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Shivkumar barman
जब मैं तेरे ऊपर कोई एक गजल लिखूंगा तब तेरे होठों को एक कमल लिखूंगा लिखूंगा जब मैं इस बेबसी का आलम तेरी आंखों को मैं सागर लिखूंगा पूछेंगे लोग जब मुझसे मेरी जन्नत के बारे मैं तब मैं तेरी बाहों में लेटना लिखूंगा लिखूंगा तुझे मैं इस जहां की शहजादी खुद को यहां का नवाब लिखूंगा..... RTमजबूरी कहीं है डर कहीं हैं, बेबसी का आलम हर कहीं हैं, अजब बड़ा है दस्तूर ए इश्क दर्द कहीं है, असर कहीं हैं, परिंदे हैं हम इस आसमां के शाम कहीं हैं, सहर कहीं हैं, भटक रहे यहां कितने राही मंजिल कहीं है सफर कहीं हैं, नहीं खबर मुझको अपनी मैं कहीं हूं, घर कहीं हैं, सोच में सबकी फर्क बहुत हैं, इशारे कहीं है नजर कहीं हैं, ✍️ SHIVAM 🙏 ©Shivkumar barman एक बार तुम्हें कस कर गले लगाना है.. और तुम्हे यु महसूस कर लेना है सदा के लिए तुम्हारी छुअन को... और फिर कभी किसी और को तुम्हारे करीब नहीं
एक बार तुम्हें कस कर गले लगाना है.. और तुम्हे यु महसूस कर लेना है सदा के लिए तुम्हारी छुअन को... और फिर कभी किसी और को तुम्हारे करीब नहीं
read moreJayesh gulati
Unsplash कैसे मिटाऊं। (read full in caption) ©Jayesh gulati मैं को, मैं की याद से कैसे मिटाऊं । तुझको अपनी याद से कैसे मिटाऊं ।। करता हूँ कोशिश, अब मैं, खुद से भी दूर रहने की । मैं इस जिस्म से, तेरी
मैं को, मैं की याद से कैसे मिटाऊं । तुझको अपनी याद से कैसे मिटाऊं ।। करता हूँ कोशिश, अब मैं, खुद से भी दूर रहने की । मैं इस जिस्म से, तेरी
read moreParul Sharma
दाल रोटी की जगह पिज्जा बर्गर मिठाई की जगह केक चाकलेट नमकीन की जगह कुरकुरे चिप्स Fastival or birthday पर gift परोसने वाले santa हम लोग --- मकरसंक्रांति पर तिलकुट खिचड़ी बसंत पंचमी पर पीले वस्त्र चावल होली पर गुजिया इनरसा एकादशी पर घड़ा पंखा खरबूज शरबत गणतंत्र दिवस पर बूंदी रक्षाबंधन पर घेबर जन्माष्टमी पर पंजीरी चरणामृत नौ दुर्गा में पूरी हलुआ शरद पूर्णिमा पर खीर महिलाओं के त्योहार पर श्रंगार के सामान दशहरा दिवाली पर खीर खिलौने बताशे बाँटते और दान करते है हम गिफ्ट नहीं लेते List में कुछ और रह गया है तो Santa आप भी बता सकते हैं कुछ ले भी जा सकते हैं हमारे त्योहारों पर मित्रों आप ही बताइए लगता है बहुत कुछ रह गया है ©Parul Sharma दाल रोटी की जगह पिज्जा बर्गर मिठाई की जगह केक चाकलेट नमकीन की जगह कुरकुरे चिप्स Fastival or birthday पर gift परोसने वाले santa हम लोग -
दाल रोटी की जगह पिज्जा बर्गर मिठाई की जगह केक चाकलेट नमकीन की जगह कुरकुरे चिप्स Fastival or birthday पर gift परोसने वाले santa हम लोग -
read moreMatangi Upadhyay( चिंका )
तुम्हे छुना और तुम्हे गले से लगाना कई बार यह romance के लिए नहीं बल्कि तुम्हारे साथ भावनाओं और एहसासों को जीने के लिए होता है तुम्हे छूने के लिए कई बार बहुत तरस जाते है तुम्हारे करीब आने के लिए बेताब हो जाते है उस वक्त सिर्फ एक कसक मन मे होती है की तुम आओ और मुझे अपनी बांहों में भर लो..! ©Matangi Upadhyay( चिंका ) तुम्हें छूना और गले से लगाना 🥰 #matangiupadhyay #Nojoto #Love #Life #feelings
तुम्हें छूना और गले से लगाना 🥰 #matangiupadhyay Love Life #feelings
read moreshamawritesBebaak_शमीम अख्तर
White उस मुनाफिक से मै नफरत नहीं करता,वो हँसता है मेरे हालपे मुझसे मुहब्बत नहीं करता//१ जो वकील देता फिरे बिन मांगी बचकानी दलीलें, यकीनन ऐसा वकील अच्छी वकालत नहीं करता//२ ऐ रब मत करना तु इन नमरूदों की बख़्शिश,के मुंसिफ़ बनाम नमरुद किसी की मगफिरत नहीं करता//३ मुफ्लिसि भी मुफ़लिस को बहुत तंग करता है,मगर मेरे मुल्क ए जरदार को कोई मलामत नहीं करता//४ किस मसकन मे नहीं होते तल्ख रसुकात,बताइए कौनसे मुल्क पे दज्जाल हुकूमत नहीं करता//५ बेशुमार शाहिद ने देदी शहादत मेरी सदाकत की, मै हरगिज किसी मज़हब की गीबत नहीं करता//६ याद हैं मुझे मेरे बुजर्गों का कौल ए हिदायत,मैं कमजर्फ को उनकी तंग-दिली पे नसीहत नहीं करता//७ हम जानलें ये जहाँ तो फना-फिल्लाह होना ही है, फिर क्यूं कोई फिसबिलिल्लाह खैरात नहीं करता//८ "शमा"तो मुनाफिक भी ऐसा मुनाफिक है,जो सहके जुल्म अपने मुल्क से बगावत नही करता//९ #Shamawritesbebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #sad_quotes ©उस मुनाफिक से मै नफरत नहीं करता,वो हँसता है मेरे हाल पे मुझसे मुहब्बत नहीं करता//१ जो वकील देता फिरे बिन मांगी बचकानी दलीलें,य
#sad_quotes ©उस मुनाफिक से मै नफरत नहीं करता,वो हँसता है मेरे हाल पे मुझसे मुहब्बत नहीं करता//१ जो वकील देता फिरे बिन मांगी बचकानी दलीलें,य
read morePraveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी अपने नाकारापन को छिपाने शक्ल दंगो की दे देते है चर्चा जब भी हो संसद में तूल साम्प्रदायिकता को दे देते है ना उठे सवाल विपक्ष के हवा घटनाओं को दे देते है विश्वास और बहुमत से चुने हो तो संसद को चलने कियो नही देते हो लगा रखे है कई मुखोटे चेहरों पर उजागर अपने क्रिया कलाप कियो नही होने देते हो सवालों से बचने के लिये देश के अस्मिता से खेलते हो बन्द करो चिंगारी लगाना अगर भड़की आग तो बजूद अपना ढूढ़ते रह जाओगे प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Sad_shayri बन्द करो चिंगारी लगाना
#Sad_shayri बन्द करो चिंगारी लगाना
read moreअdiति
दूसरो पर लांछन लगाना बहुत आसान होता है परन्तु वही लांछन कोई और आप पर लगाए तो उसे स्वीकारना बहुत कठिन होता है Writer saumya mishra Prashan
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