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Rahul Singh
परसि देखी छज्जा मा छैयी ब्याली स्वीणा मा ऐ गई आज मौली् माया भोल घाम ना लगाई हिन्दी अनुवाद परसों देखा था तो छत पे थी कल सपने में आ गयी आज प्यार हो गया और कल छोड़ कर मत जाना #garhwaligirl #garhwalishayar #garhwali
Ranveer__Maheshwari
भरी भरी सी हैं ज़िन्दगी, भावो में बहने लगा हूँ हाँ मैं तेरे प्यार में फिर से पड़ने लगा हूँ सोचा रुक जाएगी ज़िन्दगी, जब उसने मेरे दिल को तोडा लेकिन तूने आके मेरी ज़िन्दगी में इसका टुकड़ा टुकड़ा जोड़ा सपने लेने छोड़ दिया था, लगा था तनहा सा रहने अब तू मिली ज़िन्दगी में और तेरे सपने के सागर में लगा हूँ बहने भरी भरी सी हैं ज़िन्दगी, भावो में बहने लगा हूँ…. चली गयी थी चेहरे की हंसी आने लगे थे दुःख तुम मिली ज़िन्दगी में अब सच हैं सारे सुख प्यार एक शब्दो का खेल हैं. ऐसा लगा था सबसे कहने आज तो फिर से प्यार हो गया और लगा हूँ तेरे ख्वाबो में रहने ©Ranveer__Maheshwari भरी भरी सी हैं ज़िन्दगी, भावो में बहने लगा हूँ हाँ मैं तेरे प्यार में फिर से पड़ने लगा हूँ सोचा रुक जाएगी ज़िन्दगी, जब उसने मेरे दिल को तोडा ल
Amit Prajapt
imrankhan
भरी भरी सी हैं ज़िन्दगी, भावो में बहने लगा हूँ हाँ मैं तेरे प्यार में फिर से पड़ने लगा हूँ सोचा रुक जाएगी ज़िन्दगी, जब उसने मेरे दिल को तोडा लेकिन तूने आके मेरी ज़िन्दगी में इसका टुकड़ा टुकड़ा जोड़ा सपने लेने छोड़ दिया था, लगा था तनहा सा रहने अब तू मिली ज़िन्दगी में और तेरे सपने के सागर में लगा हूँ बहने भरी भरी सी हैं ज़िन्दगी, भावो में बहने लगा हूँ…. चली गयी थी चेहरे की हंसी आने लगे थे दुःख तुम मिली ज़िन्दगी में अब सच हैं सारे सुख प्यार एक शब्दो का खेल हैं. ऐसा लगा था सबसे कहने आज तो फिर से प्यार हो गया और लगा हूँ तेरे ख्वाबो में रहने भरी भरी सी हैं ज़िन्दगी, भावो में बहने लगा हूँ…. भरी भरी सी हैं ज़िन्दगी, भावो में बहने लगा हूँ हाँ मैं तेरे प्यार में फिर से पड़ने लगा हूँ सोचा रुक जाएगी ज़िन्दगी, जब उसने मेरे दिल को तोडा ल
vijay kumar
अलविदा मोहब्बत *~_**तुम्हे पाया भी है और खोया भी नही ,* *तुम हो दूर इतने की मेरे पास भी नही ,* *तुम्हे जो ढूढ़ता हूँ तो मिलती भी नही ,* *इस तरह मुझे सताते हो और मेरे सामने भी नही,* *तुम न मेरे अपने हो और पराये भी नही ,* *लगता है तुम्हे भूल गया हूँ पर भुला अब तक नही,* *हम तुम्हे इतना चाहते है की कोई हद ही नही ,* *और तुमने कभी मुझे चाहा ही नही ,* *तुमसे क्या शिकवा गिला करु जब तुम मेरे हो ही नही ,* *तेरे बगैर जी भी रहे है और है जिंदा हम भी नही ,* *तुम कभी नही आओगे जनता हूँ पर* *ये दिल माना अब तक नही ,* *तुमने इस तरह बदनाम कर दिया हमे कि* *हम बदनाम थे ही नही ,* *तुम्हे डर था