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Neeraj Neel
Unsplash खुशियां तकिया के सिरहाने होंगी , आशीर्वाद के ईटों से सजी दीवारें होंगी खिड़कियों में धूप सजती होगी, घर में बुजुर्गों की दुआ बस्ती होगी। अब दूर कहीं नहीं चलना होगा , एक सिर पर छत अपना होगा। हम खुशियां सारी बटोर लाएगे, हम घर में अपने सपने सजाएंगे। हम घर में रोज दीप जलाएंगे , घर आंगन में चांद तारे उतार लाएगे। अब चेहरे में एक आराम होगा , मेरे घर के दरवाजे में अब अपना नाम होगा। हा अपना नाम होगा। ✍️ नीरज नील ©Neeraj Neel poem
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read moreQamar Abbas
White पानी में अक्स देखकर बहला रहें थें जी पत्थर जो तुमने मारा नुकसान कर दिया ❤❤❤❤❤ ©Qamar Abbas #sad_quotes Azhar bhai pinky masrani Dr. uvsays Anupriya M@nsi Bisht ( prahlad Singh )( feeling writer)
#sad_quotes Azhar bhai pinky masrani Dr. uvsays Anupriya M@nsi Bisht ( prahlad Singh )( feeling writer)
read moreSr11
White Jiska man ka bhav saccha hota hai uska har kam achha hota hai ©Sr11 #love_shayari #Shayari #Love #Life #poem #poem
#love_shayari Shayari Love Life #poem #poem
read morePrawesh Luitel
White बन्धन थियो कुनै बेला, प्रेमले बाँधेको सुन्दर धागो। सपना सजाएका थियौं हामीले, आशा र विश्वासको त्यो मीठो गाग्रो। तर अहिले ती दिन कहाँ हराए? शब्दहरू मौन छन्, आँसु मात्रै बर्राए। अल्झिएर लहरे भावनाहरू, मूक छन् हृदयका वेदनाहरू। तिमीले त भन्थ्यौ, यो सम्बन्ध कहिल्यै टुट्दैन, तर आज किन यो मन एक्लै लुट्दैन? फाटेका छन् ती धागोहरू प्रेमका, टुक्रिएको छ हाम्रो बन्धन सपनाको। मौनता छ, पराईपनको एक शीतल सास, तिम्रो याद अझै आउँछ, तर मनको छैन कुनै आश। के फेरि जुड्ला हाम्रो टुटेको बन्धन? कि रहन्छ यो चिरा सधैं दुखाउने घाउ जस्तो। --- प्रवेश लुईटेल ❣️ ©Prawesh Luitel #Nepali Poem
#nepali Poem
read morekavi Abhishek Pathak
रात भर एक चाँद का साया रहा, दिल में कोई खामोश उजाला रहा। तारों ने कहानियाँ बुन दी कई, पर मेरी आँखों में बस वो ही चेहरा रहा। चुपके से हवाओं ने कुछ कहा, जैसे कोई राज़ धीरे से बयां किया। दिल की किताब में एक पन्ना खुला, और उसमें तेरा नाम ही लिखा रहा। ©kavi Abhishek Pathak #poem
diya the poetter
White नई सुबह एक नई सुबह एक नया एहसाह करा देती है जीवन के पथ पर चलने की राह दिखाती है सूर्य सिर पे चढ़ता है । मानव नित नए आयाम रचता है महकती फूलों की क्यारियों में तितलियां बैठती है भंवरे गीत सुनाते है। नई सुबह नए गीत गुनगुनाती है। मां की रसोई महकती है दादी के भजन से घर उमंग में डूबा जाता है नन्हे नन्हे भाई बहन आंगन में भागे जाते है घर उजाले में डूब जाता है नई रोशनी हमे मानसिक रूप से स्वस्थ बनाती है नई सुबह एक नया एहसाह करा देती हैं। दिया आर्या (दक्षिता) ©diya the poetter #poem
swary dhungel
निम्तो थोरै न्यानो माया धेरै आशीर्वादको खाचो छ मलाई मेरो नयाँ जीवनको शोभायात्राको निम्ति हजुरहरुको उपस्तितिको चाहना छ मलाई हजारौं रंगीन स्वप्ना कोर्न जाँदैछु नयाँ शहर मनमा उर्लिएका हजारौं रहरलाई दिनुछ अब एउटा मिठो ठहर दुई कथाको एक हुने महाउत्सव हुदैछ आउनुहोस् है हजुरहरू मेरो र उनको मिलन हुँदैछ ©swary dhungel poem
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