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Parasram Arora
White क्यों ठहरा है पानी सागर का और इसकी उछलने वाली वो लहर्रे कहा गई मेरे ख्याल से एक ककड पर्याप्त होगा इस सागर क़ी लहरों को जगाने के लिए नज़रे क्या बदली कि नजारे भी बदल गए लेकिन ये नजारे काफ़ी नहीं है मन को बहलाने के लिए ©Parasram Arora क्यों ठहरा है पानी
क्यों ठहरा है पानी
read moreGhumnam Gautam
कितने अच्छे शाइर हो तुम ! पेड़ पे शे'र कहा करते हो कितने बुद्धू लोग हैं हम सब! हर पेड़ को पानी देते हैं ©Ghumnam Gautam #शाइरी #पेड़ #पानी #लोग #ghumnamgautam
#शाइरी #पेड़ #पानी #लोग #ghumnamgautam
read moreशुभम मिश्र बेलौरा
White नहाना तेरा पानी में..... कि जैसे कयामत से आई हुई हो कि जैसे नजारा कोई जादुई हो जमाना तेरा पानी में नहाना तेरा पानी में.. वो तेरा नदी में उतरना झिझकना तेरा जिस्म छूके नदी का महकना वो होंठों से पानी गुलाबी बनाना सभी मछलियों को शराबी बनाना कलम लिख न पाई ये कैसे बतायें अरे बाप रे जान लेवा अदाएं दिखाना तेरा पानी में नहाना तेरा पानी में... वो सर से तेरा बांधना ओढ़नी को लगा जैसे बांधा हो सारी नदी को हंसी चांद बादल के आगोश में था तुम्हें देख कोई कहां होश में था अरे जागते जागते सो गया था तुम्हें देख कर इस तरह खो गया था दिवाना तेरा पानी में नहाना तेरा पानी में..... वो पानी से अठखेलियां और मस्ती कि जैसे विखरने लगी मेरी हस्ती लगा तन वदन सारा जल जायेगा ये अभी बर्फ सा दिल पिघल जाएगा ये दुपट्टे का तेरे बदन से लिपटना मुझे देख कर तेरा खुद में सिमटना लजाना तेरा पानी में नहाना तेरा पानी में... ©शुभम मिश्र बेलौरा #Sad_Status नहाना तेरा पानी में
#Sad_Status नहाना तेरा पानी में
read moreहिमांशु Kulshreshtha
White मुझ से कहा किसी ने तुम बहुत अच्छे हो मुख्तसर सा था मेरा जवाब बस यही तो कमी है मुझ में ©हिमांशु Kulshreshtha पूछा किसी ने...
पूछा किसी ने...
read moreKiran Chaudhary
बदलते ववत ने सिखाया है कि, कौन अपना है और कौन पराया।। ©Kiran Chaudhary बदलते वक्त ने..
बदलते वक्त ने..
read moreVinod Mishra
Praveen Jain "पल्लव"
White पल्लव की डायरी घोसले जानवरो जैसे पिंजरो जैसे फ्लैटों में मानव का अब मकान है रहता जिसमे हवा पानी का अभाव घुटन भरी शाम है ना सूरज ना चाँद का दीदार है अगर जिंदगी की गुजर बसर के लिये कुछ टुकड़े लालच के फेककर गाँवो से होता पलायन है सजे है शहर भीडो से, तरक्की के नाम से मगर हो चला गुमशुदा आदमी यहाँ अपनी पहचान से प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #alone_sad_shayri रहता जिसमे हवा पानी का अभाव है
#alone_sad_shayri रहता जिसमे हवा पानी का अभाव है
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