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Satish Kumar Meena
White पुराना ज़माना अच्छा था जब छत से चांद निहारा। छत पर सोए,सपने संजोए दिखता था सब ही प्यारा।। ©Satish Kumar Meena पुराना ज़माना
पुराना ज़माना
read moreMahesh Patel
White सहेली...... आंखें उसकी सजल है.. बातें उनकी सरल है.. घूंघट में मिला हुआ चेहरा कमल है.. कैसे कहूं यारों.. वह गीत है वह मित भी है.. यह दर्द में डूबी हुई.. फिर कोई हमारी गजल है.. लाला..….. ©Mahesh Patel सहेली... गजल... लाला....
सहेली... गजल... लाला....
read morevksrivastav
Unsplash ये ज़माना है कई चेहरों का एक चेहरे से कुछ नही होगा दिख रहे जितने भी सब दूल्हे हैं तेरे सेहरे से कुछ नही होगा ©Vk srivastav ये ज़माना है कई चेहरों का #Shayari #Life #viral #Trending #vksrivastav
ये ज़माना है कई चेहरों का #Shayari Life #viral #Trending #vksrivastav
read moreभागवत मरावी
Unsplash यूट्यूब , इंस्टा और फेसबुक पर बहोत देर , सुनता रहता हूँ मैं तहजीब हाफी का शेर। ©भागवत मरावी #camping यूट्यूब का दीवाना
#camping यूट्यूब का दीवाना
read moreMohan Sardarshahari
Unsplash दोस्तों से मुश्किल है हकीकत छुपाना जैसे हवा से अलग रवानी को रखना। जिंदगी के अनुभव बेशक अलग-अलग होंगे मुश्किल नहीं मगर एक दूजे की कहानी समझना। इशारों में समझाना बहुत कर लिया चलो दोस्तों से करते हैं वही व्यवहार बचकाना। यदि कभी कुछ सुनाना पड़े दोस्तों को बस याद उनकी एक-एक शैतानी दिलाना। मिलकर यदि किसी दोस्त से छलक जाए आंसू शाम को उड़ा देना उनको तेरे नाम के पैमाना। देखी होंगी दशकों में कई नायाब इमारतें तूने होना हो रूबरू जवानी से, बार-२ तेरे कॉलेज जरूर जाना।। ©Mohan Sardarshahari # गजल
# गजल
read moreअनिल कसेर "उजाला"
मौसम बड़ा सुहाना है, लोग कहते दीवाना है। जो है अपनी नज़रो में, बात वही बतलाना है। हृदय स्पंदन के स्वर को, यार मुझे तुझे सुनाना है। साँसों की क्या बात कहुँ, प्रेम पुष्प से महकना है। रब से मांगू यही दुआँ मैं, जग को अपना बनाना है। ©अनिल कसेर "उजाला" दीवाना है
दीवाना है
read moreAshok Verma "Hamdard"
White गजल सहर के आँचल में चाँद सोया, फिज़ा में नर्मी नई नई है, घरों में जलती हैं आरतियाँ, दुआ में गर्मी नई नई है। सफर में साथी बने हैं तारे, ख़ुशी के क़िस्से कहें न थमते, जो चाँदनी है ये चुपके चुपके, अभी वो राहत नई नई है। लगे हैं बगिया में फूल महके, सुना है जुगनू मिले उजाले, जो रुत है बदली हवाओं से, अभी तो रंगत नई नई है। नज़र से छलका जो इश्क़ गहरा, वो बात लफ़्ज़ों से फिर न निकली, जो हाल दिल का बयाँ हुआ है, अभी तो हालत नई नई है। हुनर को पहचाना दुनिया ने, जमीं पे क़दमों का जादू छाया, अभी जो रुतबा मिला है तुमको, ये सारी शोहरत नई नई है। जहाँ में उठती हैं आज आँधियाँ, जलें हैं दीपक बने सहारे, अभी जो सूरज चमक रहा है, उसकी ये हिम्मत नई नई है। ©Ashok Verma "Hamdard" गजल
गजल
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