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Deepak Kumar 'Deep'
White जब_जब तुम्हारी #जुल्फें, इन #फ़िज़ाओं में लहराई हैं! सच मानो #अर्श पर, काली #घटा उमड़ आयी हैं!! ✍️ ©Deepak Kumar 'Deep' #julfian
Deepak Kumar 'Deep'
White जब_जब तुम्हारी #जुल्फें, इन #फ़िज़ाओं में लहराई हैं! सच मानो #अर्श पर, काली #घटा उमड़ आयी हैं!! ✍️ ©Deepak Kumar 'Deep' #sad_shayari
Shubham Bhardwaj
White काली-काली घटाओं ने.मौसम सुहाना कर दिया। तपती हुई धूप का,छिपना-छिपाना कर दिया।। वक्त गुजरता रहा देखो गरम हवाओं के थपेड़ों में। आज मस्त-मस्त बरसात ने दिल दीवाना कर दिया।। ©Shubham Bhardwaj #sad_shayari #काली #घटा #बरसात #मस्त #हवा #दिल
Shashi Bhushan Mishra
घटा सुहानी बन जाती है, बात रूहानी बन जाती है, दिल से जुड़ जाते हैं रिश्ते, रात कहानी बन जाती है, रंगे हृदय जब श्याम रंग में, प्रेम दिवानी बन जाती है, है अभ्यास निरंतर जिसका, कथा जुबानी बन जाती है, दी जाती जो चीज प्यार से, एक निशानी बन जाती है, बनकर ही हमराह आपकी, दोस्त सयानी बन जाती है, मन को भा जाए जो गुंजन, दिल की रानी बन जाती है, --शशि भूषण मिश्र 'गुंजन' प्रयागराज उ•प्र• ©Shashi Bhushan Mishra #घटा सुहानी बन जाती है#
#घटा सुहानी बन जाती है#
read moreShubham Bhardwaj
सावन की घटाओं में,हमने एक बवंडर देखा है। बरसात की हर बूंद में,बनता एक समंदर देखा है।। ©Shubham Bhardwaj #Barsaat #सावन #की #घटा #में #एक #समंदर #बरसात #बूंद
Uttam Dixit
घनघोर घटा जब भी आए, संग यादें लाए साजन की, फिर मेरा पूरा बदन जलाए, बेख़ौफ़ ये बूंदें सावन की, इस विरह की हालत न पूछो, है कितना इसमें दर्द सुनो, इक मोहन की याद में रोती हैं, गलियां सब वृंदावन की.. #udquotes ❤️🙏❤️ #udshayari #घटा #साजन #सावन #विरह #मोहन
WRITER AKIL
fouji "Hindustani"
#आओ.....#सनम #सावन का कोई #गीत मिलकर #गुनगुनाते हैं #तुम #बादल बनो और #हम #घटा बन कर #छा जाते हैं.. #SawanLoveSeason
Ghumnam Gautam
पैरों तले तारे ""'''''''''''''''''''''" मैं बहती हुई हवाओं में था तुझ संग था,तो खलाओं में था... बिजली की छिटकन तेरी अदा थी गर्जन मेरी सदाओं में था... गुदगुदी-सी होती थी, तारे पैरों तले जब पड़ते थे... चांदनी की बेल पकड़, सूरज ही पर हम चढ़ते थे... उमंग-ओ-अहसास का मौसम हरसू दसों दिशाओं में था... हर अमा मज़ेदार थी, हम मिलकर चाँद छुपाते थे... बादलों के पीछे बैठ, वहीं घंटों फ़िर बतियाते थे... तेरी ही तो आँखों का काजल उमड़ती हुई घटाओं में था... मैं बहती हुई हवाओं में था... मिलकर तुझसे था सूफियाना नहीं दुनियावी गुनाहों में था तुझ संग था,तो खलाओं में था... #खलाओं=अंतरिक्ष, #अमा=अमावस्या #मैं #हवा #घटा