की कही प्यार न हो जाये मुझसे* *और प्यार कभी हुआ भी नही ,* *दुनिया के डर से रिश्ते निभाते चले आ रहे थे* *और रिश्ता निभाया भी नही ,* *डर गये तुम उन जिम्मेदारियों से जिनसे कभी डरते भी नही ,* *हमे तुमसे प्यार हो गया और तुमको दोस्ती भी नही ,* *तुम हमे भुलाते भुलाते सो गये और हमे नींद तक नही ,* *तुम रहो हमेशा खुश ये दुआ मांगी थी* ? *और अब खुश हम भी नही ,* *तुम जिंदगी मे ऐसे आये की तुम जैसा कोई आया भी नही ,* *चले गये तुमसे दूर और दूर रहा भी नही ,* *तेरा मिलना एक सपना था और सपने मे हम अब भी नही ,* *तुम मिले तो लगा सब मिल गया और मिला कुछ भी नही ,* *वैसे तो तेरे बिना एक कमी से थी* *कमी है क्या पता भी नही ,* *कैसे कोई किसी को भूल जाता होगा* *मैं तो भुला अब तक नही ,* *तेरी याद हमेशा आती है पर अब तुम याद भी नही ,* *जानता हूँ तुम मेरे दिल मे हो पर दिल है कहा पता भी नही ,* *तेरे सारे वादे थे झूठे पर झूठे तुम भी नही ,* *की तो है तुमने बेवफाई पर बेवफा तुम भी नही ,* *जब तुम्हे पा कर भी खोना ही तो तुम तो अच्छे से मिले भी नही ,* *सुना था रब दो प्यार करने वालोको मिलाता है ,* *और हमे मिलाया भी नही ,* *मिल तो हम जाते ही शायद तुमको मुझसे प्यार था ही नही* *मैंने तुमको माना अपना रबऔर तुमने माना कुछ भी नही* *तुमने किये थे जो मुझसे वादे, वो वादे सच्चे थे ही नही ,* *तुमने गुजारा वक़्त मेरे साथ और* *मैंने समय बिताया ही नही ,* *तुम तो छोड़ कर चले गये थे मुझे पर* *मैंने तुम्हे छोड़ा अब तक नही ,* *तुमने तोड़ दी खा के मेरी कसम* *और बोलते हो झूठे हम भी नही ,* *मैं तुम पे कैसे यकीन करु ,* *मुझे तुम पे यकीन अब है भी नही ,* *तुमने बता दिया सब कुछ* *और मेरी सुनी कुछ भी नही ,* *तुम सुना के चले गये और मैंने कुछ सुना भी नही ,* *तुमने बात करनी बन्द कर दी और हमने बात की भी नही ,* *हम तुमसे कभी कभी मिलने भी आये और तुम मिले भी नही ,* *मिलते भी तो कैसे हम नसीब तो था ही नही ,* *जब नसीब था तो हम दोनो मिले भी नही ,* *तुम बदल गये दुनिया के लिए और दुनिया बदली भी नही ,* *मैंने कहा चलो साथ चलते है और तुम साथ चले भी नही ,* *तुम साथ चलते तो हम दुनिया बदल देते ,* *तुम साथ भी नही और बदली दुनिया भी नही ,* *तुम कहते थे तुम्हारे लिए कुछ भी कर देंगे और किया कुछ भी नही ,* *करते करते तुमसे प्यार हो गया और तुमको वो भी नही ,* *तेरे सुख मे साथ देने वाले सब थे ,* *दुख मे कोई भी नही ,* *एक पहले मैं भी तेरा था अब मैं भी नही ,* *तुमसे है कितना प्यार मुझे पता भी नही ,* *तुम लगते हो बेखबर पर बेखबर तुम भी नही ,* *अगर तुम मेरे नही तो किसी के भी नही ,* *क्योकि जो कभी किसी का भी नही हुआ ,* *वो खुद का भी नही ,* *तलाश कर लो मुझ जैसा कोई मिलेगा ही नही ,* *अगर मैं तुम्हे नही मिला तो मैं किसी का भी नही .* *मैं तुम और हमारे अनकहे अल्फ़ाज़* मेरी डायरी की शायरी ✍️ :- © विजय कुमार *~_**तुम्हे पाया भी है और खोया भी नही ,* *तुम हो दूर इतने की मेरे पास भी नही ,* *तुम्हे जो ढूढ़ता हूँ तो मिलती भी नही ,* *इस तरह मुझे सताते
