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Ranjit Singh 8742

#love_shayari #बिलकुल! #अगर #आपको #कोई खास तरह की शायरी चाहिए—इश्क,#ग़म, #दोस्ती या कोई और—तो #बताइए!

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White 

"तेरी हर बात मोहब्बत में गँवारा करके,
दिल के बाज़ार में बैठे हैं खसारा करके।
मैं वो दरिया हूँ कि हर बूंद भंवर है जिसकी,
तुमने अच्छा ही किया मुझसे किनारा करके।

©Veeru Kumar #love_shayari #बिलकुल! 
#अगर #आपको #कोई खास तरह की शायरी #चाहिए—इश्क,#ग़म, #दोस्ती या कोई #और—तो #बताइए!

Parul Sharma

दाल रोटी की जगह पिज्जा बर्गर मिठाई की जगह केक चाकलेट नमकीन की जगह कुरकुरे चिप्स Fastival or birthday पर gift परोसने वाले santa हम लोग -

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दाल रोटी की जगह पिज्जा बर्गर 
मिठाई की जगह केक चाकलेट 
नमकीन की जगह कुरकुरे चिप्स 
Fastival or birthday पर gift 
परोसने वाले santa 
हम लोग ---
मकरसंक्रांति पर तिलकुट खिचड़ी 
बसंत पंचमी पर पीले वस्त्र चावल
होली पर गुजिया इनरसा
एकादशी पर घड़ा पंखा खरबूज शरबत
गणतंत्र दिवस पर बूंदी
रक्षाबंधन पर घेबर
जन्माष्टमी पर पंजीरी चरणामृत 
नौ दुर्गा में पूरी हलुआ 
शरद पूर्णिमा पर खीर
महिलाओं के त्योहार पर श्रंगार के सामान 
दशहरा दिवाली पर खीर खिलौने बताशे 
बाँटते और दान करते है
हम गिफ्ट नहीं लेते 
List में कुछ और रह गया है तो
Santa आप भी बता सकते हैं 
कुछ ले भी जा सकते हैं 
हमारे त्योहारों पर
मित्रों आप ही बताइए 
लगता है बहुत कुछ रह गया है

©Parul Sharma दाल रोटी की जगह पिज्जा बर्गर 
मिठाई की जगह केक चाकलेट 
नमकीन की जगह कुरकुरे चिप्स 
Fastival or birthday पर gift 
परोसने वाले santa 
हम लोग -

Parastish

अजमल- रूपवान,अत्यधिक सुंदर गोया - मानो, जैसे । झाँकल- परिंदों का झुंड मुश्ताक़ - शौक रखने वाला, अभिलाषी रुपहली - चाँदी जैसी । क़ामत - शरीर

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White कितनी प्यारी कितनी सुन्दर कितनी अजमल वो आँखें
देखे  जो  भी  कर  देती  हैं  उस  को  घायल वो आँखें 

दिल  में  पसरे  सन्नाटे  को  बाँध  के  अपने  पोरों  से 
बन के धड़कन  छम-छम करती जैसे पायल वो आँखें 

शाम   सवेरे   डोले  ऐसे   मन   के   वीराँ   आँगन  में 
दूर  गगन   में  गोया  कोई  उड़ता  झाँकल  वो  आँखें

बचने  को  मुश्ताक़  जहां से मस्त रुपहली  क़ामत  पे 
शर्म  हया  का  पैराहन या  कह लो आँचल  वो आँखें 

उन की शोख़-निगाही के अफ़्सूँ का भी है क्या कहना 
आलम  सारा  कर  दे  आबी  बरखा, बादल वो आँखें 

तीर-ए-मिज़्गाँ ऐसे कितने अहल-ए-दिल नख़चीर हुए 
कितने बिखरे कितने तड़पे कलवल कलवल वो आँखें

©Parastish अजमल- रूपवान,अत्यधिक सुंदर
गोया - मानो, जैसे । झाँकल- परिंदों का झुंड
मुश्ताक़ - शौक रखने वाला, अभिलाषी
रुपहली - चाँदी जैसी । क़ामत - शरीर
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