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Chetram Nagauri
White चला हूं अकेला इस दुनियाँ को देखकर साथ में था नफरतों का झोला जो भरा था खुदगर्जी और बेईमानी का वही झोला दे आया बाज़ार में ईमानदारों को बेचकर। ©Chetram Nagauri #alone #खुदगर्ज#खुदगर्ज #बेईमान #शायरी
Shahid0007
इस तनहाई के आलम में , कहां जाएं हम मन करता है इसी खुदगर्जी के जहां में , कहीं खो जाएं हम जब लोगों को जरूरत होगी , और वो ढूंढेंगे हमे पागलों की तरह तब करेगें सबका हिसाब, और खूब मुस्कुराएंगे हम ©Shahid0007 #खुदगर्ज
Madhur Nayan Mishra
White इतना तो कर यकीन मेरे किरदार पर ए दोस्त मेरे, जो तेरा न हो सका वो किसी और का क्या होगा...??? ©Madhur Nayan Mishra #summer_vacation #दोस्त #अल्फाज़ #शायरी
कवि: अंजान
White क्यों ढूंढे वजह खुशियों की 'अंजान' यहाँ हर कोई हैं मेहमान। ©कवि: अंजान #Friendship #दोस्त #कविता #शायरी #Poetry #Friendship #Life #Shayari
कवि: अंजान
White दिल के हैं मरीज़ सभी दवा दिलाई जाए जिनका नशा उतरा नहीं उन्हें और पिलाई जाए। ©कवि: अंजान #Dosti #Love #Friend #Life #Shayari #दोस्त #कविता #लव #शायरी
Dimple Kumar
White जब भी दिल चाहता था, जाकर मिल लेते थे, आजकल दोस्त मिलते है जीने मरने के बहाने l -------------------------- May 2024 ©Dimple Kumar #दोस्त
Manish Raaj
दोस्त ------ सूरज तो नहीं, जो हर दिन तुम्हारी ज़िंदगी रौशन कर दे मैं दिया ही सही, जिसकी लौ हर लम्हा तुम्हें अँधेरे से मेहफूज़ रखेगी चाँद तो नहीं, जो अपनी चाँदनी के नूर से तुम्हें जंवा और खूबसूरत रखेगी मैं सितारा ही सही, जिसके टूटने से ख़ुदा तुम्हारी दुआ कुबूल करेगा समन्दर तो नहीं, जिसकी हर लहर तुम्हें मुस्कान और सुकून का एहसास कराए नदी ही सही, जो तुम्हारी प्यास तो बुझा सकता है हमसफ़र तो नहीं, जो ता-उम्र साथ निभाए मैं हमराज़ ही सही, जो तुम्हारे दामन में खुशियाँ भरे और हर दर्द-ओ-ग़म बाँट ले मनीष राज ©Manish Raaj #दोस्त
Beena
कुछ बात करो आओ बैठो पास मिरे कुछ बात करो साझा मुझसे अपने तुम जज़्बात करो हो जाए बदनाम हमारी दोस्ती तुम पैदा ऐसे ना कोई हालात करो। रख दिया खोलकर मन जब आप के सामने अब मन के घावों पर नहीं आघात करो तुम कहते हो मैं हूं सूखा फलहीन शजर तो अलाव में उपयोग डार और पात करो कह दूं अलविदा मैं आप की महफ़िल को मगर बार आखिरी हंसकर तो मुलाकात करो। स्वरचित बीना राय गाज़ीपुर, उत्तर प्रदेश ©Beena #दोस्त
Balwant Mehta
रंग बदलता ढंग बदलता गुजरे हुए मौसम जैसा कोई दोस्त नहीं बनाता ©Balwant Mehta #दोस्त