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Sanny (Kafir)
हमने ऐसा क्या मांगा था? ज़िन्दगी भर के लिए तेरा साथ ही तो मांगा था! अब कहते हो साथ मुमकिन नही इस जनम में, बस तुझसे तेरा वादा ही तो निभाने को कहा था। क्या मांगा था?
Amit Sharma official
धरती अंबर, चांद सितारे क्या मांगा था ? हमने तुमसे सिवा तुम्हारे क्या मांगा था ? -- अमित शर्मा
Rohit Sharma
मैने क्या मांगा था तुमसे तुम्हारी चेतना का थोडा सा कोरा कैनवास जिसपर मैं अपने अस्तित्व के रंगो से कोई चित्र बना पाता बदले में मैं तो तैयार था अपनी आत्मा भी तुम्हें देने को तुम्हें बस बैठे ही तो रहना था कुछ देर नाव के दूसरे छोर पर लेटे ही तो रहना था मेरी शांत नि: स्वार्थ गोद में मेरा चित्र पूरा होने तक जिसमें तुम्हें भी पूरा होना था हम दोनो को पूरा होना था मैने कहा था ना हिलना मत नाव के ऊपर कभी चलना मत अकेले वीरानो में बालों को खोलकर भटकना मत बुरी आत्माएं तुम्हारी चेतना का कैनवास हथिया लेंगी जिसपर सिर्फ मेरा हक है काश मैं तुम्हें पकड़कर रोक पाता जब तुम मंत्र मुग्ध चल पडी थी बाहर डीजे का कोलाहल सुनकर लेकिन मेरे हाथ सनें हुए थे लाल, काले और नीले रंग से मैं तुम्हारा ही तो चित्र बना रहा था रोहित राज पुणे २०२० मैने क्या मांगा था #Stars&Me
H.s
क्या मांगा था ,क्या दे सकोगे तुम मोहब्बत मांगी थी विश्वास दे सकोगे तुमhs क्या मांगा था ,क्या दे सकोगे तुम
Atul Singh ( कप्तान )
A J
Pauranik kathayein Nayi vyakhyein -3 कहां हो भगवान कहां है इससे बहुत ज्यादा अहम मसला है कि आपने भगवान से क्या मांगा है राम हमेशा तेरे द्वार खड़ा है तू कौरवो में या राम कुटि में ये छोटा सा भी नही मसला है सच पूछ तो बस इक यही मसला है तू क्या उससे करवाना चाहता है स्वर्ण के पीछे दौड़ाना या साथ अपना निभवाना चाहता है राम सबके साथ है उतना ही तेरा फैसला ये साबित कर देगा कि तेरा चीर बढ़ाया जाएगा कि तेरे जीवन में रावण आएगा #paidstory आप कहां हो भगवान कहां है इससे बहुत ज्यादा अहम मसला है कि आपने भगवान से क्या मांगा है राम हमेशा तेरे द्वार खड़ा है तू
Consciously Unconscious
मैं आ रहा हूं मुझे खुद में मिला लो हे पिता, बहुत कुछ कह जाती है जलती हुई चिता। यहां तेरा मेरा कुछ नहीं, मालिक यहां पर कौन है, तेरा भी हर्ष यही होगा बचता आखिर कौन है? यहां अपना भी नहीं संग जाता है, पराए कहां फिर जायेंगे, शमशान तक होंगे साथ में फिर बिछड़ जायेंगे। ना बताएगी फिर बची राख धर्म मजहब तेरा, कोई नहीं तब आकर पूछेगा हाल उस पल तेरा। जी ले जीभर कर तू यहां कल का कुछ पता नहीं, ईमानदार रह ऐ बंदे जीवन से कोई खता नहीं। जब राख मिलेगी माटी से आपस में बतलाएगी, अपनों ने मुझको छोड़ दिया क्या तू संग रह जायेगी? ना वक्त मिलेगा माफी मांगने का ना हसने का अपनों के संग दो पल, जलती अग्नि तेरे जिस्म को धीरे धीरे सुलगायेगी। नाते बंधन सारे तब जिस्म संग जल जायेंगे, लेकिन रूह से रूह के नाते कैसे आखिर छूट जायेंगे? क्या मांगा जग से तूने क्या तूने इसको दिया, धुआं उठता चिता से तेरी कहता तूने कितना जिया? माना अग्नि ये तेरे शरीर को झुलसाएगी, मगर तेरी यादें तेरा इतिहास छीन ना पाएंगी। अपने जीवन को अमृत्व तक पहुंचने में तूने कितना प्रयास किया, कई सवालात करती है ये जलती हुई चिता। ©Consciously Unconscious जलती चिता मैं आ रहा हूं मुझे खुद में मिला लो हे पिता, बहुत कुछ कह जाती है जलती हुई चिता। यहां तेरा मेरा कुछ नहीं, मालिक यहां पर कौन है,
यशवंत कुमार
बूढ़ा तोता घोसले में बैठा बूढ़ा तोता, आज था जोर से भूखा। जमाने बाद इस बरस क्यूँ, ऐसा पड़ रहा था सूखा? न खाने को एक भी दाना था, न पीने को पानी। न दिखता था कोई आस-पास में, कर्ण -सा ही दानी। Read Full Poem in Caption #lifepoetry #itislife #respectoldpeople बूढ़ा तोता घोसले में बैठा बूढ़ा तोता, आज था जोर से भूखा। जमाने बाद इस बरस क्यूँ, ऐसा पड़ रह
Vandana
,,,,, क्या मांगा है और मांग भी क्या सकते हैं किसी से और कोई दे भी क्या सकता है देने वाला लेने वाला मिलाने वाला बिछड़वाने वाला वह परवरदिगार है जब