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Stories related to दिखा दीजिए

Anjali Singhal

"सब्र का इम्तिहान न लीजिए। तरस रहीं हैं अँखियाँ दीदार को... दीदार दीजिए।।" #AnjaliSinghal love nojoto

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"सब्र का इम्तिहान न लीजिए।
तरस रहीं हैं अँखियाँ दीदार को... दीदार दीजिए।।"

©Anjali Singhal "सब्र का इम्तिहान न लीजिए।
तरस रहीं हैं अँखियाँ दीदार को... दीदार दीजिए।।"

#AnjaliSinghal
#love 
#nojoto

Praveen Jain "पल्लव"

#Freedom बसन्त अपना जलवा दिखा रहा है

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पल्लव की डायरी
चुभ रही हवा चुभन बनकर
तन मन कोई सहला रहा हो
गुलाबी हुये गाल कोई थप थपा रहा हो
मस्ती में माला माल हुये हम
अंग अंग अंगड़ाई ले रहा है
चुनर धानी उड़ी उड़ी जाये
बसन्त अपना जलवा दिखा रहा है
                                               प्रवीण जैन पल्लव

©Praveen Jain "पल्लव" #Freedom बसन्त अपना जलवा दिखा रहा है

Krishna Lanjewa

पहिले दुनिया देख बाद मे दुनिया को दिखा तू कैसा है

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White पहिले दुनिया देख बाद में दुनिया को दिखा तू कैसा है !!

©Krishna Lanjewa पहिले दुनिया देख बाद मे दुनिया को दिखा तू कैसा है

अनिल कसेर "उजाला"

सुना दीजिए

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DANVEER SINGH DUNIYA

#snow आइना दिखा

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Unsplash   ऐ पागल तुने मुझे चाहा और चाह के भी छोड़ दिया
 तेरी ऐक्सेप्ट लिस्ट में ना सही ब्लैक लिस्ट में तो हूं
 तू धन की चाहत में और को याद कर मुझे भूल गई
  मन से दूर किया तो क्या दिल और दिमाग में तो हूं...

©DANVEER SINGH DUNIYA #snow आइना दिखा

नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर मंज़िल न दे सके जो सुकूँ सफ़र को 'नवनीत', तो राह की गर्द से एक नई दास्ताँ लिख दीजिए। जहाँ तक भी चली हो मंज़िल की तलाश, उस रास्

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मंज़िल न दे सके जो सुकूँ सफ़र को 'नवनीत',
तो राह की गर्द से एक नई दास्ताँ लिख दीजिए।

जहाँ तक भी चली हो मंज़िल की तलाश,
उस रास्ते की हर धूल से अपनी आवाज़ कह दीजिए।
ग़म और दर्द अगर न मिले राहत का निशाँ,
तो हर एक क़दम से अपनी दुआ बना दीजिए।

मंज़िल नहीं मिली तो क्या, सफ़र तो है,
राहों की धूल से ही खुद को पहचान दीजिए।
रोशनी मिलेगी अंधेरे के हर कोने से,
वक़्त की चुप्प को अपनी हसरतों से सजा दीजिए।
हमसफ़र नहीं तो क्या, इरादे हैं आसमान जैसे,
हर घड़ी की राह को अपने ख्वाबों से बना दीजिए।

कभी अगर ठोकरें लगे, तो उन्हें दिल से लगा लीजिए,
वहीं छुपा है वो राज़, जो आपको मजबूत बना दीजिए।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
मंज़िल न दे सके जो सुकूँ सफ़र को 'नवनीत',
तो राह की गर्द से एक नई दास्ताँ लिख दीजिए।

जहाँ तक भी चली हो मंज़िल की तलाश,
उस रास्

नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर जो खो चुकी हो राहें, वो फिर से पा ली जाएं, अपने हर दर्द से एक नयी राह बना दीजिए। ग़म की घटाओं को अपनी मुस्कान से चुराएं, रातों

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जो खो चुकी हो राहें, वो फिर से पा ली जाएं,
अपने हर दर्द से एक नयी राह बना दीजिए।
ग़म की घटाओं को अपनी मुस्कान से चुराएं,
रातों को अपनी रोशनी से सजा दीजिए।

लगे जब भी जीने की राह कठिन,
इरादों से रास्ते अपने बना दीजिए।
हर ख्वाहिश को हासिल करने का रखो हौसला,
खुद में हर मुश्किल को हल दीजिए।

