Find the Latest Status about तस्मात् उत्तिष्ठ कौन्तेय from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, तस्मात् उत्तिष्ठ कौन्तेय.
Internet Jockey
आवृतं ज्ञानमेतेन ज्ञानिनो नित्यवैरिणा । कामरूपेण कौन्तेय दुष्पूरेणानलेन च ©Internet Jockey #lightning आवृतं ज्ञानमेतेन ज्ञानिनो नित्यवैरिणा । कामरूपेण कौन्तेय दुष्पूरेणानलेन च
shital sharma
manoj kumar jha"Manu"
उत्तिष्ठोत्तिष्ठ गोविन्द उत्तिष्ठ गरुडध्वज। उत्तिष्ठ कमलाकान्त त्रैलोक्यमन्गलं कुरु।। हे गोविन्द!उठिये। हे गरुण ध्वज!उठिये। हे कमलकान्त! निद्रा का त्याग कर तीनों लोकों का कल्याण करिये। देवोत्थान एकादशी की हार्दिक शुभकामनाएं। उत्तिष्ठोत्तिष्ठ गोविन्द उत्तिष्ठ गरुडध्वज। उत्तिष्ठ कमलाकान्त त्रैलोक्यमन्गलं कुरु।। हे गोविन्द
Shrikant Agrahari
अग्र सर्व कीर्तिका, समग्र भाव इष्टिका। यत्न पद्म मल्लिका, उत्तिष्ठ सिद्धि नाभिका। यदा कदा अघन हृदया, अत्यानि अनन्त दर्शया,, अचिन्त्य भेद सृष्टिका। कीर्तिका= प्रसिद्धि अचिन्त्य=समझ से परे/समझ से बाहर अत्यानि=श्रेष्ठ अनन्त=भगवान विष्णु का नाम मल्लिका=मोतियां उत्तिष्ठ= जाग्रत होना यत्न= को
👦Mysterious Words🧒
कितना प्यारा कितना सुंदर होता है परिवार हर सुख दुख में सहभागी, मा बाप का अतुल्य प्यार और साथ भटकी राहों को कर रोशन जीवन में, हटा तम को कर दे प्रकाश प्यार, मुहब्बत, इश्क़ सब कुछ तब तक है बेकार पाव के नीचे बसी जन्नत का नहीं किया जब तक दीदार दीदार ए जन्नत के काबिल बनाए, इनका सेवा सरकार सत्कार में है शामिल समाज के प्रति सेवा भाव, लगाव और अटूट प्यार, दौलत, शोहरत चुका सकी नहीं इनकी ममता का मोल गुनगुना सके न औलाद, साथ बैठ इनके, जीवन के अगर दो बोल नमन करे इनको प्रातः जो शीश नवाकर खुश होता वो सुख, चैन, अमन जीवन में पाकर नष्ट होता उनका विवेक, जो न करे इनका आदर सत्कार आशीष इनका करता सारे सपने साकार। कितना प्यारा कितना सुंदर होता है परिवार। सर्वतीर्थमयी माता सर्वदेवमय: पिता। मातरं पितरं तस्मात् सर्वयत्नेन पूजयेत्।। अर्थात: माता सर्वतीर्थ मयी और पिता सम्पूर्ण देवताओं का स्वरूप
भरत सिंह
सफलता के शिखर " तस्मात् असक्तः सततम् कार्यम् कर्म समाचर, असक्तः हि आचरन् कर्म परम् आप्नोति पूरुषः यदि हमने बहुत बड़ा, यानी दुनिया का सबसे बड़ा कार्य करने का मन बना लिया हो और हम अपने सपनो की दुनियां को साकार करने को आतुर हो जाएं ऐसी स्थिति में हमे रिस्ते, नाते,भाई, बंधु ,दोस्त ऐसे मोह को छोड़कर वही करना चाहिए, जो हमें करना है यानी कि अपना "कर्म" इस ओर समर्पण हमे महान बना देगा सफलता के शिखर " तस्मात् असक्तः सततम् कार्यम् कर्म समाचर, असक्तः हि आचरन् कर्म परम् आप्नोति पूरुषः यदि हमने बहुत बड़ा, यानी दुनिया का सबसे बड़
Anita Saini
तुम बिन सब असंभव "मुरारी" सम्पूर्ण लीला तुम्हारी "गिरधारी" Open For Collab 🔏🔓 👇👇👇🖋️🖋️ रंग-बिरंगी दुनिया सारी , मैं तो केवल भगवाधारी हूँ !! ब्राह्मण कुल में जन्म हुआ है छोरा मैं भूमिहारी हूँ !! परशुर
Vibhor VashishthaVs
Meri Diary #Vs❤❤ 🇮🇳भारत के राष्ट्रीय गीत🎼🇮🇳 वन्दे मातरम् सुजलां सुफलां मलयजशीतलाम् शस्य शामलां मातरम्🇮🇳के लेखक ✍️देश भक्त बंकिमचंद्र चटर्जी🇮🇳बांग्ला कवि साहित्यकार थ🚩"आनंदमठ" के रचयिता थे और उन्होंने गीत🚩 वन्दे मातरम 1882में लिखा... भारत की स्वतंत्रता के लिए क्रांति मंत्र बना वंदेमातरम अमर गीत के लेखक व प्रख्यात साहित्यकार श्री बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय जी की जयंती पर कोटि - कोटि नमन।🙏 आज पश्चिम बंगाल में पुनः क्रांति मंत्र की आवश्यकता है। उत्तिष्ठ भारत 🇮🇳वंदेमातरम 🙏🙏 जय हिन्द🇮🇳जय भारत 27 जून जन्म तिथि 🙏🚩🙏 शत शत नमन.....🙏🚩🙏 ✍️Vibhor vashishtha Vs Meri Diary #Vs❤❤ 🇮🇳भारत के राष्ट्रीय गीत🎼🇮🇳 वन्दे मातरम् सुजलां सुफलां मलयजशीतलाम् शस्य शामलां मातरम्🇮🇳के लेखक ✍️देश भक्त बंकिमचंद्र चटर्जी🇮
Devesh Pandey 'Chinmay'
Nagvendra Sharma( Raghu)
"चुनाव" इक चुनाव तो पार्थ तुम्हें स्वविवेक से ही करना होगा, नारायण या नारायणी में से किसी एक को ही चुनना होगा, नारायणी चुनोगे तो साथी तुम योद्धा वीर चुनोगे, मेरी चतुरंगिणी सेना ले तुम, पराक्रमी हुकार भरोगे, दुश्मन थर थर काँपेगा धरती अम्बर भी डोलेगा, हस्ती, अश्व, रथ, पदाति देख दुश्मन भी जय जय बोलेगा, मेरा क्या है मैं तो निर्बल अदना सा इक ग्वाला हूँ, नटखट, चंचल, सारथी और रण छोड़ भागने वाला हूँ, बस इतना कहना था कान्हा का मन दुर्योधन का डोल पड़ा, कृष्ण को रखो धनञ्जय तुम ही वो हँसते हँसते बोल पड़ा, "तथास्तु" बोल कर जब नटवर ने अपना हाथ उठाया, हर्षित होकर कौन्तेय ने फिर सहमति-शीश झुकाया ।। *चुनाव*(कृष्ण,अर्जुन व दुर्योधन संवाद) "चुनाव" इक चुनाव तो पार्थ तुम्हें स्वविवेक से ह