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Zazbaat - e - dosheza💕💕 .....
तुम्हें अपने लिए प्यार देखना है तो मेरी इन आंखों में देखो😍 जो तुम्हारे सामने आते ही शर्म से झुक जाती हैं 🙈 उफ्फ ये अदा 🙈🙈💕💕और तुम्हारा प्यार😘😘
Roshan Shayar
उफ्फ यह अदा मेरे दिल पर बिजली गिरा रही है ये मोहब्बत से अनजान है इसलिए मेरे इतना करीब आ रही है ©Roshan shayar उफ्फ यह अदा...#shyari #shayarana #baatein #nojotohindi
mohit k bagriya
बस यादों का दरिया ही सहेजें बैठे हैं सीने में..... ईश्क तकदीर में नहीं लिखा और मज़ा नहीं लिखा जीने में....... -मोहित कुमार बगड़िया उफ्फ! ये #यादें
Megha Raj. " बदली"
वो इश्क़ को न जाने किस किस से छिपाते है और हम हर नज़्म में इश्क़ लिख जाते है । बदली उफ्फ ये इश्क़
( W.T) ग्रुप अनवर अनवर हु यार
ये नफरत करने वाले मोहब्बत क्या जाने दिल कितना रोता है रातो मे ये दगा करने वाले क्या जाने ©سید انوار حسین उफ्फ ये नफरत
Sunita Shanoo
तमाम यादें समेट कर मिटाकर अश्क आंखों से वह बोली भी तो बस इतना वो खुश है मेरे बगैर... तो रहे खुश। उफ्फ ये तनहाइयाँ
Mani_l
कभी सिद्धत की गर्मी, कभी बारिश की फुहारें, ये सितम्बर और मोहब्बत, समझ से परे है हमारे। उफ्फ ये सितम्बर।
Santosh Verma
परेशानियों का ये वक्त बस आपको याद कर पा रहा हूँ 1 ना बात ना मुलाकात बस याद कर पा रहा हूँ; परेशानिया इस कदर घेरे है हमे बस मिलने का इन्तेज़ार कर पा रहा हूँ 1 उफ्फ ये परेशानिया
Tr. Vikash Kumar Pandey
उफ़क...!! ये बंदर !! मुझ अभागिन को जाने क्यों सताता है ? मुझ दुखियारी से उमर की मारी से क्या इसका नाता है ? कभी बिखेर देता है मेरी सब्जियां अरमानों की तरह, कभी समेट देता है बिखरी सब्जियां खुशियों की तरह, इसका समेटना-बिखेरना मुझे समझ नहीं आता है । उफ्फ...!! ये बंदर !! कभी छेड़ता है मुझे ज़िद करता है मुझसे एक पोते की तरह, कभी सम्भालता है सहलाता है मुझे एक बेटे की तरह, इसकी ज़िद, इसका अपनापन जाने क्यों मुझे भाता है ? उफ्फ...!! ये बंदर !! मेरी भावनाओं को ज़ुबान ने ठुकराया बेज़ुबान ने अपनाया, मेरे कांपते हाथों से लाठी ने ही हाथ झटका इसने हाथ अपना थमाया, इसका अपनापन ही मुझे गमों से बचाता है । उफ्फ...!! ये बंदर !! अच्छा लगता है मुझे जब भी सताता है । उफ्फ...ये बन्दर !!!