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Parasram Arora
एक मासूम सां नन्हा परिंदा भी नए शिशु क़ो जन्म देने के लिये सबसे पहले किसी हरे भरे वृक्ष की सबसे ऊंची और छायादार शाख का चयन करता है जहाँ वो अपने संभावित शिशु क़ो जन्म देने से पहले एक सुखद आरामदेह घोंसले का निर्माण कर ...सके . और ये सब उसके सुखद भविष्य केलिए उसके प्रबंधन का हिस्सा है लेकिन हम अव्यवस्था वाले परिंदे की सोच की न तो सराहना करते है न उनका हम अनुगमन ही करते है ©Parasram Arora प्रबंधन....
Krishna Deo Prasad. ( Advocate ).
मुसीबत में सरल और शांत, धनप्राप्त होने पर ईमानदार , सत्ता में आने पर विनम्र, सहज रहें और क्रोध में शांत रहें, इसे ही तो कहते हैं - "'जीवन प्रबंधन'" ©Krishna Deo Prasad. ( Advocate ). जीवन प्रबंधन ।
Parasram Arora
क्यों न करे हम साँसो का श्रेश्टम प्रबंधन जबकि एक एक सांस हमारी अर्थपूर्ण बन सकती हैँ जैसे कहीं सहज रूप मे बैठ कर साँसों क़े सुखद विनियोजन से अद्भुत आनंदका अनुभव पाया जा सकता हैँ सांन्स लेने कामतलव केवल किसी तरह से सांस लेना या छोड़ना ही नहींहै जबकि हम सांस क़े प्रति मूर्छित बने रहते हैँ और अपना ध्यान दिमाग़ मे चल रही बेकार की चीजों मे झोंक देते हैँ तभी तो रह जाती हैँ उपेक्षित हमसे . ये सृष्टि और उसके रचियता की अनुपम कृतियाँ साँसो का प्रबंधन.......
मेरे ख़यालात.. (Jai Pathak)
दिन-रात व्यर्थ मे हम अपनी न जाने कितनी ऊर्जा व्यय कर देते हैं जिसका हमें अंदाजा भी नहीं होता इसलिए जीवन मे कुछ पल ईश्वर चिंतन जरूर होना चाहिए। ये कुछ पल ही ऐसे होते हैं जो आपकी खोई ऊर्जा को वापस स्थापित कर सकते हैं। ©मेरे ख़यालात.. (Jai Pathak) #ऊर्जा
Ek villain
पिछले दिनों एक और बैंक घोटाला सामने आया है और यह पता चला कि सूरत की एबीजी शॉप यूनिंग कंपनी ने विभिन्न बैंकों से लगभग ₹22000 का लोन फर्जी तरीके से ले रखा था सीबीआई के अनुसार एवीजी शॉपिंग घोटाला 2005 से 2012 के बीच हुआ इस मामले में उसने पहली बार 8 नवंबर 2019 को केस दर्ज किया था इस मामले में एक नया तिथि 7 फरवरी को नए सिरे से दर्ज किया और फिर संबंधित लोगों से पूछताछ का सिलसिला शुरू हुआ किसी भी देश की अर्थव्यवस्था का उत्थान और पतन काफी हद तक उसकी विधि क्षेत्र के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है इसी वजह से बहन को देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता है लेकिन पिछले एक दशक से भारतीय बैंक कठिन दौर से गुजर रहे हैं क्योंकि एक के बाद एक घोटाले बैंकों पर भारी दबाव डाल रहे हैं देश में कहीं बैंक घोटाले सामने आ चुके हैं जैसे हर्षद मेहता घोटाला केतन परख घोटाला नरेंद्र मोदी और मेहुल चोकसी का पीएनबी घोटाला विजय माल्या का तिलक रोड बैंक घोटाला इलाहाबाद बैंक वाला रोमांटिक कई तरह के बैंक वाले सामने आ चुके हैं बैंकों के पास अपना पैसा तो नहीं होता जाहिर सी बात है कि यह पैसा हमारा आपका यानी आम लोगों का है जो पैसा हमने जमा कराते हैं उस बैंक उसी को लोन देकर अपना बिजनेस चलाते हैं लगातार उजागर होते बैंक घोटाले की लंबी सूची है बयान कर रही है कि देश के बैंक व्यवस्था में नीतिगत और के रहमान के स्तर पर काम या व्याप्त हैं ©Ek villain #और प्रभावी बने बैंकिंग प्रबंधन #selflove