Find the Latest Status about कविता अटल बिहारी वाजपेयी from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, कविता अटल बिहारी वाजपेयी.
Shiv gopal awasthi
ऐसा पढ़ना भी क्या पढ़ना,मन की पुस्तक पढ़ न पाए, भले चढ़े हों रोज हिमालय,घर की सीढ़ी चढ़ न पाए। पता चला है बढ़े बहुत हैं,शोहरत भी है खूब कमाई, लेकिन दिशा गलत थी उनकी,सही दिशा में बढ़ न पाए। बाँट रहे थे मृदु मुस्कानें,मेरे हिस्से डाँट लिखी थी, सोच रहा था उनसे लड़ना ,प्रेम विवश हम लड़ न पाए। उनका ये सौभाग्य कहूँ या,अपना ही दुर्भाग्य कहूँ मैं, दोष सभी थे उनके लेकिन,उनके मत्थे मढ़ न पाए। थे शर्मीले हम स्वभाव से,प्रेम पत्र तक लिखे न हमने। चंद्र रश्मियाँ चुगीं हमेशा,सपनें भी हम गढ़ न पाए। कवि-शिव गोपाल अवस्थी ©Shiv gopal awasthi कविता
Negi Girl Kammu
मृत्यु अटल सत्य है, यह बात जानते हुए भी , इंसान दुनिया की व्यर्थ मोह माया में उलझा रहता है । सत्य यही है ,कि इंसान कभी सत्य को स्वीकारना पसंद करता ही नहीं है। वह जानता है कि ,वह इस दुनिया में आया हुआ एक मेहमान है । समय समाप्त होने पर उसकी मेहमान नवाजी खत्म हो जाएगी । और उसे जाना होगा प्रभु के श्री चरणों में अपने परमधाम को । परन्तु उसके बावजूद भी इंसान ,व्यर्थ की मोह माया में उलझा रहता है। उसे कल की फिक्र है ,अपनों की चिंता है और दो पैसे का लालच हैं। वास्तव में मनुष्य का जीवन दुविधा में पड़ा हुआ है। समय से पहले इस सत्य को दिल से स्वीकार करें तो वह जी नहीं सकता। और अधिक समय तक इसे स्वीकार न करें तो वह दुखों से गिर जाता है। क्योंकि आने वाले कल की चिंता को लेकर , मनुष्य का आज भी बिगड़ जाता है। इसीलिए इस परम सत्य को बुलाकर जीना भी मानव के हित में। ©Negi Girl Kammu मृत्यु अटल सत्य।
"Vibharshi" Ranjesh Singh
Bihari and Hypocrisy राजनीतिक समझ पर ज्ञान ऐसे देंगे जैसे इनसे बड़ा कोई ज्ञानी नहीं हो पर फिर वोट किसी अपराधी को दे आयेंगे। खाने को आटा नहीं बात बिरला और टाटा की करेंगें । गोतिया के सामने अंबानी दिखने की कोशिश करेंगे फिर बाहर राज्य में जा कर मजदूरी करेंगे। गांव समाज में अगर कोई व्यक्ति मेहनत कर के आगे बढ़ना चाह रहा हो तो उसकी लिए अड़चन पैदा करेंगे, और फिर बाद में बिहारी एकता पर ज्ञान देंगे। गांव में रहेंगे तो एक गाली पर मर्डर कर देंगे वहीं बाहर राज्य में हर दिन गाली खायेंगे और निर्लज्ज की तरह बने रहेंगे। बाल बच्चा का मुंह देखे महीना हो जाए भले ही, अपना सुख चैन बेच आयेंगे पर वोट किसी ना किसी अपराधी को दे आएंगे। अजीब से नशा में चूर हैं सब, गलती करेंगे खुद और कहेंगे मजबूर हैं सब। मेहनत से चार पैसा कमाने वाला व्यापारी इनको चोर , दो नंबर का काम करने वाला लगेगा और बेटी का रिश्ता उस सरकारी बाबू से करवाएंगे जिसका आउटी आमदनी हो यानी घुस लेता हो l ©"Vibharshi" Ranjesh Singh मैं भी एक बिहारी हूं