Best पोशाक Shayari, Status, Quotes, Stories

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Rishi

ऋषि की कलम से... #rishi #इंसान #नंगा #पोशाक #फटा #uskajaana

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Anita Saini

Urdu_Word_Collab_Challenge_ Collab करें मेरे साथ 👉 Urdu_Hindi Poetry आज का लफ्ज़ है "पोशाक" अब पहले की तरह एक विजेता नहीं बल्कि 3 विजेता चुना जाएगा,, जो सबसे पहला विजेता होगा उनको testimonial किया जाएगा ! और दूसरे और तीसरे नंबर वाले विजेता को 'हाइलाइट' किया जाएगा। Example:

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उतरी रूहें ज़िस्मों से अब बदन पर पोशाक न देख
ग़म में शरीक हो किसी के अपनी नौशाद न देख Urdu_Word_Collab_Challenge_
Collab करें मेरे साथ 👉 Urdu_Hindi Poetry
आज का लफ्ज़ है "पोशाक"
अब पहले की तरह एक विजेता नहीं बल्कि 3 विजेता चुना जाएगा,,
जो सबसे पहला विजेता होगा उनको testimonial किया जाएगा !
और दूसरे और तीसरे नंबर वाले विजेता को 'हाइलाइट' किया जाएगा।

Example:

Neha Pathak

Urdu_Word_Collab_Challenge_ Collab करें मेरे साथ 👉 Urdu_Hindi Poetry आज का लफ्ज़ है "पोशाक" अब पहले की तरह एक विजेता नहीं बल्कि 3 विजेता चुना जाएगा,, जो सबसे पहला विजेता होगा उनको testimonial किया जाएगा ! और दूसरे और तीसरे नंबर वाले विजेता को 'हाइलाइट' किया जाएगा। Example:

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चहरे पर सादगी, प्रेम और तन पर ईमानदारी का पोशाक ओढ़ रखा था उसने.. 
मैं भी क्या करती अर्से से मुझे उस शख्स की तलाश थी झटपट लगी उसे समेटने!  Urdu_Word_Collab_Challenge_
Collab करें मेरे साथ 👉 Urdu_Hindi Poetry
आज का लफ्ज़ है "पोशाक"
अब पहले की तरह एक विजेता नहीं बल्कि 3 विजेता चुना जाएगा,,
जो सबसे पहला विजेता होगा उनको testimonial किया जाएगा !
और दूसरे और तीसरे नंबर वाले विजेता को 'हाइलाइट' किया जाएगा।

Example:

unknown

#पसन्द Divya Joshi Internet Jockey ram singh yadav Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय" B Ravan

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ज़ख़्म पर मेरे वो कुछ मिर्च मसाले,
हाये,, इस सलीके से छिड़क जाती है,,

सजती संवरती है औरों के लिए अब,
और हमसे ही #पोशाक चुनवाती है,,

©Nishank Pandey #पसन्द Divya Joshi Internet Jockey ram singh yadav Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय" B Ravan

Bharat Bhushan pathak

#पोशाक भाग-५

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आज जब मेरी एक विद्यार्थी ने विद्यालय में यह बताया कि एक नामचीन अभिनेता जिनका नाम लेना जरूरी मैं समझता नहीं महिलाओं के परिधान में घूमते नज़र आ रहे हैं तो मैं दंग रह गया और सोचने पर विवश हो गया कि कितना विकास हमने वाकई कर लिया है।
अब वो दिन भी दूर नहीं कि आज के लोग मरने से पहले भी विशेष अॉर्डर करते नज़र आएंगे कि मेरे मरने के बाद मैं थ्री पीस में हूँ,या स्पायरल होल वाली जींस हो इसका विशेष ख्याल रखा जाय।
साथ ही अन्तिम विदाई देने वाले साथी भी इस बात पर विचार करते नज़र आएंगे कि उसने मरते वक्त ये पहना था तो मैं ये पहनूँ!
 बात अटपटी है मगर यथार्थ का दर्शन निहित है कि क्या आज के पोशाकें और उनके प्रति ऐसी पागलपन व विपरीत पोशाकों का सनकीपन विचारनीय नहीं है।
कृपया अपनी समीक्षात्मक टिप्पणी रखें
भारत भूषण पाठक'देवांश'🙏🌹🙏

©Bharat Bhushan pathak #पोशाक भाग-५

Bharat Bhushan pathak

#पोशाक भाग-४

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दूसरी ट्रैण्डींग लूक में आती है वो पोशाकें जिसे प्राचीन काल में पहनने वाले को भीखमंगे,भीखारी की संज्ञा दी जाती थी,आज वही ट्रैण्डींग में है!!! जिसे पहले भीखारियों द्वारा पहनी जाने वाली पोशाकें मानी जाती थी आज उसे ही बड़े चाव से लोग पहन रहे हैं,जिसे देखना तक पसन्द नहीं करते थे,आज उसे करोड़ों खर्च कर विशेष आयोजनों के लिए मँगवा रहे हैं मतलब आज चिप्पी लगाए कपड़ों का ट्रैण्ड सा चल पड़ा है नए-नए नामोंसे सुशोभित हो बाजा़रों में ये प्रफुल्लित हो रही हैं:-सिंगल होल,डबल होल,स्पायरल होल,ईगल होल,चेष्ट साईड होल,हर्टी होल ऐसे कितने ही नामों से ये आज जानी जा रही हैं।
अब तो हमने जानवरों को भी नहीं छोड़ा कुत्ता मुँह पोशाक,रैड बुल पोशाक,बिल्ली वाली पोशाक मतलब आज का बुद्दिजीवी प्राणी बुद्धि में इतना उपर उठ गया कि वह अब इन फैशनों के नाम पर अपना अस्तित्व ही भूलता जा रहा है या उसे यह शक हो रहा है कि वो पशु है या मानव।

