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Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात)
मेरी खामोशियाँ और तेरा रूठ जाना आहिस्ता आहिस्ता दिल का टूट जाना ये मोड़ ज़िंदगी का सोचा न था हमनें जन्मों का बंधन दो पल में छूट जाना ©Adv. Rakesh Kumar Soni (अज्ञात) #खामोशियाँ
बेजुबान शायर shivkumar
White अगर खामोशी की जुबान समझ पाओ बिन कहे जो आप मेरे अल्फ़ाज़ समझ जाओ । और दूरियां ही प्रेम की ताकत है। दूर रहकर भी कितनी है वफ़ा काश वो वफ़ा समझ जाओ। बस एक तुझसे मतलब है । बात छोटी है पर , हाल ए दिल की बात समझ जाओ .. #like#insta#good#radharani#shri ji#post ©बेजुबान शायर shivkumar #खमोशी #खामोशियाँ #बेजुबानशायर #कविता #बेजुबानशायर143
खमोशी खामोशियाँ बेजुबानशायर कविता बेजुबानशायर143
read moreShivam Pandey
a-person-standing-on-a-beach-at-sunset खामोशियाँ चीखती रही लफ़्ज़ ख़ामोश रहे, एक उम्र तक हम उसकी यादों में कुछ यूँ मदहोस रहे! ©Shivam Pandey #SunSet #Nojoto #Hindi #hindiquotes खामोशियाँ चीखती रही लफ़्ज़ ख़ामोश रहे एक उम्र तक हम उसकी यादों में कुछ यूँ मदहोस रहे नितिन कुमार 'हर
#SunSet #Hindi #hindiquotes खामोशियाँ चीखती रही लफ़्ज़ ख़ामोश रहे एक उम्र तक हम उसकी यादों में कुछ यूँ मदहोस रहे नितिन कुमार 'हर
read moreनवनीत ठाकुर
हर बात में छुपा वो इशारा अजब सा था, जुमला तो उनका तीर, मगर असर ग़ज़ब सा था। खामोशियाँ भी जैसे फ़ासलों का हिसाब थीं, हँसी में जो छुपाई गई, वो दर्द की किताब थीं। लफ़्ज़ों के परदे में छुपा था जो राज़ उनका, वो कहानी अधूरी थी, मगर बेहिसाब थीं। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर हर बात में छुपा वो इशारा अजब सा था, जुमला तो उनका तीर, मगर असर ग़ज़ब सा था। खामोशियाँ भी जैसे फ़ासलों का हिसाब थीं, हँसी में ज
#नवनीतठाकुर हर बात में छुपा वो इशारा अजब सा था, जुमला तो उनका तीर, मगर असर ग़ज़ब सा था। खामोशियाँ भी जैसे फ़ासलों का हिसाब थीं, हँसी में ज
read moreनवनीत ठाकुर
White गुफ़्तगू थी जिनसे, अब खामोशियाँ हैं बाकी, साथ जो चलते थे, वो कारवां ठिकाने गए। नक़ाबों के पीछे छुपी थी जो असलियत, मगर इतना तो हुआ, कुछ चेहरे पहचानने गए। इक हल्की सी लहर ने सारा दरिया हिला दिया, वक्त की शिद्दत से कुछ अरमाँ तक उड़ने गए। जो साथ थे कभी, अब दिलों में दूरियाँ बन गईं, लेकिन उन दूरियों से कुछ रिश्ते नया रंग लेने गए। अल्फाज़ वो जो कभी मुस्कान से बयाँ होते थे, वो अब चुप्पियों में छुप कर रह जाने गए। ©नवनीत ठाकुर #नवनीतठाकुर गुफ़्तगू थी जिनसे, अब खामोशियाँ हैं बाकी, साथ जो चलते थे, वो कारवां ठिकाने गए। नक़ाबों के पीछे छुपी थी जो असलियत, मगर इतना त
#नवनीतठाकुर गुफ़्तगू थी जिनसे, अब खामोशियाँ हैं बाकी, साथ जो चलते थे, वो कारवां ठिकाने गए। नक़ाबों के पीछे छुपी थी जो असलियत, मगर इतना त
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