Find the Latest Status about झुरते मी दिन रात जिवलगा from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, झुरते मी दिन रात जिवलगा.
सचिन
White असेन मी , नसेन मी, मी असून ही नसेन मी मी नसून ही असेन मी. ©सचिन #sad_shayari #मी मराठी कविता छोटी कविता मराठी
#sad_shayari #मी मराठी कविता छोटी कविता मराठी
read moreParasram Arora
White मेरा वो गमगीन दिन बह गया आंसुओ क़ी बाड़ मे और ज़ब रात हुई तों मै सोचने लगा आज का दिन इतना लम्बा कैसे हुआ? जो काटे नही क्तट रहा था ©Parasram Arora गमगीन दिन
गमगीन दिन
read moreहिमांशु Kulshreshtha
म़ै.... तुमसे प्रेम करना छोड़ दूँगा उस दिन, जिस दिन, सूर्य परिक्रमा शुरु करेगा पृथ्वी की, जिस दिन, आग लग उठेगी बर्फ़ में, जिस दिन कवियों के बिना लिखी जायेंगी कवितायें बस, उसी दिन तुम्हारे प्रति मेरी भावनायें शून्य हो जायेंगी और मैं, विलीन हो जाऊँगा शून्य में उस दिन....!!!! ©हिमांशु Kulshreshtha उस दिन...
उस दिन...
read moreमिहिर
White घनघोर अंधेरा छाया हो कोई आस ना हो कोई पास ना हो दिल घबराए मन भरमाए ओर छोर कुछ समझ ना आए कुछ देर रुको और सब्र करो कोई कदम न लो कोई वहम न लो कुछ देर वही बस रुके रहो अंधेरे में चलो नहीं अंधेरों को छटने दो आंखों को कुछ दिखने दो कुछ समय के बीते दिन होगा जब दिखे राह फिर राह चलो !! ©मिहिर #रात के बीते दिन होगा
#रात के बीते दिन होगा
read moremeri_lekhni_12
White बहर: मुफ़ाइलुन मुफ़ाइलुन मुफ़ाइलुन मुफ़ाइलुन) सियाह रात के ग़मों को मिटाना होगा, हर एक आँसुओं को अब मुस्कुराना होगा। ख़मोशियों में कैद थी जो सदा सदी से, उसे हवा बना के अब गुनगुनाना होगा। जो ज़ख्म दिल पे हैं, उन्हें रौशनी में लाओ, उन्हें छुपा के कब तलक सर झुकाना होगा। हयात लूट ली गई बेबसी के हाथों, इन्हें हज़ार बार चीर कर लौटाना होगा। ख़ुदी को मत दबा, खड़े हो, लडो ज़माने से, सफ़र में ख़ुद को अपना कारवां बनाना होगा। पूनम कोई अपना हो या ना हो सफ़र में, हर एक दर्द से नई दास्तां को सजाना होगा। ©meri_lekhni_12 सियाह रात.......
सियाह रात.......
read moreranjit Kumar rathour
अब नहीं आओगी न फिर कभी बस इतना ही बोल पाया था जाओ खुश रहना अपना ख्याल रखना अटकी सी थी आवाज मेरी इतना कह कर उसे भर लिया था अपनी बांहों मे ये सब कुछ अचानक से हुआ आवाज रुआसी थी सीने से लगकर बोली आउंगी न मानो ढाडस दे रही थी उस वक्त मै कितना छोटा हो गया था वो छोटी होकर भी बड़ी भींच लिया था इस कदर बांहों मे जैसे ये अखिरी हो पता है अब तो तमाम उम्र यादो संग गुजारनी है उसके लेकिन हा जाते जाते कहा था भूलाना मेरी गलतियों को लेकिन भूलना गलतियों को सिर्फ हमें नहीं खुश रहना अपना ख्याल रखना ©ranjit Kumar rathour आखिरी दिन
आखिरी दिन
read moreranjit Kumar rathour
और आज़ आखिरी दिन है कॉलेज का फिर शायद ही कोई मौका मिले कॉलेज आने का वैसे भी कौन आना चाहता है यहाँ सारे खड़ूस है सिवाय आपके सो आता रहा अब नहीं आना ये शब्द पता नहीं डरावने थे मगर पहली दफा एक आवाज़ निकली आना किसी बहाने बोल नहीं पाया वो समझती बहुत थी बोली आऊंगा न मन रखने के लिए बस इतने ही दिनों का साथ था शुक्रिया तुम्हारा तुमने जीवन मे एक नया पन्ना जोड़ा ©ranjit Kumar rathour आखिरी दिन
आखिरी दिन
read moreRajendrakumar Jagannath Bhosale
प्रबोधन गीत स्त्री दास्यत्व झुगारून ज्ञान दीप चेतवून शिक्षणाची दोरी ओढली शाळा मुलींची काढली ll धृ ll वंचित बहुजनांसाठी घेतले ज्ञान महिला शिक्षिका प्रथम बहुमान मुलींसाठी शाळा काढली महात्मा फुल्यांची सावली ll १ll बावनकशी काव्यलेखन दीनदलितांसाठी वेचले कण विधवासाठी माय साऊ धावली सत्यधर्म तत्वे आचरलीll २ll विसरू नका तिच्या त्यागाला सामाजिक कार्य कर्तृत्वाला स्वाभिमानी ज्ञानज्योती दिली स्त्रीमुक्तीची ठिणगी सुलगली ll ३ll ©Rajendrakumar Jagannath Bhosale बालक दिन
बालक दिन
read morenisha Kharatshinde
मी एक डिपार्टमेंट कुणाला माझी आता काळजीच नाही पहिल्यासारखे काही राहिलेच नाही कित्येक आले कित्येक गेले माझी व्यथा कुणा कळलीच नाही चाललंय ना डिपार्टमेंट एवढंच सर्वा दिसत आले कुणावाचून काही अडत नाही सगळेच असे म्हणत आले मनापासून काम करणारे क्वचितच मला समजू शकले नाहीतर पाट्या टाकणारे मलाच नावे ठेवून गेले पहिले कसे बरे होते प्रेम करणारे जुणे होते सहवासातील काही वर्षांतच डिपार्टमेंट घर होत होते काही वर्षे गेली की प्रेम जडते त्यांचे माझ्यावर मी ही फिदा होतो मग माझ्या स्टाफ परिवारावर स्वच्छता, नीटनेटकेपणा सर्व मनापासून असते मग माझे ते...मी त्यांचा आपलेपण येते मग शिकूदेत त्यांनाही इच्छेने एक घरपरिवार होऊदेत सेवेलाही जोर येईल मग सर्व प्रोब्लेम दूर होऊदेत नका बदलू इच्छेविरुद्ध डिपार्टमेंट जोरात चालूदेत काही चुकलं असेलतर नियम अर्थातच लागूदेत मी एक डिपार्टमेंट माझी व्यथा मला मांडूदेत चाललंय ना व्यवस्थीत जिथे तिथे तसंच चालूदेत..सेवेला बळ येऊदेत ✍️काव्यनिश ©nisha Kharatshinde मी एक डिपार्टमेंट
मी एक डिपार्टमेंट
read more