©Bharat Bhushan pathak #पोशाक भाग-४

Bharat Bhushan pathak

#पोशाक भाग-३

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भई वो वाकया पुरानी थी,एक ताजी वाकया ये थी कि हाल ही में एक जींस अपनी शहीद हो गयी और हम उसे उसके फटे भाग को ओरों से बाकायदा छूपाते दिख रहे थे,ये गुनगुनाते हुए छुपाना भी नहीं आता,बताना भी नहीं आता।खैर इस गाने को तो मेरे एक मित्र ने पूरा कर दिया ये कहते हुए वाऊ कहाँ से खरीदे क्या कूल लूक है यार,तो अपने को भी गर्व महसूस होना ही था।
तो अब संभवतः स्पष्ट हो ही गया होगा इन दोनों संस्मरणों से कि पहले कुछ भी पहना जाता था तन ढँकने के लिए और आज पहना जा रहा है तन दिखाने के लिए।
 भई आज की ट्रेण्डींग लूक के क्या कहने आज कुछ भी पहनने का मूल उद्देश्य सा हो गया है कुछ भी पहनो मगर दिखना जरूरी है ये एक फैशन ट्रैण्डींग वाले पहनावे की बात हुई।

©Bharat Bhushan pathak #पोशाक भाग-३

Bharat Bhushan pathak

#पोशाक भाग-२

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कैसे?इस पर विस्तारित चर्चा बाद में होगी,सबसे पहले तो  छोटा सा संस्मरण संबंधित विषयवस्तु पर प्रस्तुत है:-
हुआ यों कि एक बार बचपन मैं जब साइकिल चलाना सीख रहा था,तो अपने उस शरारती मित्र के कारण जो मुझे साइकिल सिखा रहा था के कारण मैं गिर गया।गिरने का कारण स्पष्ट था कि उसने कहा कि भाई तू आगे देख और पैडल मारने की कोशिश कर,पर किसे पता था कि बंधु ने 'एकला चलो रे' बताने की ठान रखी थी और हुआ भी बिल्कुल वैसा ही ,एकला चलो का नारा बुलन्द करने वाले श्रीमान भारत भूषण जी क्षण भर में वसुंधरा का आलिंगन करते पाए गए और वसुंधरा ने भी स्नेह की बरसात करते हुए कुछ अधिक ही प्रेम कर दिया जिसके फलस्वरूप श्रीमान जी की पेन्ट ये दूरियाँ ये फासले अब नहीं गाते हुए पीछे और आगे फट चुकी थी,कमाल का नक्शा बनाते हुए फटी थी वो,उस जमाने में उसे छुपाते हुए किसी तरह घर वो पहुँचे और पेन्ट बदली पर आज ऐसा कुछ हो जाए तो लोग कहेंगे क्या बात है वाह बिल्कुल ट्रैण्डींग लूक!

©Bharat Bhushan pathak #पोशाक भाग-२

Bharat Bhushan pathak

#पोशाक भाग-१

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सादर क्षमासहित आज का व्यंग्यात्मक प्रयत्नस्वरूपी आलेख:-
पोशाक
आदिमानव काल से जीवन के स्तर में धीरे-धीरे सुधार प्रारम्भ हुआ।पहले लोग पत्तों से अपने देह को ढँका करते थे,उसके पश्चात वन्य पशुओं के खालों से।
उपरोक्त तथ्यों से यह स्पष्ट है कि आदिमानव को आदिमानव कहना अनुचित है क्योंकि आदि का अर्थ है प्रारम्भिक,उनके इस व्यवहार से यह तो कभी भी स्पष्ट नहीं होता कि वो प्रारम्भिक स्तर पर थे वरन् यह स्पष्ट हो रहा है कि वो हमसे अधिक संस्कारी व सुशिक्षित थे।कारण उनका कुछ भी पहन लो का मूल उद्देश्य यही था कि अपनी सुरक्षा कर लो,अपनी प्रतिष्ठा बनाए रखो।

©Bharat Bhushan pathak #पोशाक भाग-१

Parul Sharma

सफेद पोशाक में भेड़िये,अहोरी,दलाल ठुसे जाते हैं।
ये तलब-ए-ऐव में गाँवों और शहरों को डसे जाते हैं।
साये इनके जलसों को शमशान बनाते हैं।
ये वो हैं, जो चिताओं से चिराग जलाते हैं ।
पारुल शर्मा #Corruption
#सफेद #पोशाक में #भेड़िये,#अहोरी, #दलाल #ठुसे जाते हैं।
ये #तलब-ए-#ऐव में #गाँवों और #शहरों को #डसे जाते हैं।
#साये इनके #जलसों को #शमशान बनाते हैं।
ये वो हैं, जो #चिताओं से #चिराग जलाते हैं ।
पारुल शर्मा 
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