हो गर आसमान की ऊँचाई छूने का इरादा,
तो जमीन से अपनी उड़ान दीजिए।
हो दर्द जो दिल में छुपा गहरा,
अपनी ताकत का हिस्सा उसे बना दीजिए।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
जो खो चुकी हो राहें, वो फिर से पा ली जाएं,
अपने हर दर्द से एक नयी राह बना दीजिए।
ग़म की घटाओं को अपनी मुस्कान से चुराएं,
रातों

नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर हर एक कांटे को फूल में बदल दीजिए, जो टूट जाएं सपने, उन्हें फिर से जोड़ दीजिए। कभी जब भी हो मुश्किल, तो खुद से कहिए, आपके भीतर छ

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Unsplash हर एक कांटे को फूल में बदल दीजिए,
जो टूट जाएं सपने, उन्हें फिर से जोड़ दीजिए।
कभी जब भी हो मुश्किल, तो खुद से कहिए,
आपके भीतर छुपी है एक नई दुनिया, बना दीजिए।

जो खो चुकी हो राहें, वो फिर से पा ली जाएं,
अपने हर दर्द से एक नयी राह बना दीजिए।
ग़म की घटाओं को अपनी मुस्कान से चुराएं,
रातों को अपनी रोशनी से सजा दीजिए।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
हर एक कांटे को फूल में बदल दीजिए,
जो टूट जाएं सपने, उन्हें फिर से जोड़ दीजिए।
कभी जब भी हो मुश्किल, तो खुद से कहिए,
आपके भीतर छ

नवनीत ठाकुर

#नवनीतठाकुर जब भी हो वक़्त कठिन, तो हौंसले से काम लीजिए, अपने इरादों को एक नई उड़ान दीजिए। मुसीबतें हों या उलझनें हो कोई, उन्हें अपनी मेहनत

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Unsplash जब भी हो वक़्त कठिन, तो हौंसले से काम लीजिए,
अपने इरादों को एक नई उड़ान दीजिए।
मुसीबतें हों या उलझनें हो कोई,
उन्हें अपनी मेहनत से हल कर दीजिए।

अंधेरों में जो खो जाएं रास्ते कभी,
उन्हें उम्मीद की रौशनी से फिर से बना दीजिए।
जो कदम रुक जाएं थककर इस सफ़र में,
उन्हें अपनी चाहत से आगे बढ़ा दीजिए।

©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर 
जब भी हो वक़्त कठिन, तो हौंसले से काम लीजिए,
अपने इरादों को एक नई उड़ान दीजिए।
मुसीबतें हों या उलझनें हो कोई,
उन्हें अपनी मेहनत

shamawritesBebaak_शमीम अख्तर

#sad_quotes इस सफर-ए-हयात में क्या- क्या न मुझे दिखा,अपने ही घर मे हर अफराद जुदा- जुदा सा मुझे दिखा//१ खल्क की सदा को नक्कारा -ए-खुदा न समझ

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White इस सफर-ए-हयात में क्या- क्या न मुझे दिखा,
अपने ही घर मे हर अफराद जुदा-जुदा सा मुझे दिखा//१

खल्क की सदा को नक्कारा-ए-खुदा न समझा,उमीदे-अदल थी
जिनसे,वो बाप विरासत देने मे गूंगा-बहरा सा मुझे दिखा//२

जो दबाते है सरमाया अपने हमशीरी का,वो रोजे
      मह्शर अल्लाह-रसूल् से शर्मिंदा खड़ा सा मुझे दिखा//३

वो एहसासे कमतरी का शिकार न दिखा,हाँ आज
    उसके मन मे जहरीला गुबार उड़ता सा मुझे दिखा//४

नफरत की अफीम बोई है,जिस हासिद ने,अब ईद दिवाली
 स्नेह मिलन पर,वो नफरते फसल काटता सा मुझे दिखा//५

हाशिये पर पसमन्दो को निशाना बनते मुझे दिखा,
       इस मानिंद नशेमन रिआया का गिरता सा मुझे दिखा//६

जो अना और किना परस्त बड़े लोग है,मुझको तो
ऐसे लोगो का किरदार अदना सा मुझे दिखा//६

जाइए मत आप"शमा"की बेबाकी पर,मै खामखाह,
सुर्ख़रू हुआ,जो ये हयात शनासा सा मुझे दिखा//७
#shamawritesbebaak

©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #sad_quotes इस सफर-ए-हयात में क्या- क्या न मुझे दिखा,अपने ही घर मे हर अफराद जुदा-
जुदा सा मुझे दिखा//१

खल्क की सदा को नक्कारा
-ए-खुदा न समझ
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