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Mona_Insan_Dear
हम अपनी मुहब्बत में इतनी तो कुव्वत रखते हैं तुझे किसी का होने से पहले खुद को मिटाने की हिम्मत रखते है #कुव्वत #हिम्मत #मिटानेकी
LOL
कुछ और माँग लेते तो सर आँखों पर रखता तुम्हें भूलने की कुव्वत मुझमें नहीं.. ©KaushalAlmora #love #कुव्वत #yqdidi #yqbaba #shayari #भूलना #poetry #lovequotes
Shree
पुरुष करे बगावत समाज से तो आजाद ख्याल हैं... इससे शायद घर टूट सकते है... औरत खिलाफत करने की सोचे भी तो समाज टूटने लगता है। फिर भी औरत को पुरुष की जिम्मेदारी क्यों कहा जाता है? एक लाइन में कम से कम 50 से ज्यादा औरतों की जिंदगी देख रही हूं, सुन रही हूं... जिनके परिवार से सिर्फ़ उनकी वजह से टिके हुए हैं, बने हुए हैं,
Swakeeya ..
लगे वचन जनु बाण.... ....शब्द बड़े चुभते हैं। एक एक करके आ लगे ये तीर, ताउम्र सीने में धंसे रहते हैं। कुछ समय बाद इनकी वेदना नासूर की तरह अनवरत, काया को पीड़ा
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
चुप चुप सी मेरी मिल्लत की हालत क्यूं हैं,जब खौफे खुदा नही,तो फिर आज हमे *जालिम से*दहशत क्यूं है//१ यकीनन हम सोचा नही करते कभी अंजाम अपना, तो फिर आज हमे जल्लाद की*कयादत क्यूं है//२ ये महसूस तो करे के,रब रहता है हरदम करीब*रगे गूलू तो फिरआज हमे दर बदर भटकने की ज़रूरत क्यूं है//३ हम अपनी नाफरमानी,नादानी के खुद ही है*बाइस, तो फिर आज हमे खामखां औरो से शिकायत क्यूं है//४ जिस मिल्लत का*हामी हो अल्लाह और कूरान,तो फिर आज इस मिल्लत के हिस्से मे*ज़लालत कयू है//५ कुछ् संगदिलो के सीने मे है,उल्फत,तो फिर आज हम*बशर को बशर से इतनी नफरत क्यू है//६ बेशक हमको मयस्सर है बेशुमार तदादे कुव्वते बाजू,तो फिर आज हमे अबाबीलों के लश्कर की ज़रूरत क्यूं है//७ यकीनन देगा खुदा*फतेह,तू बस*इतेहाद से रह,जललाद खुद होगा खाक,फिर आज तेरे दिल मे *हताहत क्यूं है//८ ऐ मुसलमा न डर,तू*बातिले कसरत से,तेरी की थौ जंगे-बदर मे मदद वो खूदा आज भी है,फिर आज तू उस जात से*गफलत्त मे क्यू है//८* शमा की है उसी खुदा से दुआ,के दुश्मने इस्लाम को कर दाखिल, मजहबे इस्लाम् मे,तो फिर आज हमे इस जंग की*वजाहत क्यू है//९ shamawritesBebaak ©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर #lonely चुप चुप सी मेरी मिल्लत की हालत क्यूं हैं,जब खौफे खुदा नही,तो फिर आज हमे *जालिम से*दहशत क्यूं है//१*अत्याचारी*भय यकीनन हम सोचा नही क
shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
Naresh Chandra
ईद-ऊल_अजहा का असली सच कृपया अनुशीर्षक मे पढ़ें धन्यवाद 🙏🙏🙏 ©Naresh Chandra शमीम - भाईजान बकरीद आने वाली है और आपको हमारे घर पर होने वाली दावत में शरीक होना ही पड़ेगा कोई बहाना नहीं चलेगा। योगी - वो सब तो ठीक है मिय
Shree
प्रेम मिथ्या है! है क्या? ना ना... या शायद हां! मिथ्या वही तो है जिसकी सच्चाई से अवगत हैं ये संसार.... जैसे कि प्रेम से। तो हुए ना दोनों एक से! है ना..? अब क्या पता... शायद हां। (long post) पता नहीं कहां से समय भी निकल आया और लेख भी लिख गया। अब विषय के कितने समीप है, वो आप सब तो पढ़ कर बताइएगा। कोशिश की जा रही थोड़