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Sandhya Bharga

क्या करते थे साजना सॉन्ग #फ़िल्म

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KNC Guys

क्या करते थे साजना🥰🥰🥰🥰omsairam #Trending #viralreels #shortsvideos #viralreels #short#Shorts #films

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brijesh mehta

रूपवान हो, गुणवान हो, तो हजारों चाहने वाले तो होंगे ही! नासमझ था, बस इतने ही छोटे दिल का था, अपनी चाहत को, उनकी भी चाहत समझ बै #मंजर #मंमाधन #brijeshmehta

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.. रूपवान हो, गुणवान हो, तो हजारों चाहने वाले तो होंगे ही!
       नासमझ था, बस इतने ही छोटे दिल का था,
       अपनी चाहत को, उनकी भी चाहत समझ बै

Rishika Srivastava "Rishnit"

कैसे कह दूं, कि तुमसे प्यार नहीं है। बस, इतनी ही तो बात है, कि अब तेरा इंतजार नहीं है। मैं भी क्या करूं, तुझे ही मेरा एहसास नहीं है। बीता कर #Poetry #Pyar #nojotowriters

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कैसे कह दूं,
कि तुमसे प्यार नहीं है।
बस, इतनी ही तो बात है,
कि अब तेरा इंतजार नहीं है।
मैं भी क्या करूं,
तुझे ही मेरा एहसास नहीं है।
बीता करते थे दिन तेरी तड़प में,
अब रात को भी तेरा इंतजार नहीं है।
रहते हैं अकेले, तेरी यादों के संग,
बस, अब हमारे बीच कोई तकरार नहीं है।
क्या करते थे शिकवा तुझसे बेशुमार,
अब तुझसे कोई शिकायत नहीं है।
जीते हैं जिंदगी, तेरी अमानत मान कर,
इस पर, अब मेरा अधिकार नहीं है।
कैसे कह दूं,
कि तुमसे प्यार नहीं है।

©Rishnit❤️ कैसे कह दूं,
कि तुमसे प्यार नहीं है।
बस, इतनी ही तो बात है,
कि अब तेरा इंतजार नहीं है।
मैं भी क्या करूं,
तुझे ही मेरा एहसास नहीं है।
बीता कर

Words Of Mukul

कक्षा आठवीं की बात है, जब इश्क़, कॉपियों के आख़री पन्ने पर लिख लिख कर, बयां करते थे हम, अब जब उन यादों में एक चक्कर लगाते हैं, थोड़ा शर् #lover #Pyar #tum #Missing #Jaan #Yadein #writer #School #ishq #truelove #iloveyou #mohabbat #lines_of_heart #truefeelings #schoollove #pahlapyar #pyar_ke_alfaz #pahlajhoot

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The story is कक्षा आठवीं की बात है. 
(Read Caption... 👇) कक्षा आठवीं की बात है,

जब इश्क़, कॉपियों के आख़री पन्ने पर लिख लिख कर, 
बयां करते थे हम, 
अब जब उन यादों में एक चक्कर लगाते हैं, 
थोड़ा शर्

Mukesh Raj

#अधिकतर_रिश्ते इस कलयुग में अधिकतर रिश्ते पैसे के बुनियाद पर टिकी हुई है! लोग पैसे के चलते बेकसूर को भी जान लेने से पीछे छूट नहीं रहे हैं! #तू

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#अधिकतर_रिश्ते
इस कलयुग में अधिकतर रिश्ते पैसे के बुनियाद पर टिकी हुई है! 

लोग पैसे के चलते बेकसूर को भी जान लेने से पीछे छूट नहीं रहे हैं!

Shiv Anand

Sunshine कान्हा गोपियों के घर घर जाकर माखन चोरी किया करते थे। इसका एक कारण यह भी है कि गोपियां कान्हा से मिलना चाहती थी, उनके दर्शन करना चा #प्रेम #YourQuoteAndMine #zindagi_ke_musafir #Gopiyan #माखन_चोर #flutewriter

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The girls  came to see Krishna home & complain to Yashoda   about her son, "always Krishna comes to our home, &  steals our butter & damages pot,
He dig out the earthn pots  from secret places." .The gopica girls informed to Yasoda to send Krishna as they are not angry. Sunshine कान्हा गोपियों के घर घर जाकर माखन चोरी किया करते थे।
 इसका एक कारण यह भी है कि गोपियां कान्हा से मिलना चाहती थी, उनके दर्शन करना चा

