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Ashok kumar sharma Upadhyay

💕💕💕💕 ♤♤♤♤♤♤ होशवालों को खबर क्या, बेखुदी क्या चीज है, इश्क किजे फिर समझिये, जिन्दगी क्या चीज है उनसे नज़रे क्या मिली,

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❤ सुनो......👫
युँ ही थाम के रखना मेरा हाथ अपने हाथों में 
के मैं चाह कर भी तुमसे दूर ना जा सकूँ 💞

~Ashok ❤ 💕💕💕💕
♤♤♤♤♤♤
होशवालों को खबर क्या, 
बेखुदी क्या चीज है,
इश्क किजे फिर समझिये, 
जिन्दगी क्या चीज है

उनसे नज़रे क्या मिली,

Lovelorn Vinit

खुलती जुल्फों ने बताई मौसमों को शायरी झुकती आँखों ने बताया मैकसी क्या चीज है #HeartfeltMessage

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Mohan Sardarshahari

जुल्फों ने डिगाया #कामुकता

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@tul maurya(IT)

#@@तजुर्बे ने #@एक बात##@ सिखाई है##@@

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तजुर्बे ने एक बात सिखाई है, 
एक नया दर्द ही पुराने दर्द की दवाई है ! #@@तजुर्बे ने #@एक बात##@ सिखाई है##@@

Rajni kant dixit

हवा ने उनकी जुल्फों को छुआ

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हवा ने उनकी ज़ुल्फ़ों को कुछ यूँ छुआ, हवा ने उनकी जुल्फों को कुछ यूं छुआ
उनकी जुल्फों को देख कर मेरा दिल उनका हुआ
हवा कुछ कह रही थी उनके जुल्फों मे लहराके
 उन्हें देखने के बाद मेरा हर ख्वाब उनका हुआ
rajnikantdixit हवा ने उनकी जुल्फों को छुआ

Kavi Rishabh Katiyar

उनकी जुल्फों ने भी क्या अजब कहर ढाया है? उनकी जुल्फों ने भी क्या अजब कहर ढाया है? #Nojoto #latest #Love #जुल्फों #RishabhKatiyar

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उनकी जुल्फों ने भी क्या अजब कहर ढाया है
चांदनी रात में भी अँधेरा छाया है
घनघोर बादल इश्क़ के
बरसे भी तो कैसे?
उनकी हँसी ने, जो बिजली सा कहर ढाया है  #NojotoQuote उनकी जुल्फों ने भी क्या अजब कहर ढाया है? 
उनकी जुल्फों ने भी क्या अजब कहर ढाया है?
#nojoto #latest #love #जुल्फों #RishabhKatiyar

Kasim Choudhary

मेरे बाप ने मुझे एक बात सिखाई है 👍👍 ऐऐऐऐ #समाज

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Deepak Kumar Katariya

अभिमन्यु ने भी एक बात सिखाई है ..!! #अभिमन्यु #ने #भी #एक #लेकिन #नहीं #Shorts #Motivation #d.K.K #विचार

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Drx. Mahesh Ruhil

Shashi Bhushan Mishra

#अब नहीं खुलती# #शायरी

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बन  चुकी  श्मशान कितनी  बस्तियाँ, 
अब नहीं खुलती यहाँ पर खिड़कियाँ,

हौसले से जीत मिल जाती है नाविक,
वर्ना   अक्सर   डूब  जाती  कश्तियाँ, 

कुछ नया करने  के  पहले ही हमेशा, 
लोग  कस देते हैं  मिलकर  फब्तियाँ,

बस ज़रा सी तरक्क़ी  मिल जाए तो, 
बना   लेते    लोग   कितनी   दूरियाँ,

आ  रहा  तूफ़ान  भी  ऐलान  करके, 
आसमाँ  में  कड़कती  हैं बिजलियाँ,

डर के बैठी सहमकर  बेचारगी अब, 
कुछ न कुछ तो रहती है मज़बूरियाँ,

रात अंधियारी है सन्नाटा भी गुंजन,
करवटें  लूँ  जब  खनकती  चूरियाँ,
    ---शशि भूषण मिश्र 'गुंजन'
            चेन्नई तमिलनाडु

©Shashi Bhushan Mishra #अब नहीं खुलती#
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