Find the Latest Status about निराकार का उपसर्ग from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, निराकार का उपसर्ग.
Parasram Arora
प्रेम मे संयोग और वियोग तत्व प्रेम को ऊर्जावान बनाते हैँ प्रेम का मूल्यांकन वियोग की पीड़ा को झेले बिना न किया जा सकता है और न ही समझा जा सकता है.. ज़ब वो प्रेम की पीड़ा समझ कर पुष्ट हो जाता है तो प्रेम एक दैवी ज्ञान बन जाता है जो हमारे अंतग और बाहर भी आँखों को प्रकाशमान करता है. तब उस प्रेम क़े निराकार स्वरूप क़े सौजन्य से हम दुनिया की हर वस्तु मे देवत्व का तत्व देख पाने मे सक्षम हो पाते हैँ ©Parasram Arora # प्रेम का निराकार रूप
kishan mahant
2 ll चौपाई ll शून्य माहि वह जोत दिखावे l चितवत देह दृष्टि नहिं आवे ll स्वर्ग सीस पग आहि पताला l येहि मत ब्रह्मा भौ मतवाला ll वह शून्य में ज्योति दिखाता है, अर्थात प्रकाश दिखता है, परंतु देखते हुए उस की देह दृष्टि में नहीं आता l उस निराकार -निरंजन का शीश स्वर्ग है और पांव पाताल है l इस वेद -मत ब्राह्मा मतवाला ( प्रसनन ) हो गया ©kishan mahant #निराकार ( निरंजन ) का पता लगाना 2
kishan mahant
ब्रह्मा का वेद को पढ़कर निराकार ( निरंजन ) का पता लगाना ll चौपाई ll ब्रह्मा वेद पड़न तब लागा l पड़त वेद तब भा अनुरागा ll कहे वेद पुरुष इक l है निराकार रूप नहिं ताही ll इसके पशचात आगे चलकर, तब ब्रह्मा वेद पड़ने लगे l वेद पढ़ते हुए ब्रह्मा को निराकार के प्रति अनुराग ( भक्त्ति -प्रेम ) हुआ l वेद कहता है कि एक पुरुष है, वह निराकार है, उसका कोई रूप नहिं है l ©kishan mahant #निराकार ( निरंजन ) का पता लगाना ब्रह्मा जी का
Parasram Arora
#Pehlealfaaz रूह के बारे मे सुना बहुत पर कभी रूह को महसूस नहीं किया हैँ औऱ परमात्मा ? रोज मंदिर जा कर देख आते हैँ पर उसकी साकार आकृति आज तक मैने देखी नहीं हैँ निराकार.......
Biikrmjet Sing
निराकार को पाने के चार सूत्र गुरु गोबिंद सिंह जी अनुसार:- 1. एकदृष्ट करना नेत्रों को और निराकार को देखना।। 2. हउमै मारना, हउ मुआ खुदा हुआ।। 3.निराकार प्रकाश को पहचान कर देख देख कर सच्चे मन से प्रेम करना।। 4 सभी चतुराईओं को छोड़ कर भोले भाव से दृड़ निश्चय से भरोसा करना।। ©Biikrmjet Sing #निराकार
Parasram Arora
वो दिन शुभ होगा ज़ब हम मूर्तियों से मुक्त हो सकें ताकि जो अमूर्त है उसके दर्शन सम्भव हो सके रूप पर जो रुका है वो अरूप पर नहीं पहुंच पाता है और. आकार जिसकी दृष्टि मे है वो निराकार सागर मे कैसे कूदेगा? हमें मूर्त को जलाना है ताकि अमूर्त की अनुभूति मे शेष रह सक़े ©Parasram Arora निराकार
vishnu prabhakar singh
गुम हो जाता है परस्पर अपेक्षा में काबिज़ चलन में उपसत्य जो है गुम हो जाता है धन अर्जन में रीती के टेक में उपवंश जो है गुम हो जाता है विकास के दौर में संयत के तौर में उपयोग जो है गुम हो जाता है पुत्र के मोह में मित्र के जोह में उपहार जो है गुम हो जाता है सेवा के भाव में मेवा के चाव में उपचित्त जो है जिस तरह समाजवाद का उपसर्ग परिवारवाद,उसी तरह नैतिकता का उपसर्ग बदलाव। #गुमहोजाताहै #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with Y
Parasram Arora
ईश्वर अनाम हैं नाम मे उसे मत घसीटों वह अरूप हैं रूप का आग्रह त्यागो वह निराकार हैं तुम उसे आकार देने की कोशिश मत करो ©Parasram Arora निराकार निरंजन