Ripudaman Jha Pinaki

बैठे-बैठे आज अचानक चला गया उन स्मृतियों में। चहक रहे थे जहां हमारे दिन बचपन की गलियों में।। नन्हें-नन्हें पांवों से जब साथ-साथ हम चलते थे। #कविता #WorldAsteroidDay

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बैठे-बैठे आज अचानक चला गया उन स्मृतियों में।
चहक रहे थे जहां हमारे दिन बचपन की गलियों में।।

नन्हें-नन्हें पांवों से जब साथ-साथ हम चलते थे।
राम-लखन की जोड़ी हमको तब पापा जी कहते थे।।

एक भाई थे गोलू-मोलू एक ज़रा सा दुबले थे।
लोगों को हम लॉरेल-हार्डी की जोड़ी से लगते थे।।

टिन का डब्बा बांध गले में भाई एक बजाता था।
कमर हिला कर दूजा भाई नाचता, मन बहलाता था।।

बालमंडली के संग दिन भर घूमते मौज मनाते थे।
यारों के संग रोटी बिस्कुट खाते और खिलाते थे।।

जेब में कंचे रंग-बिरंगे भरकर घूमा करते थे।
साथ घुमाते टायर दोनों, पतंग लूटते फिरते थे।।

बिना बताए घर से जाते सांझ ढले घर आते थे।
हाथ पांव कीचड़ में सना कर मां से पिटाई खाते थे।।

"पढ़ना-लिखना साढ़े बाइस" कह कर पापा डांटें जब।
देख किताबें नींद सताए पढ़ने हमें बिठाएं जब।।

खेल खेलते, लड़ते झगड़ते क्या-क्या करते थे हम-तुम।
जो भी करते साथ-साथ ही सब-कुछ करते थे हम-तुम।।

आपस में ही एक-दूजे से प्रतिद्वंद्विता रखते थे।
लेकिन हम-तुम एक दूजे से नहीं कभी भी जलते थे।।

पल में रूठें, पल में मानें, ऐसा अपना जीवन था।
दो तन और एक प्राण थे दोनों, निश्छल मन का बंधन था।।

आपस में कितना भी लड़ लें साथ नहीं पर तजते थे।
हम-दोनों पर आंख उठाने से दुश्मन भी डरते थे।।

जोड़ी अपनी जहां भी रही, किस्सों से भरपूर रही।
साथ, प्रेम और बात हमारी सदा जवां, मशहूर रही।

लेकिन वक्त ने करवट बदली दूर-दूर अब रहते हैं।
एक-दूसरे से बातें भी हम करने को तरसते हैं।।

गये सुनहरे बचपन के दिन और जवानी बीत रही।
हैं संबंध वही अपने पर धुंधली सी कुछ प्रीत रही।।

व्यस्त हो गए तुम जीवन में, मैं भी कुछ उलझन में रहा।
अपनी-अपनी परेशानियों से बंधा और घिरा रहा।।

हां... दुःख है; पहले सा जीवन में दोनों के कुछ न रहा।
लेकिन रहो जहां भी ख़ुश रहो करें यही दिन-रात दुआ।।

रिपुदमन झा "पिनाकी"

©रिपुदमन पिनाकी बैठे-बैठे आज अचानक चला गया उन स्मृतियों में।
चहक रहे थे जहां हमारे दिन बचपन की गलियों में।।

नन्हें-नन्हें पांवों से जब साथ-साथ हम चलते थे।

Rohit Rathaur

तेरे घर में भूखा इन्सान क्यों है। भगवान, तू भगवान क्यों है। मैने सुना है तू सर्वज्ञानी, सर्वव्यापी है। तो सब जान के अनजान क्यों है। तुम् #Ro_hit

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तेरे घर में भूखा इंसान क्यों है,
भगवान तू भगवान क्यों है।

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rohit yaadgar तेरे घर में भूखा इन्सान क्यों है। 
भगवान, तू भगवान क्यों है। 
मैने सुना है तू सर्वज्ञानी,  सर्वव्यापी है।
तो सब जान के अनजान क्यों है। 
तुम्
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