Nojoto: Largest Storytelling Platform

New बैरवा समाज के रिश्ते Quotes, Status, Photo, Video

Find the Latest Status about बैरवा समाज के रिश्ते from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, बैरवा समाज के रिश्ते.

Stories related to बैरवा समाज के रिश्ते

Er.Atul Kumar Gupta

#टूटे रिश्ते

read more
मैं जिसका दिल से जुड़ता हुँ,
 हमेशा उसी को खोता हुँ 😔
मेरी सजा मौत होनी चाहिए यारो,
 मैं एक लड़का होके रोता हुँ...
अतुल कुमार गुप्ता

©Er.Atul Kumar Gupta #टूटे रिश्ते

पूर्वार्थ

#समाज

read more
White आधुनिक समाज का सच

आज के इस आधुनिक युग में, देखो कैसा हाल हुआ,
रिश्तों का मोल घटा, हर रिश्ता बस सवाल हुआ।
दिल के बंधन अब कमजोर, स्वार्थ की दीवारें ऊँची,
भावनाएँ रह गईं पीछे, आगे दौड़ी इच्छाएँ दूषित।

रिश्ते अब खेल बन गए, बस पल भर की बात,
जहाँ प्यार की गहराई थी, वहाँ दिखावा है रात।
दिखावे की इस दुनिया में, सच्चाई गुमनाम हुई,
दिलों के जुड़ने की जगह, बस सौदे की बात हुई।

शादियाँ अब तमाशा हैं, बस एक आयोजन भव्य,
जहाँ सादगी थी पहले, अब दिखावे का पर्व।
सात फेरे, सात वचन, अब रस्में बन गईं,
जहाँ प्रेम था कभी गहरा, वहाँ रिवाजें सिमट गईं।

तलाक अब मजाक है, बंधन को तोड़ना आसान,
जहाँ समझौता था पहले, अब बस अभिमान।
साथ चलने की जगह, अलग राहें चुन ली जातीं,
प्यार की जगह नफरत, हर रिश्ते को खा जाती।

प्रोग्रेसिव इस समाज का, ये कैसा सच है भाई,
जहाँ रिश्तों की कीमत नहीं, बस स्वार्थ की भरपाई।
कहाँ गए वो दिन पुराने, जहाँ प्रेम था आधार,
आज तो सब बन गया है, बस एक व्यापार।

सोचो, समझो, और बदलो, रिश्तों को मोल दो,
जहाँ दिलों की बातें हों, वहाँ मत स्वार्थ जोड़ो।
इस आधुनिकता में कहीं, रिश्तों का सम्मान न खो दो,
वरना ये समाज एक दिन, बस खाली नाम रह जाएगा।

©पूर्वार्थ #समाज

usFAUJI

बदलते रिश्ते #रिश्ते #Relationships #usfauji

read more
🤔बदलता ज़माना🤔

©usFAUJI बदलते रिश्ते #रिश्ते #Relationships #usfauji #Nojoto

Nilam Agarwalla

Unsplash 
रिश्तों की अनुभूति जगत में, बीज खुशी के बोती है।
फसलें उगती अपनेपन की, मन की पीड़ा खोती है।
मत रखना मन में बैर कभी, छोटी छोटी बातों पर
तन्हाई से लीपट के फिर, आंखें अपनी रोती है।।
निलम अग्रवाला

©Nilam Agarwalla #रिश्ते

Drjagriti

Anuj Ray

# समाज के ठेकेदार"

read more
White सुप्रीम कोर्ट के कानून और संविधान की 
 बात मानकर चलने वाले कुछ लोग स्वयं को हिंदू प्रमाण करते हैं जिनको अपना सही दिए नहीं पता नहीं होता बड़ी-बड़ी सभा में बहुत तेज तकरार बहस भी करते हैं। 
मेरा एक प्रश्न है 
सुप्रीम कोर्ट कहता है एक विवाहित महिला 
विवाह के बाद छह मित्रों के साथ संपर्क बनाकर 
के शान से अपने परिवार में रह सकती है 
कितने हिंदू सनातनी इस बात से सहमत है।

©Anuj Ray # समाज के ठेकेदार"

pramod malakar

#दहेज समाज के लिए श्राप है

read more

Sunil Kumar Maurya Bekhud

रिश्ते
आजीवन हम सभी बनाते
तरह तरह के रिश्ते
इन रिश्तों के बीच में पड़कर
हरदम रहते पिसते

किसी से सुख मिलता है हमको
किसी से मिलता दुःख
अलग अलग रिश्तों पर अपना
रोज बदलता रुख

कोई रिश्ता नया बनाते
मिलती हमे मिठास
लेकिन जब जर्जर हो जाता
नहीं फटकते पास

बेखुद कोई दोस्त है बनता
कोई  बनता दुस्मन
बिन रिश्तों के रूप कई हैं
टूटें जब होता गम

©Sunil Kumar Maurya Bekhud #रिश्ते

Tripura kaushal

#समाज

read more
White               'समाज'
             _________
बदल रहा है आज समाज 
बदल रहा है रीति रिवाज,
लोगों के चाल-ढाल बदले
लोगों के हाव-भाव  बदले। 

कानून लीक से हट रहा आज अपराधी का फैल रहा राज, 
कहीं थकावट कहीं रुकावट 
कहीं दिखती जिंदगी बनावट। 

समाज के प्रति अपने दायित्वों का हमें भी मान होना चाहिए, समाज को विकसित करने में 
हम सबों का हाथ होना चाहिेए।

समन्वय से ही समाज में समरसता लाई जा सकती है समाज से जाए कुरीतियां,
समाज से मिटे सारी त्रुटियां।

रहे कोई भले ही दुराचारी
दिखलाओ उन्हें सही मार्ग
समाज सही तो देश बढ़े,
जब देश बढ़े,तो मान बढ़े।

समाज से पहचान हमारी
समाज में बसती जान हमारी,
एकता भरा अपनापन शोभित होगा हमारा समाज सुसज्जित।

-------🌻🌻---------🌻🌻------

(स्वरचित एवं मौलिक)
   त्रिपुरा कौशल🏵️

©Tripura kaushal #समाज

Rahul Varsatiy Parmar

#foryoupapa जिंदगी खुद के लिए जियो समाज के लिए नही #

read more
सुबह के 5 बज चुके है तो

जमाने ए बंदिश

खैर एक खयाल एक गजल देखिए
रातों की नींद से (अदावत/ दुश्मनी) हो गई है
हमे भी ज़माने के रिवाजों से (कदूरत/ नफरत) हो गई है
ज़माने- ए- बंदिश में कैद है (आबरू/ इज्जत) ) हमारी
अब खुद को ही खामोश कर रही है खामोशी हमारी
(मशगूल-ए- महफिल /मिलना जुलना)
 नही है रही अब फितरत हमारी
मशरूफ-ए-बेरुखी जिंदगी खुद से हमारी
हिदायत-ए -दिल है की मुखातिब हो ज़माने से
क्यों हया-ए- आबरू  खौफ से गुजरे जिंदगी हमारी

(मशरूफ/व्यस्त,) (बेरुखी/नाराजगी,)( हिदायत/ सलाह ,) (मुखातिब/ सामना,) (हया ए आबरू/ शर्म) ,(खौफ/ डर) 

इस गजल का सीधा सा मतलब है 4 लोगो क्या कहेंगे  इसे बेफिकर होकर जियो
निर्मला पुत्र सिद्धांत परमार

©Rahul Varsatiy Parmar #foryoupapa जिंदगी खुद के लिए जियो समाज के लिए नही #
loader
Home
Explore
Events
Notification
Profile