Find the Latest Status about 'आजादी की और' from top creators only on Nojoto App. Also find trending photos & videos about, 'आजादी की और'.
Rani Yadav
कृपया टाईटल पर किल्क कर पढ़े #कड़वी सच्चाई जैसे-जैसे रात ठली, उसकी आवाज कानों में गूंजने लगी, क्या-क्या नहीं कह गई, पर गलत तो नहीं कही, और कहां वो गलत थी, ये मैं सोच रह
Prince Thakur
आज नहीं तो काल हिन्दुस्तान पर हमारा राज। ©Prince Thakur शायरी और गजल की दुनिया #आजादी
❝Ꭰ♅ꂅꂅᏒᕱϳ КuოᕱᏒ❞❎🙂🙂
बचपन और उम्मीद इस समझदारी की😍दुनिया से अच्छा तो वो बचपन❤️ही था ना कोई जरूरत थी ना कोई जरूरी था💞 @Do_alfaaz1919👈 बचपन और आजादी
Nilam Jat
बचपन और उम्मीद हमारी भी यारी थी,जो सबसे प्यारी थी। ना घर का ठिकाना था,बस दोस्तों का सहारा था। वो भी क्या बचपन था, जो दोस्तों का साथ ही सबकुछ था। बस अपनी ही मस्ती में डूबे रहना,किसी की कोई परवाह ना करना। हर एक छोटी खुशी को दोस्तों के साथ मिलकर बड़ी खुशी मनाना। वो भी क्या बचपन था,ना घर का Tension,ना किसी की परवाह थी। कहा बड़े हो गये, इस ज़िन्दगी की उलझन में पड़ गए,काश फिर वही दोस्तों का साथ मिल जाए, उन्हीं के साथ अपनी मस्ती में डूब जाए। #बचपन और आजादी
payal kuwar
एक ख्वाब सजाने की सपनों की पैमानों की उड़ जाने की नील गगन में हौसलों की उड़ान दूर गगन में भड़ने की कोई साथ नहीं है तो क्या हुआ पाएेंगे मंजिल देर हीं सही पर जाऐंगे ऊंची दूर कहीं लौट कर भी आऐंगे साथ खुशियों की बहार लाऐंगे कोई खुश नहीं तो क्या करें क्या जीने का ना हम राह चुनें....?? मरना इतना आसान कहाँ चल रहे सफर में दूर तलक है ख्वाबों की राह जहाँ......... ©payal kuwar # सपनों की आजादी #
Raje
घर ( पिंजरे ) में कैद पंछी , उड़ने के लिए उतना ही बेताब होता है। जिस तरह एक माचिश की तिलि में, न जाने कितने ज्वालामुखी को, खामोशी से छुपा के रखता है । ©Raje बेताबी आजादी की
RauliMishra
हर काम करने को आजाद है हम न रखते कोई भी गम हिम्मत भर लो अपने अंदर न समझो कि किसी से कम है हम।। आजादी की शान
प्रतिहार
ये क्या दे रहे हो भाई, मुझे रास नहीं आई! 73सालो कि आजादी, हमें तो नहीं मिल पाई! आजादी की बधाई, हमें क्यो दे रहे हो भाई? बांधा गया है देखो ना हमें सवर्ण के बेड़ियों में! खाना शेरों का छिन छिन, बांटा जाता है भेड़ियो में! ये हांथों की बेड़ियाँ मेरी आज भी ना खुल पाई! आजादी की बधाई, हमें क्यो दे रहे हो भाई? तु खुश रह कि तुझे आजादी मिली आज थी, गोरो से! कैसी आजादी? गदहे भी जब जीत रहे हैं घोड़ो से! तुझसे ज्यादा काबिल होकर नौकरी नहीं मिल पाई! आजादी की बधाई, हमें क्यो दे रहे हो भाई? मुगलों से हम हि उलझे, अरबों को हमने मारा था! विर शिवाजी हम ही थे, राणा प्रताप हमारा था! सबसे पहले, हमने हि,आजादी कि बिगुल बजाई! आजादी की बधाई, हमें क्यो दे रहे हो भाई? पहला शहिद मंगल पांडे, या वृद्ध कुंवर कि बात करो! आजाद हिंद तक पैसो को, किसने पहुंचाया याद करो! हमने जन्मा वीरांगना, झांसी की रानी लक्ष्मीबाई! आजादी की बधाई, हमें क्यो दे रहे हो भाई? छोड़ो खुशियों के दिन में अपने, दर्द को कितना खुर्दु मैं! हम ना होते भाई साब! पढते लिखते तुम उर्दू में! घुमो, नाचो, गाओ बोलो वन्दे मातरम् भाई! हां मगर, आजादी की बधाई हमें रास न आई!! लेखक-- पवन प्रतिहार आजादी की बधाई