्र उसकी प्रशस्ति मे लिखें और पढ़े गए..... लेकिन जिसे ईश्वर या खुदा कहा जाता है वो स्वर्ग से नीचे उत्तर कर धरती पर आया नहीं है..... उसका ये संदिग्ध अस्तित्व मानव को युगो से भृमित कर रहा है. संदिग्ध अस्तित्व.........
संदिग्ध अस्तित्व.........
read moreMarutishankar Udasi
भूत भविष्य के झूठ सच को देव ही जाने जीवन क्षणिक है भूत भविष्य दोनों ही है वर्तमान के हाथ में ©Marutishankar Udasi वर्तमान के #Ride
Manoj Kumar Sharma
दोस्तों , वर्तमान वैश्विक कोरोना काल के संदर्भ में आप सभी के समक्ष अपनी नई कविता प्रस्तुत कर रहा हूं ....
read moreSatinder
सुप्रभात इलेक्शन में Corona नहीं है और निर्लज्ज ताली पीट रहे हैं बच्चों का भविष्य अंधकार में है और चंद लोग अपनी रोटियां सेक रहे हैं हो रहा है अर्थव्यवस्था का बुरा हाल पड़ जाएंगे रोजी-रोटी के लाले यह भय पल पल सता रहा है सरकारों का यह दोगला चेहरा हम आम आदमी को बहुत डरा रहा है जो मांगते हैं अपना हक तो देशद्रोही कहा जा रहा है अब तो इस देश में रहना भी मुश्किल होता जा रहा है कैसे चलेगी घर और कारोबार यह चिंता सताए जा रही है कैसे होगा देश का विकास इस बात की फिक्र खाए जा रही है डरा रहा है वर्तमान ना जाने किस और लेकर जाएगा नहीं समले हम अब भी दो जीना बहुत मुश्किल हो जाएगा जीवन बहुत कठिन हो जाएगा। ©Satinder वर्तमान के हालात #PoetInYou
वर्तमान के हालात #PoetInYou
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