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kalamwali6511
White सालो हो गए,अब तो पीछा छोड़ दे ए बीमारी तू मेरा humsafar तो नहीं जो तेरे साथ उमर काटूं ©kalamwali6511 #emotional_sad_shayari Ajay Kumar Gireesh jat PREM Kumbhkar Riya Soni Ankit 09 BANK
#emotional_sad_shayari Ajay Kumar Gireesh jat PREM Kumbhkar Riya Soni Ankit 09 BANK
read morekalamwali6511
White मेरी चाहत है किसी मोड़ पर मुलाकात हो उससे और वो दुआ करता है मेरी ये चाहत कभी पूरी न हो ©kalamwali6511 #summer_vacation #suman singh rajpoot Nîkîtã Guptā Dhrama Joshi Ajay Kumar Abhay maurya (pathik)
#summer_vacation #SUMAN singh rajpoot Nîkîtã Guptā Dhrama Joshi Ajay Kumar Abhay maurya (pathik) #SAD
read moreLucky Dhart
White जो अपना था ही नहीं उसे खोना क्या , जो चला गया खातिर उसके रोना क्या । ये दिल ही है जो मानता नहीं, बाकी तो बस, खातिर मेरे उसका होना ना होना क्या ।। ©Lucky Dhart #Night #dheartway Manu Govind Batra Ajay kumar Aariya writer Suresh Gulia DASHARATH RANKAWAT SHAKTI
#Night #dheartway Manu Govind Batra Ajay kumar Aariya writer Suresh Gulia DASHARATH RANKAWAT SHAKTI #शायरी
read morean aspirant nilu
White लड़की बनके है जन्म लिया मानू मैं हर मर्यादा समाज की में तो शुभचिंतक हूं समाज की । पुरुषवादी सत्ता के जो आडम्बर बने है आज भी मैं पालना करू हर उस बात की मैं तो शुभ चिंतक हूं समाज की । बचपन से लेकर अब तक यही है मुझको सिखलाया बेटी को संस्कार सभी हो कहा फिक्र करता कोई पुरुषों के संस्कार की। मै तो शुभ चिंतक हू समाज की। मां से मेने सीखे हर गुण स्त्रीत्व वाले भी वो घूंघट की ओट में अपने विचारो पर ताले भी। मैं क्या ही बात करू अधिकार की मै तो शुभ चिंतक हूं समाज की ।। मेरी लाज काज के रक्षक वो है । फिर भोगी में बलात्कार की कोई प्रश्न करू लज्जित हो जाऊ बात उठती ही नहीं सम्मान की। मैं तो शुभ चिंतक हूं समाज की कोई भोर भरे उठ जाता है कोई जोर जोर चिल्लाता है मध्य रात्रि में भी उठ उठ कर पालना करती पति को हर बात की मैं तो शुभ चिंतक हूं समाज की कुमकुम ,पायल ,बिंदी और कंगन निशानिया मुझे ही तो दिखानी है सुहाग की करवाचौथ की भूख से लेकर सती कुण्ड की आग तक नारी हूं बलिदानी बन के रक्षा करू उनके स्वाभिमान की । मैं तो शुभचिंतक हु समाज की ।। वक्त बदल रहा हालत की अब दशा कुछ और है स्त्री कमजोर नहीं मगर पुरषो के समाज को स्त्री वर्ग का ही एक हिस्सा मजबूत बनाता है जो आज भी स्त्री होकर खुद स्त्री को समाज के पुरुषवादी विचारो के आधार पर जीने के लिए एक माहोल को सजाए हुए है ये कविता उन्ही स्त्रीयों के लिए जो पुरुषवाद की शुभचितक तो है मगर मानवता वाद की समानता भूल गई है ©an aspirant nilu #Road Ajay Kumar Ak Brajesh Kumar Bebak N.B.Mia
Meena Singh
White shubh din aap ko ©Meena Singh #eidmubarak Meena Singh
#eidmubarak Meena Singh #भक्ति
read moreMeena Singh
कुछ और कहो जब मेरे पास है दुनिया ©Meena Singh #sugarcandy Meena Singh
#sugarcandy Meena Singh #विचार
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