UpG
तो आज फाइनली वो घड़ी आ चुकी थी,उन्होंने 2 बजे का समय दिया था मिलने के लिए।पर मेरे दिल में इतनी बेचैनी थी कि हम 10 बजे से ही वहां जाकर उनका इंतजार करने लगे।बार बार घड़ी देखते हुए बस मन में यही कह तर्क वितर्क कर रहे थे।जाने कैसी होगी हमारी ये पहली मुलाक़ात।हम तो पूरी तरह से उनमें खुद को महसूस करने लगे थे।पूरी ज़िन्दगी की पूरी एक प्रोजेक्ट फाइल तैयार कर ली थी ,कि अब उसके साथ क्या कहां कब कैसे जिंदगी बितानी है।एक हसीन सी जिंदगी का सपना सजा लिया था मैंने उसके साथ।आखिर यही सब सोचते सोचते अब 2 बज चुकें थे ।दिल की धड़कने बढ़ने लगी थी।और वो आया मुझे लगा आज जिंदगी का सबसे हसीन पल है पर वो कहते है ना कि खुशी ज्यादा देर तक रहती नहीं है ।वो मिला और हमेशा कि तरह कहा तुम अब मेरी बात सुनना और मुझे हो सके तो माफ़ कर देना।मैनें भी थोड़ा attitude में कहा okkk बताओ क्या बात है क्यों बुलाया तुमने हमें??? उसने कहा बस जिंदगी में। एक बार तुमसे मिलना चाहता था ।तुमने मुझ पर कितना यकीन किया ।पर मै शायद उस यकीन ले काबिल नहीं हूं।यकीन मानो मैं तुम्हे बहुत पहले ही सब बताना चाहता था।पर तुम्हारी मुस्कान ना चली जाए इस बात से डरता था ।याद है मैंने तुमसे कहा था कि fb से अपना नंबर प्राइवेट करदो क्योंंकि मै नहीं चाहता था कि तुम्हे कोई परेशान करे।मै तुम्हे समझना चाहता था।मुझे नहीं पता चला कि तुम्हारी बचकानी हरकतों से मुझे कब प्यार हो गया।और तुमसे मिलने के बाद मैं भूल गया कि मै तुम्हे अपना नहीं सकता ।दरअसल मेरा एक बेटा है।वो अभी 10 साल का है।वो मुझे मेरी जान से ज्यादा प्यार है।मुझे माफ़ करना मैंने तुमसे ये बात छुपाई।मुझे माफ़ का देना ।इतना कहकर वो तो चला गया। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि ये सब क्या हो गया।मतलब। मै जिसे क्या समझ रही थी वो क्या था।मैंने ना कुछ सोचा ना समझ बस गुस्से में घर लौट आती और उसे फोन करके कहा ये हमारी पहली नहीं बल्कि आखिरी मुलाक़ात थी।कभी मिलने की कोशिश मत करना और कॉल को कभी भी नहीं।। #Pehli_Mulakkat तो आज फाइनली वो घड़ी आ चुकी थी,उन्होंने 2 बजे का समय दिया था मिलने के लिए।पर मेरे दिल में इतनी बेचैनी थी कि हम 10 बजे से ही
KP EDUCATION HD
KP NEWS for the same for me to get the same ©KP NEWS HD 🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️👉जहां रुकिमी भगवान कृष्ण की कानूनी रूप से विवाहित पत्नी थीं, वहीं राधा उनकी प्रेमिका थीं. वे बचपन के दोस्त थे और दुनिया उनके एक-दू