Find the Latest Status about ठंडी हवा काली घटा लिरिक्स from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, ठंडी हवा काली घटा लिरिक्स.
राकेश रोसन
गुरु कुल में आपका स्वागत है सर काटू सर कटाउ जूखे ना मारो माण दे आसीस कालका नित्रा चढाऊँ सीस ©राकेश रोसन जय काली
Shashi Bhushan Mishra
घटा सुहानी बन जाती है, बात रूहानी बन जाती है, दिल से जुड़ जाते हैं रिश्ते, रात कहानी बन जाती है, रंगे हृदय जब श्याम रंग में, प्रेम दिवानी बन जाती है, है अभ्यास निरंतर जिसका, कथा जुबानी बन जाती है, दी जाती जो चीज प्यार से, एक निशानी बन जाती है, बनकर ही हमराह आपकी, दोस्त सयानी बन जाती है, मन को भा जाए जो गुंजन, दिल की रानी बन जाती है, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ•प्र• ©Shashi Bhushan Mishra #घटा सुहानी बन जाती है#
Chitra Chakraborty
तू हवा है तो तेरे संग बहना है मुझे। अब सिर्फ तेरे दिल में रहना है मुझे। बरसों से दफ़न है बहुत कुछ अंदर। सीने से लगकर सब कहना है मुझे। ©Chitra Chakraborty #हवा
( prahlad Singh )( feeling writer)
White ll मेरी ईल्तजा तेरे वास्ते में हूं हवा तेरे वास्ते ये हैं सफर तन्हा हुआ तू है वफा मेरे वास्ते ll ©( prahlad Singh )( feeling writer) हवा#emotional_sad_shayari
koko_ki_shayri
"माँ काली" बढ़ा जब संसार में संहार, माँ ने लिया जन्म रूप बनके सात! क्रोध से किया असुरों का अंत, शिव के ऊपर रखा पैर हुआ क्रोध शांत!! ©koko_ki_shayri #maa काली....🙏🙏
Richa Dhar
घटा सावन की जिस रोज़ बरसती थी वो क्षण आज भी अविस्मरणीय है काले बादलों के बीच बारिश की बूंदों के साथ खाली सड़क पर तुम्हारा यूं घूमना और बेवजह अनगिनत बूंदों को हथेलियों पर गिनना और कनखियों से मुझे भी देखना मैं समझ लेती थी तुम्हारी मनोभावना को और मुस्कुरा कर तुम्हारा पागलपन देखती थी सब कुछ याद है मुझे याद है तुम्हारा खिड़की के बाहर हाथ निकाल के अपनी हथेलियों को गीला कर लेना और याद हो तुम,भीगी सड़कों पर चलके मेरे सूखे मन पर अपने पैरों के निशान को छोड़ना और मेरे मन को भिगो देना..... ©Richa Dhar #loyalty सावन की घटा
Vrishali G
Red sands and spectacular sandstone rock formations हवा.. हवाके झोके तेरे आस पास मंडरा रहे हैं बिते दिनो की यादो को झुला रहे है कभी लिखकर देख नाम हवाओपे अपना आखो मे रहने दे कोई प्यारा सा सपना बाते करके देख हवाओके साथ कूछ अनोखा सा लगेगा शायद तेरे हाथ ना कोशिश कर हवाके झोको का रुख बदलने की ये बात ना तेरे बस की है ना मेरे बस की ©Vrishali G #हवा
Shashi Bhushan Mishra
उल्टी हवा बहाने निकले, किस्मत को चमकाने निकले, मैं भी कुछ कर सकता यारों, दुनिया को दिखलाने निकले, थे ख़याल दकियानूसी के, फिर से राग पुराने निकले, फलां-फलां कारण थे इसके, कितने नए बहाने निकले, चलो पाप धो लेते चलकर, गंगा आज नहाने निकले, दाना चुगने कोई न आया, पंछी सभी सयाने निकले, वादा पूरा किया न अबतक, झूठे सभी बयाने निकले, बुरा वक़्त जब आकर घेरे, सारे अश्रु बहाने निकले, 'गुंजन' मन की सुनले अपनी, हम भी पुण्य कमाने निकले, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' चेन्नई तमिलनाडु ©Shashi Bhushan Mishra #उल्टी हवा बहाने निकले#